सिल्कयारा सुरंग में निर्माण के दौरान पिछले 5 वर्षों में 19 से 20 बार ढहने की घटनाएं हुई थीं: रिपोर्ट

राष्ट्रीय राजमार्ग और अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड के निदेशक ने बताया कि भूस्खलन की घटनाएं हर सुरंग निर्माण के दौरान होती हैं, लेकिन इस बार हम बदकिस्मत रहे, क्योंकि मज़दूर फंस गए थे. उत्तराखंड के सिल्कयारा में बीते 12 नवंबर को निर्माणाधीन सुरंग का एक हिस्सा ढहने से इसमें फंसे 41 श्रमिकों को 17 दिनों के कड़े संघर्ष के बाद बाहर निकाला गया है.

उत्तराखंड: इस साल चारधाम यात्रा के दौरान अब तक 200 तीर्थयात्रियों की जान गई

उत्तराखंड राज्य आपातकालीन नियंत्रण केंद्र के आंकड़ों के मुताबिक़, अप्रैल से शुरू हुई चारधाम यात्रा के दौरान अब तक सर्वाधिक 96 मौतें केदारनाथ मार्ग पर हुईं. इसके बाद यमुनोत्री में 34, बद्रीनाथ में 33, गंगोत्री में 29, हेमकुंड साहिब में 7 और गोमुख में 1 मौत हुई हैं.

हिमाचल प्रदेश में बारिश संबंधी घटनाओं में कम से कम 55 लोगों की मौत

देश के हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड राज्य में बारिश का कहर जारी है. हिमाचल में कई जगहों पर भूस्खलन हुए हैं, जिससे प्रमुख सड़कें अवरुद्ध हो गईं, घर और मंदिर क्षतिग्रस्त हो गए हैं. उत्तराखंड में में बारिश से जुड़ीं घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गई और 10 लोग लापता बताए गए हैं.

अधिक तीर्थयात्रियों को भेजने के चक्कर में हम पवित्र स्थानों को नष्ट कर रहे हैं: लेखक अमिताव घोष

ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित लेखक अमिताव घोष ने कहा कि जब जलवायु परिवर्तन असर दिखा रहा है, मानव हस्तक्षेप आपदा को और बढ़ा रहे हैं. जैसा कि जोशीमठ में हुआ. केदारनाथ और बद्रीनाथ की तीर्थ यात्रा पर जाने का पूरा मतलब यह है कि यह कठिन है. लोगों के वहां जाने के लिए परिवहन की व्यवस्था करने का कोई मतलब नहीं है. जहां एक ओर पर्यावरण की रक्षा को लेकर बैठकें हो रही हैं, वहीं दूसरी ओर खनन के लिए

केदारनाथ में तीर्थयात्रियों को ले जा रहा हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त, पायलट समेत सात की मौत

अधिकारियों ने बताया कि दुर्घटना का शिकार हुए श्रद्धालु एक निजी कंपनी के हेलीकॉप्टर से केदारनाथ मंदिर के दर्शन करके वापस लौट रहे थे, तभी केदारनाथ से दो किलोमीटर आगे रास्ते में उनके हेलीकॉप्टर में आग लग गई. घटना की मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिए गए हैं.

उत्तराखंड: केदारनाथ के गर्भगृह की दीवारों पर सोने की परत चढ़ाने के विरोध में उतरे पुजारी

केदारनाथ मंदिर की चारों दीवारें चांदी की परत से ढकी हुई हैं, जिन्हें हटाकर अब सोने की परत चढ़ाई जा रही है. पुजारियों के एक वर्ग का कहना है कि इस प्रक्रिया में बड़ी ड्रिलिंग मशीन के प्रयोग से दीवारों को नुकसान हो रहा है.

उत्तराखंड: चारधाम यात्रा में इस साल अब तक 203 तीर्थयात्रियों की मौत

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, 26 जून तक चारधाम यात्रा पर आने वाले 203 श्रद्धालुओं की स्वास्थ्य संबंधी कारणों से जान चली गई. इनमें से सबसे ज़्यादा 97 लोगों की मौत केदारनाथ में हुई, जबकि बद्रीनाथ में 51, यमुनोत्री में 42 और गंगोत्री में 13 तीर्थयात्रियों ने जान गंवाई है.

