मई 2022 से कश्मीर में बढ़े लक्षित हत्याओं के मामलों के बाद से प्रधानमंत्री पुनर्वास पैकेज के तहत काम कर रहे अनेक कश्मीरी पंडित घाटी से तबादले की मांग को लेकर जम्मू में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे. 4 मार्च को प्रदर्शन ख़त्म करते हुए उन्होंने कहा कि कई महीनों से वेतन रोके जाने से वे आर्थिक तौर पर टूट चुके हैं और अब उनके पास प्रशासन के आगे 'सरेंडर' करने के अलावा कोई रास्ता नहीं है.
वीडियो: बीते 26 फरवरी को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा ज़िले के अचन गांव में कश्मीरी पंडित संजय कुमार शर्मा की आतंकवादियों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. कश्मीरी पंडितों की निशाना बनाकर लगातार की जा रही हत्या के विरोध में यहां के लोगों में आक्रोश है.
बीते सोमवार को प्रधानमंत्री पैकेज के तहत काम करने वाले प्रदर्शनकारी जम्मू में राहत आयुक्त के कार्यालय के बाहर इकट्ठा हुए और 26 फरवरी को दक्षिण कश्मीर के पुलवामा ज़िले के अचन इलाके में कश्मीरी पंडित संजय कुमार शर्मा की आतंकवादियों द्वारा गोली मारकर हत्या के विरोध में प्रदर्शन किया.
दक्षिण कश्मीर के पुलवामा ज़िले के अचन गांव में हुई आतंकी घटना. मृतक की पहचान संजय कुमार शर्मा की रूप में हुई. कश्मीरी पंडितों की निशाना बनाकर की जा रहीं हत्याओं के बाद प्रशासन द्वारा उनके घर को 24 घंटे सुरक्षा प्रदान की जा रही थी. अचन में संजय का अकेला कश्मीरी पंडित परिवार है, जो घाटी में सशस्त्र विद्रोह शुरू होने पर यहां वापस आ गया था.
बीते 12 मई को बडगाम ज़िले के चादूरा तहसील कार्यालय में कार्यरत कश्मीरी पंडित कर्मचारी राहुल भट्ट की उनके दफ्तर में आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसके बाद घाटी से सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करने की मांग को लेकर कर्मचारी लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं.
मंगलवार को शोपियां में आतंकवादियों ने दो कश्मीरी पंडित भाइयों पर हमला किया, जिसमें एक की मौत हो गई. इसके बाद कश्मीरी पंडित संघर्ष समिति ने कहा कि कश्मीरी पंडितों के लिए केवल एक ही विकल्प बचा है कि घाटी छोड़ दें या फिर धार्मिक कट्टरपंथियों के हाथों मार डाले जाएं.
शोपियां ज़िले में आतंकवादियों ने दो कश्मीरी पंडित भाइयों पर हमला किया, जिसमें एक की मौत हो गई और एक घायल हैं. वहीं, स्वतंत्रता दिवस की कड़ी सुरक्षा के बावजूद कश्मीर में रविवार और सोमवार को चार हमले हुए, जिनमें दो पुलिसकर्मी मारे गए और दो अन्य लोग घायल हो गए.
जम्मू कश्मीर के बड़गाम ज़िले के चादूरा में कश्मीरी पंडित तहसील कर्मचारी राहुल भट की आतंकवादियों द्वारा हत्या किए जाने के विरोध में बीते 12 मई से समुदाय के कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन जारी है. 13 मई को प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने उन पर लाठीजार्च कर दिया था, जिसके जांच के आदेश दिए गए हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि प्रधानमंत्री के लिए कश्मीर पर बनी फिल्म पर बोलना, कश्मीरी पंडितों के नरसंहार पर बोलने से ज़्यादा
जम्मू कश्मीर में बीते बृहस्पतिवार को बडगाम ज़िले के चादूरा में एक कश्मीरी पंडित तहसील कर्मचारी राहुल भट आतंकियों ने उनके कार्यालय में घुसकर हत्या कर दी थी. इसके बाद शुक्रवार को पुलवामा ज़िले में शुक्रवार को एक कॉन्स्टेबल की उनके घर में घुसकर हत्या कर दी गई. कश्मीरी पंडित उनके जीवन की रक्षा करने में सरकार के ‘नाकाम’ रहने के ख़िलाफ़ बृहस्पतिवार से ही प्रदर्शन कर रहे हैं.