पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि हमारे हज़ारों युवा जेलों में हैं, धार्मिक विद्वानों के यहां छापा डाला जाता है. सरकार दावा करती रहती है कि जम्मू कश्मीर में स्थिति सुधर गई है. अगर स्थिति सुधर गई होती तो इतने अधिक मानवाधिकार उल्लंघन नहीं होते.
बीते वर्ष अक्टूबर में जम्मू कश्मीर और मेघालय के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने आरोप लगाए थे कि उन्हें जम्मू कश्मीर का राज्यपाल रहने के दौरान दो फाइलों को मंज़ूरी देने के बदले 300 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी. इस संबंध में बीते अप्रैल माह में सीबीआई ने दो मामले दर्ज किए थे.
पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि एक शादी में पट्टन जाना चाहती थीं, इसलिए उन्हें नज़रबंद किया गया. उन्होंने जोड़ा कि यदि पूर्व मुख्यमंत्री के मौलिक अधिकारों को इतनी आसानी से निलंबित किया जा सकता है, तो आम लोगों की पीड़ा के बारे में कोई सोच भी नहीं सकता. पुलिस के उनके दावे का खंडन पर उन्होंने कहा कि पुलिस झूठ बोल रही है.
जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर मरम्मत कार्य के चलते हज़ारों की संख्या में सेब से भरे ट्रक कई दिनों से जाम में फंसे हैं. यह सेब देश के विभिन्न हिस्सों में जाने हैं. जहां एक ओर किसानों को अब सेब सड़ने का डर सता रहा है, वहीं प्रशासन का कहना है कि आने वाले दिनों में हालात और ख़राब हो सकते हैं.
बीते 12 मई को बडगाम ज़िले के चादूरा तहसील कार्यालय में कार्यरत कश्मीरी पंडित कर्मचारी राहुल भट्ट की उनके दफ्तर में आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसके बाद घाटी से सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करने की मांग को लेकर कर्मचारी लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं.
जनगणना-2011 के मुताबिक भारत में मुस्लिम आबादी 14.2 फीसदी है, जबकि जेल सांख्यिकी-2021 बताती है कि भारतीय जेलों में हिरासत में रखे गए क़ैदियों में मुसलमानों की संख्या उनकी आबादी के अनुपात से दो गुना अधिक है.
कश्मीरी प्रवासी कर्मचारियों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात के बाद पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश आज ऐसे चौराहे पर खड़ा है जहां पर लोगों के पास न तो कोई अधिकार है और न ही उनकी शिकायतों को उठाने के लिए कोई मंच.
नवंबर 2021 में श्रीनगर के हैदरपोरा में पुलिस मुठभेड़ में मारे गए चार लोगों में से एक आमिर लतीफ़ माग्रे भी थे. मुठभेड़ की प्रमाणिकता को लेकर जनाक्रोश के कुछ दिन बाद जम्मू कश्मीर प्रशासन ने दो मृतकों के शव उनके परिजनों को सौंपे थे, जिसके बाद माग्रे के परिवार ने भी उनका शव सौंपे जाने की मांग की थी.
वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि 10 दिन में अपनी नई राजनीतिक पार्टी बनाएंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ लोग कह रहे हैं कि वे अनुच्छेद 370 के बारे में बात नहीं करते, लेकिन वे कहना चाहेंगे कि आज़ाद चुनावी फायदे के लिए लोगों को बेवक़ूफ़ नहीं बनाता.
आरोप था कि नवंबर 2021 में सुरक्षा बलों द्वारा हिजबुल मुज़ाहिदीन के एक आतंकवादी मुदासिर जमाल वागे को मारने के बाद एक शख़्स ने कुलगाम में ग्रामीणों को जनाज़े की नमाज़ के लिए उकसाया था. इसे लेकर 10 लोगों पर केस दर्ज हुआ था और दो पर यूएपीए के तहत आरोप लगाए गए थे.
राजौरी ज़िले में सहायक आयुक्त स्तर के एक अधिकारी ने सहकर्मियों के साथ खाना खाते हुए पूछा था कि जब ऋग्वेद में मांसाहार की अनुमति दी गई है तो वो इससे असहमत क्यों हैं. इसे लेकर एक सहकर्मी ने उनके ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज करवाई. ज़िला प्रशासन का कहना है कि इस बयान से क़ानून व्यवस्था की समस्या पैदा हो सकती थी.
एनजीओ ‘वी द सिटिजंस’ ने एक याचिका में 1989-2003 के दौरान जम्मू कश्मीर में 'हिंदुओं और सिखों के कथित जनसंहार को अंजाम देने वालों की पहचान के लिए एसआईटी गठित करने की मांग की थी. इससे सुनने से इनकार करते हुए अदालत ने उसे केंद्र तथा उचित प्राधिकार के समक्ष अभ्यावेदन देने को कहा है.
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की हालिया रिपोर्ट बताती है कि वर्ष 2021 में कुल 6,533 लोगों की तस्करी होने की जानकारी मिली है, जिनमें से 2,877 बच्चे और 3,656 वयस्क हैं. इसके अलावा तस्करी के 2,189 मामले दर्ज किए गए, जिनमें केवल 16 फीसदी मामलों में दोषसिद्धि साबित हुई.
श्रीनगर के राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान ने अपने छात्रों से कहा है कि वे एशिया कप के तहत होने वाले भारत और पाकिस्तान के बीच टी20 क्रिकेट मैच के दौरान अपने-अपने कमरों में रहें और अन्य छात्रों को अपने कमरे में प्रवेश न दें, न ही समूहों में मैच देखें और मैच के संबंध में सोशल मीडिया पर किसी भी प्रकार की सामग्री पोस्ट करने से बचें.
कांग्रेस छोड़ने वाले वरिष्ठ नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि उन्हें नई पार्टी के गठन की घोषणा करने की कोई जल्दी नहीं थी, फिर भी वे जल्द ही इसकी घोषणा करेंगे क्योंकि जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव नज़दीक हैं. वहीं, आज़ाद के समर्थन में कांग्रेस की जम्मू कश्मीर इकाई के पांच नेताओं ने भी पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया है.