उत्तराखंड: इस साल की चारधाम यात्रा में अब तक 78 तीर्थयात्रियों की जान गई

राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, तीन मई से शुरू हुई चारधाम यात्रा में अब तक स्वास्थ्य समस्याओं के चलते केदारनाथ जाते समय 41, यमुनोत्री जाते समय 20, बद्रीनाथ के रास्ते में 13 और गंगोत्री जाने के दौरान चार तीर्थयात्रियों की जान गई है.

हिंदुत्व नेताओं की चारधाम में ग़ैर-हिंदुओं पर रोक की मांग, मुख्यमंत्री बोले- सत्यापन करेंगे

हरिद्वार के हिंदू नेताओं की शंकराचार्य परिषद ने 17 अप्रैल को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर मांग की थी कि ग़ैर-हिंदुओं को चार धाम मंदिरों में प्रवेश करने से रोका जाए. अब मुख्यमंत्री ने कहा है कि ऐसा अभियान चलाया जाएगा कि तीर्थ यात्रा के लिए बाहर से आने वालों का उचित सत्यापन हो और जिनका सत्यापन नहीं हुआ है, वे स्वयं आकर कराएं.

चारधाम राजमार्ग के चौड़ीकरण से तिब्बत की ओर से चीन का ख़तरा कम नहीं होगा

उत्तराखंड के जोखिमग्रस्त पारिस्थितिक क्षेत्रों में सड़कों, ख़ासकर राजमार्ग का निर्माण अनिवार्य तौर पर इस तरह से होना चाहिए कि ये भारत के लिए अपने ही पांव में कुल्हाड़ी मारने वाले न साबित हों.

सुप्रीम कोर्ट ने चारधाम परियोजना को मंज़ूरी की सूरत में सुरक्षा उपाय को लेकर सुझाव मांगे

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि उन्होंने इस मामले में अभी तक अपना मत नहीं बनाया है. साथ ही कहा कि वह जो सवाल पूछ रही है, वे इस मुद्दे पर संबंधित पक्षों से बेहतर प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए हैं. केंद्र ने शीर्ष अदालत के आठ सितंबर, 2020 के आदेश में संशोधन करने की मांग की है, जिसमें कोर्ट ने चारधाम राजमार्ग परियोजना के लिए निर्धारित कैरिजवे की चौड़ाई 5.5 मीटर का पालन करने को कहा गया था.

क्या अदालत देश की रक्षा ज़रूरतों को दरकिनार कर कह सकती है कि पर्यावरण की जीत होगी: कोर्ट

केंद्र ने शीर्ष अदालत के आठ सितंबर, 2020 के आदेश में संशोधन करने की मांग की है, जिसमें कोर्ट ने चारधाम राजमार्ग परियोजना के लिए निर्धारित कैरिजवे की चौड़ाई 5.5 मीटर का पालन करने को कहा गया था. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि राष्ट्र की रक्षा और पर्यावरण की सुरक्षा के साथ सभी विकास टिकाऊ और संतुलित होने चाहिए. 

उत्तराखंड: केदारनाथ में त्रिवेंद्र सिंह रावत का विरोध, बिना दर्शन किए वापस लौटना पड़ा

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के केदारनाथ पहुंचने पर हेलीपैड से मंदिर के रास्ते में तीर्थ-पुरोहितों ने उन्हें काले झंडे दिखाए और जमकर नारेबाज़ी करते हुए उन्हें वहां से वापस जाने को मजबूर कर दिया. रावत के कार्यकाल के दौरान चारधाम देवस्थानम बोर्ड की स्थापना के बाद से ही चार हिमालयी मंदिरों के पुरोहित इसका विरोध कर रहे हैं. 

चारधाम परियोजना: आपदाओं के बावजूद पर्यावरण से खिलवाड़ पर क्यों आमादा है केंद्र

2019 में केंद्र ने बिना पर्यावरण स्वीकृति के अपने दिए मानकों के उलट चारधाम परियोजना शुरू करवाई. जब सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित कमेटी ने इससे हिमालयी पर्यावरण को क्षति पहुंचने की बात कही, तब रक्षा मंत्रालय ने बीच में आकर सड़कों को सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बताते हुए इनके चौड़ीकरण की मांग की है.