प्रदेश में स्थानीय प्राधिकरणों द्वारा चलाए जा रहे बुलडोज़र अभियानों के ख़िलाफ़ मुखर कार्यकर्ता जै़द पठान को खरगोन में राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत गिरफ़्तार किया गया है. उन पर समुदायों के बीच नफ़रत फैलाने, धार्मिक भावनाएं भड़काने और सोशल मीडिया मंचों पर आपत्तिजनक पोस्ट करने के आरोप लगाए गए हैं.
मध्य प्रदेश के खरगोन शहर में बीते 10 अप्रैल को रामनवमी के जुलूस के दौरान सांप्रदायिक हिंसा हो गई थी. अधिकारी ने बताया कि हिंसा को उकसाने के मुख्य आरोपियों में से एक इक़बाल बानी, अफ़ज़ल और अर्श उर्फ कैफ़ को गिरफ्तार किया गया है.
अधिकारियों ने बताया कि सीआरपीसी की धारा 144 के तहत लागू निषेधाज्ञा भी समाप्त कर दी गई है. खरगोन में 10 अप्रैल को रामनवमी पर निकाले गए धार्मिक जुलूस के दौरान हुई हिंसा में दुकानों, घरों एवं वाहनों को नुकसान पहुंचाया गया था. इसके बाद पूरे शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया था. हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी.
मध्य प्रदेश के खरगोन शहर में बीते 10 अप्रैल को रामनवमी के जुलूस के दौरान हिंसा हुई थी, जिसके बाद शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया. ढील न दिए जाने के संबंध में एक अधिकारी ने कहा कि खरगोन में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और शहर के सभी धार्मिक स्थल मंगलवार को बंद रहेंगे.
वीडियो: मध्य प्रदेश के खरगोन शहर में सांप्रदायिक हिंसा के बाद यहां से आठ किमी दूर कुकडोल गांव में अब्दुल हमीद और उनका परिवार 12 अप्रैल की रात को तब दहशत में आ गया था, जब 20 वर्षीय बलराम चौहान उर्फ बलराम राजपूत के नेतृत्व में भीड़ ने उनके घर पर धावा बोल दिया. अब्दुल का आरोप है कि भीड़ ने उनकी मूक बधिर बेटी के साथ बलात्कार करने की धमकी दी, उनकी पत्नी के कपड़े फाड़े और पत्थरों से
वीडियो: मध्य प्रदेश के खरगोन शहर में 10 अप्रैल को रामनवमी के जुलूस के दौरान हिंसा भड़कने के बाद से 28 वर्षीय इबरिस खान लापता हो गए थे. उनका परिवार तब से उन्हें लगातार तलाश रहा था. बीते 17 अप्रैल को पता चला कि एक अज्ञात शव मिला था. खरगोन में फ्रीज़र सुविधा न होने के चलते शव को पोस्टमॉर्टम के बाद इंदौर के एक अस्पताल भेज दिया गया था. शव की पहचान इबरिस के रूप में हुई थी.
मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी के अवसर पर निकाली गई शोभायात्रा के दौरान पथराव के चलते दो समुदायों के बीच हिंसा भड़क गई थी, तब से खरगोन कर्फ्यू के साये में है. दो दिनों से कर्फ्यू में कुछ घंटों की ढील दी गई है. पुलिस के मुताबिक, मामले में अब तक 64 एफआईआर दर्ज की गई हैं.
पुलिस ने बताया कि शहर में सांप्रदायिक हिंसा के अगले दिन 11 अप्रैल को एक अज्ञात शव मिला था. खरगोन में फ्रीज़र की सुविधा उपलब्ध न होने के चलते शव को पोस्टमार्टम के बाद इंदौर के अस्पताल में रखा गया था. वहीं, मृतक इब्रेश ख़ान के परिवार का आरोप है कि 12 अप्रैल को कुछ लोगों ने उसे पुलिस की हिरासत में देखा था.
मध्य प्रदेश के खरगोन शहर में रामनवमी पर हुई सांप्रदायिक हिंसा के बाद ज़िला प्रशासन द्वारा कई घरों और दुकानों को गिराने की कार्रवाई की गई थी. इसमें हसीना फ़ख़रू का भी मकान अवैध बताकर बुलडोज़र से ढहा दिया गया था, जबकि उनके पास उपलब्ध दस्तावेज़ बताते हैं कि वह मकान प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत स्वीकृत था.