सोशल मीडिया पर सामने आए एक वीडियो में भोपाल के बैरसिया में भाजपा के जिला पंचायत सदस्य उनके नाबालिग बेटे को ईवीएम पर भाजपा के चुनाव चिह्न का बटन दबाने की कहते हुए दिख रहे हैं. इस सीट पर 7 मई को मतदान हुआ था. कांग्रेस ने घटना की आलोचना करते हुए कहा है कि भाजपा ने चुनाव आयोग को बच्चों के खिलौने में बदल दिया है.
मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के ‘मिशन 29’ की राह का सबसे बड़ा रोड़ा बनी वरिष्ठ कांग्रेसी कमल नाथ के प्रभाव वाली छिंदवाड़ा लोकसभा सीट को जीतने के लिए पार्टी ने ‘दल बदल की राजनीति’ को अपना सबसे बड़ा हथियार बनाया है.
कमलनाथ 2018 के विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस की मध्य प्रदेश इकाई के अध्यक्ष बनाए गए थे. उनकी जगह लेने वाले जीतू पटवारी हालिया संपन्न विधानसभा चुनाव में राऊ सीट से चुनाव हार गए थे. इसके अलावा उमंग सिंघार को विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया गया है. वहीं, छत्तीसगढ़ में पार्टी ने चरण दास महंत को नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया है.
शाम सात बजे मध्य प्रदेश की कुल 230 विधानसभा सीटों में से भाजपा 101 पर जीत चुकी है और 63 सीटों पर आगे है. वहीं कांग्रेस में अब तक 31 सीटें जीती हैं और 34 पर बढ़त बनाए हुए है. एक सीट पर भारत आदिवासी पार्टी आगे है.
घटना मध्य प्रदेश के शहडोल ज़िले की है. बीते 25 नवंबर को ज़िले के गोपालपुर गांव में सोन नदी के तट पर राजस्व अधिकारी प्रसन्न सिंह और तीन अन्य पटवारी निरीक्षण के लिए गए थे, जब उनकी हत्या कर दी गई. पुलिस ने इस संबंध में ट्रैक्टर चालक और वाहन के मालिक को गिरफ़्तार कर लिया है.
मध्य प्रदेश में चौदहवीं विधानसभा (2018-2023) ने भाजपा और कांग्रेस, दो सरकारों को देखा, जहां जनता ने राजनीतिक महत्वाकांक्षाएं, दल-बदल तो देखे ही, साथ ही बढ़ती कट्टरता और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को पैठ बनाते देखा. इन पांच सालों के घटनाक्रमों से प्रदेश में भविष्य की राजनीति की दिशा समझी जा सकती है.
वीडियो: बीते दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मध्य प्रदेश के दौरे पर थे, जहां वे विभिन्न ज़िलों में पार्टी के नाराज़ नेताओं से मिलते नज़र आए. क्या यह विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी की मुश्किल होती राह का इशारा है, बता रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान.
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ गठबंधन पर बातचीत विफल रहने के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने राज्य की छह सीटों पर उनका जनाधार होने की बात कही थी. हालांकि, सपा के प्रदर्शन का चुनाव दर चुनाव विश्लेषण करने पर कांग्रेस की हिचकिचाहट की वजह साफ हो जाती है.
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए गुरुवार को कांग्रेस की दूसरी सूची जारी होने के साथ 230 विधानसभा सीटों में से 229 पर इसके प्रत्याशियों के नाम साफ़ हो गए हैं. हालांकि, टिकट वितरण को लेकर विरोधी स्वरों के बीच पार्टी द्वारा 'सर्वे कर टिकट बांटने' के दावे पर भी सवाल उठ रहे हैं.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के मुताबिक़, भाजपा के 129 विधायकों में से 107 (83%) करोड़पति हैं, जबकि कांग्रेस के 97 विधायकों में से 76 (78%) करोड़पति है. चार में से तीन निर्दलीय विधायक भी करोड़पति हैं.
मध्य प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा उम्मीदवारों की दूसरी सूची में तीन केंद्रीय मंत्रियों समेत 7 सांसदों और राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को टिकट मिला है. कई वरिष्ठ नेताओं के चुनाव में उतरने पर कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व मुख्यमंत्री चेहरे को बदलने की फिराक़ में है.
मध्य प्रदेश के अनूपुर ज़िले का मामला. पिचरवाही गांव के निवासी आदिवासी बरनू सिंह बीते 18 सितंबर को अपने दोस्त भोमा सिंह के साथ बाइक पर अनूपपुर जा रहे थे, तभी एक वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी. आदिवासी व्यक्ति से मारपीट की इस घटना को लेकर विपक्षी कांग्रेस ने नाराज़गी जताई और सत्तारूढ़ भाजपा पर ‘आदिवासी विरोधी’ होने का आरोप लगाया.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मध्य प्रदेश के सागर ज़िले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव जीतने के बाद उनकी पार्टी प्रदेश में जाति आधारित जनगणना कराएगी और संत रविदास के नाम पर एक विश्वविद्यालय स्थापित करेगी.
घटना सिंगरौली ज़िले की है, जहां भाजपा विधायक रामलल्लू वैश्य के बेटे विवेकानंद वैश्य ने सड़क पर हुए एक विवाद में बीचबचाव करने पहुंचे एक आदिवासी शख़्स सूर्य प्रकाश खैरवार पर गोली चला दी. गोली खैरवार के हाथ में लगी. पुलिस ने कहा है कि वैश्य के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कर लिया गया है.
मृत चीते की पहचान सूरज के रूप में हुई, जिसे इस साल फरवरी में दक्षिण अफ्रीका से कूनो नेशनल पार्क लाया गया था. बीते 11 जुलाई को तेजस नामक चीते की मौत हो गई थी. इसके साथ ही बीते मार्च महीने से भारत में मरने वाले अफ्रीकी चीतों की कुल संख्या आठ हो गई है.