द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
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‘कारवां’ पत्रिका को आईटी अधिनियम के तहत मिले एक नोटिस में कहा गया है कि अगर वह 24 घंटे के भीतर अपनी वेबसाइट से जम्मू कश्मीर में सेना द्वारा आम नागरिकों की कथित हत्या से संबंधित लेख नहीं हटाती है, तो पूरी वेबसाइट हटा दी जाएगी. पत्रिका ने इसे अदालत में चुनौती देने की बात कही है.
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटने के बाद यह पहली बार है कि मानवाधिकार का मुद्दा आधिकारिक स्तर पर उठाया जाएगा. राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के एक नोटिस में कहा गया है कि इसकी एक समिति 7 फरवरी से 9 फरवरी तक श्रीनगर में कथित मानवाधिकार उल्लंघनों के संबंध में आम जनता की शिकायतों पर सुनवाई करेगी.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से आयुष्मान भारत- स्वास्थ्य केंद्रों का नाम बदलकर 'आयुष्मान आरोग्य मंदिर' करने को कहा गया था. लद्दाख में क्षेत्र के सबसे प्रभावशाली बौद्ध संगठन और निर्वाचित प्रतिनिधियों ने इसे सूबे के लोगों की भावनाओं का अपमान बताया है.
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वीडियो: जम्मू-कश्मीर के हालात, राम मंदिर, सांप्रदायिकता, मोदी सरकार के कामकाज समेत विभिन्न मुद्दों पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फ़ारूक़ अब्दुल्ला के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की बातचीत.
पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सुप्रीम कोर्ट को हस्तक्षेप कर जम्मू-कश्मीर के विधानसभा चुनाव पर निर्देश पारित करना पड़ा. उन्होंने राजस्थान के साथ 40 साल के लिए बिजली ख़रीद समझौते का भी विरोध किया है. उन्होंने कहा कि यह हमारे संसाधनों की लूट है.
पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फ़ारूक़ अब्दुल्ला 2001 से 2012 तक जम्मू कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष थे. समन में उन्हें श्रीनगर में ईडी कार्यालय में पेश होने के लिए कहा गया है. उनके ख़िलाफ़ आरोप है कि उन्होंने एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में अपने पद का ‘दुरुपयोग’ कर खेल निकाय में नियुक्तियां की थीं.
पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ़्ती ने अपने पिता और पीडीपी संस्थापक मुफ़्ती मोहम्मद सईद की पुण्यतिथि पर कहा कि केंद्र सरकार पूर्वोत्तर के राज्यों में आतंकवादियों से बात में शामिल है, जबकि जम्मू-कश्मीर में आपने आम लोगों को आतंकवादी क़रार दिया है. उन्हें गिरफ्तार कर जेलें भर दी हैं. उन्होंने पूछा कि कोई अपने नागरिकों के साथ ऐसा करता है क्या?
वीडियो: हिट एंड रन मामलों में एक नए दंड प्रावधान के ख़िलाफ़ ट्रक ड्राइवरों के राष्ट्रव्यापी विरोध के बाद केंद्र सरकार ने बीते 2 जनवरी को ट्रांसपोर्टरों को आश्वासन दिया था कि भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) के तहत ऐसे मामलों में कड़े प्रावधानों को लागू करने का निर्णय अखिल भारतीय मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) के परामर्श के बाद ही लिया जाएगा.
सीजेआई का इंटरव्यू याद दिलाता है कि वाक्चातुर्य कला है और कोई उसका माहिर हो सकता है लेकिन क्या वह ईमानदारी से बोल रहा है? चतुर वक्ता पक्ष चुनते हैं या दिए हुए पक्ष के लिए तर्क जुटाते हैं. वे यह कहकर अपने कहे की ज़िम्मेदारी से मुक्त नहीं हो सकते कि पक्ष उनका नहीं. हम जानते हैं कि उन्होंने अपना पक्ष चुना है.
हिट एंड रन मामलों में एक नए दंड प्रावधान के ख़िलाफ़ ट्रक ड्राइवरों के राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. केंद्र ने उन्हें आश्वासन दिया कि भारतीय न्याय संहिता के तहत ऐसे मामलों में कड़े प्रावधानों को लागू करने का निर्णय अखिल भारतीय मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) के परामर्श के बाद ही लिया जाएगा.
केंद्र सरकार द्वारा लाई गई नई भारतीय न्याय संहिता में हिट एंड रन के मामलों को लेकर 10 साल की सज़ा और 7 लाख रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है, जिसके ख़िलाफ़ देशभर के ट्रांसपोर्टर और ड्राइवर हड़ताल पर चले गए हैं. इसके चलते विभिन्न राज्यों में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित हुई है.
तहरीक-ए-हुर्रियत का नेतृत्व एक समय दिवंगत अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी करते थे, जिनकी जगह मसरत आलम भट ने ली थी. भट की पार्टी मुस्लिम लीग ऑफ जम्मू कश्मीर को भी 27 दिसंबर को प्रतिबंधित कर दिया गया था. गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि तहरीक-ए-हुर्रियत जम्मू कश्मीर को अलगाव को बढ़ावा देने की गतिविधियों में शामिल है.