द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
वीडियो: उत्तरी कर्नाटक भाजपा का गढ़ माना जाता है और यहां इसकी पकड़ ख़ासी मज़बूत बताई जाती है. वहां इस विधानसभा चुनाव में क्या समीकरण है, इसके बारे में बता रहे हैं द वायर के पॉलिटिकल एडिटर अजॉय आशीर्वाद.
भले ही ज़्यादातर चुनाव पूर्व सर्वेक्षणों में कांग्रेस आगे है, मगर पिछले चुनावी प्रदर्शनों को पैमाना बनाएं तो मत प्रतिशत के मामले में यह पीछे रही है. साथ ही, कांग्रेस नेताओं को यह डर भी है कि यदि पार्टी बड़े अंतर से नहीं जीती तो भाजपा के धनबल के सामने टिकना उसके लिए आसान नहीं होगा.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आईआईटी-धारवाड़ के नए स्थायी परिसर का उद्घाटन किया गया था. एक आरटीआई आवेदन के जवाब में सामने आया है कि इस समारोह के लिए लोगों को कार्यक्रम स्थल तक लाने-ले जाने के लिए केएसआरटीसी की बसों पर 2.83 करोड़ रुपये और लंच के लिए 86 लाख रुपये ख़र्च किए गए. आयोजन की ब्रांडिंग पर अलग से 61 लाख रुपये ख़र्च हुए.
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और जद (एस) नेता एचडी कुमारस्वामी ने भाजपा को पाखंड और झूठ से भरी पार्टी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को ‘राजनीतिक गिरगिट’ क़रार दिया. बीते दिनों चुनावी राज्य कर्नाटक में अमित शाह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कांग्रेस और जद (एस) को ‘परिवारवादी’ और भ्रष्ट कहा था.
राज्यसभा नियमों के अनुसार, बहस के दौरान राजनीतिक दलों की संख्या के अनुसार समय का आवंटन किया जाता है. जिस दल के जितने अधिक सदस्य होते हैं, उसे उतना ही अधिक समय दिया जाता है. पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा सदन में अपनी पार्टी जद (एस) के एकमात्र सदस्य हैं, इसलिए उन्हें अपनी बात रखने के लिए सबसे कम समय आवंटित होता है.
तेरह राज्यों और दादरा एवं नगर हवेली की तीन लोकसभा सीटों व 29 विधानसभा सीटों पर गत 30 अक्टूबर को हुए उपचुनाव में पश्चिम बंगाल में टीएमसी, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस, हरियाणा में आईएनएलडी, बिहार में जदयू को सफलता मिली है. असम, मध्य प्रदेश और कर्नाटक में सत्तारूढ़ भाजपा को लाभ हुआ है.
कर्नाटक में कांग्रेस के मीडिया समन्वयक एमए सलीम और पूर्व लोकसभा सदस्य वीएस उग्रप्पा के बीच उस बातचीत का वीडियो सामने आया है, जिसमें एक घोटाले में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार की कथित संलिप्तता का ज़िक्र किया गया है. इसे लेकर पार्टी ने सलीम को छह साल के लिए निष्कासित कर दिया और पार्टी प्रवक्ता उग्रप्पा को ‘कारण बताओ नोटिस’ जारी किया है.
कर्नाटक के पूर्व मंत्री और कागवाड़ से विधायक श्रीमंत पाटिल उन 16 विधायकों मे शामिल थे, जो 2019 में कांग्रेस पार्टी से भाजपा में शामिल हो गए थे, जिसके बाद राज्य की एचडी कुमारस्वामी की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार गिर गई थी. पाटिल का कहना है कि पैसे की यह पेशकश ‘ऑपरेशन लोटस’ के दौरान की गई थी, जब येदियुरप्पा सरकार सत्ता में आई थी.
पेगासस प्रोजेक्ट के तहत द वायर द्वारा की गई समीक्षा में सामने आया है कर्नाटक में 2019 में जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन की सरकार गिरने से पहले पूर्व उपमुख्यमंत्री जी. परमेश्वर और तत्कालीन मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के निजी सचिवों के फोन नंबर को संभावित हैकिंग के लिए बतौर टारगेट चुना गया था. कांग्रेस ने पूरे मामले की उच्चतम न्यायालय की निगरानी में स्वतंत्र जांच की मांग की है.
वीडियो: इज़रायल के एनएसओ ग्रुप के अज्ञात भारतीय क्लाइंट की दिलचस्पी वाले फोन नंबरों के रिकॉर्ड की द वायर द्वारा की गई समीक्षा के अनुसार, जुलाई 2019 में कर्नाटक में विपक्ष की सरकार को गिराने के लिए पूर्व उपमुख्यमंत्री जी. परमेश्वर और तत्कालीन मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के निजी सचिवों को निगरानी के लिए संभावित लक्ष्य के रूप में चुना गया था.
पेगासस प्रोजेक्ट: रिकॉर्ड्स दिखाते हैं कि 2019 में कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार गिरने से पहले पूर्व उपमुख्यमंत्री जी. परमेश्वर और तत्कालीन मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी व पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के निजी सचिवों के फोन नंबर को संभावित हैकिंग के टारगेट के बतौर चुना गया था.
कर्नाटक की बीएस येदियुरप्पा सरकार में मंत्री रमेश जारकिहोली ने एक आपत्तिजनक सीडी बरामद होने और यौन उत्पीड़न के आरोपों के बीच इस्तीफ़ा दे दिया था. इसके बाद भाजपा सरकार के छह अन्य मंत्रियों ने अदालत का रुखकर मीडिया को उनके ख़िलाफ़ कोई भी अपमानजनक सामग्री प्रकाशित या प्रसारित करने से रोकने का अनुरोध किया था.
कर्नाटक विधानसभा के बृहस्पतिवार से शुरू हो रहे बजट सत्र के पहले जल संसाधन मंत्री रमेश जारकिहोली के ख़िलाफ़ इस तरह के आरोप लगने से बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार आलोचनाओं से घिर गई थी. राज्य में विपक्षी कांग्रेस और जेडीएस मंत्री के इस्तीफ़े की मांग कर रहे थे.
भाजपा के विधान परिषद सदस्य एएच विश्वनाथ उन 17 विधायकों में शामिल हैं, जिन्हें कर्नाटक विधानसभा से अयोग्य घोषित किया गया था और इसी कारण एचडी कुमारस्वामी की अगुवाई वाली तत्कालीन जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन सरकार गिर गई थी.