सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम द्वारा जजों की नियुक्ति के लिए की गई विभिन्न नामों की सिफ़ारिश वाली फाइलों को रोके जाने संबंधी आरोपों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए केंद्रीय क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि ऐसा कभी नहीं कहा जाना चाहिए, वरना फिर सरकार को फाइल ही न भेजें, ख़ुद ही नियुक्ति कर लें.
संविधान दिवस के उपलक्ष्य में हुए एक कार्यक्रम में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि कॉलेजियम के सभी न्यायाधीश संविधान को लागू करने वाले वफ़ादार सैनिक हैं. जब हम ख़ामियों की बात करते हैं, तो हमारा समाधान है- मौजूदा व्यवस्था के भीतर काम करना.
भारत के पूर्व सीजेआई यूयू ललित ने जजों की नियुक्ति करने वाली कॉलेजियम प्रणाली की आलोचना करने वाली केंद्रीय क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू की टिप्पणियों पर कहा कि वो उनके निजी विचार हैं. उन्होंने यह भी जोड़ा कि सरकार चाहे तो एनजेएसी अधिनियम वापस ला सकती है लेकिन बदलाव क़ानून के अनुरूप होना चाहिए.
भारत के पूर्व प्रधान न्यायाधीश टीएस ठाकुर ने कहा कि कोई भी यह नहीं कह सकता है कि न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम प्रणाली सबसे उत्तम प्रणाली है, लेकिन इस प्रणाली में सुधार किया जा सकता है जैसा कि प्रधान न्यायाधीश ने हाल ही में उल्लेख किया था.
क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश ऋतुराज अवस्थी विधि आयोग के अध्यक्ष होंगे और जस्टिस केटी शंकरन, प्रोफेसर आनंद पालीवाल, प्रोफेसर डीपी वर्मा, प्रोफेसर राका आर्य और एम. करुणानिधि को आयोग का सदस्य नियुक्त किया गया है.
मई माह के एक आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह क़ानून की समीक्षा किए जाने तक इसके तहत मामले दर्ज करने और कार्रवाई पर रोक लगा दी थी. क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि सरकार ने पहले ही कह दिया था कि वह क़ानून की समीक्षा कर रही है तो शीर्ष अदालत को आदेश नहीं देना चाहिए था, यह ‘अच्छी बात’ नहीं थी.
केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने जजों की नियुक्ति की कॉलेजियम प्रणाली के अपारदर्शी होने की बात दोहराते हुए कहा कि राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) अधिनियम देश की सामूहिक इच्छा थी, जिससे सुप्रीम कोर्ट सहमत नहीं हुआ.
जम्मू कश्मीर के भारत में विलय की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर भाजपा नेताओं द्वारा देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को निशाना बनाने पर कांग्रेस ने कहा कि ‘वॉट्सऐप नर्सरी’ वाले भाजपा नेता फिर से इतिहास पढ़ें और पूर्व प्रधानमंत्रियों पर आरोप लगाने के बजाय अपने शासनकाल का हिसाब दें.
केंद्रीय क़ानून और न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि न्यायाधीशों का आधा समय और दिमाग़ यह तय करने में लगा रहता है कि अगला न्यायाधीश कौन होगा. उन्होंने यह भी कहा कि जिस प्रकार मीडिया पर निगरानी के लिए भारतीय प्रेस परिषद है, ठीक उसी प्रकार न्यायपालिका पर निगरानी की एक व्यवस्था होनी चाहिए.
प्रधान न्यायाधीश के रूप में जस्टिस यूयू ललित का 74 दिन का संक्षिप्त कार्यकाल रहा. वह 65 वर्ष के होने पर इस साल आठ नवंबर को सेवानिवृत्त होंगे. सीजेआई के पद पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ का कार्यकाल दो वर्षों का होगा.
क़ानून मंत्री किरेन रिजीजू ने बताया है कि यूपी की फास्ट-ट्रैक अदालतों में महिलाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों के ख़िलाफ़ हुए जघन्य अपराधों के 9.33 लाख से अधिक केस लंबित हैं. देश की ऐसी अदालतों में पॉक्सो से जुड़े 60,000 से अधिक मामले लंबित हैं और इसमें भी उत्तर प्रदेश शीर्ष पर है.
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस बीएन श्रीकृष्ण ने एक साक्षात्कार में कहा है कि अगर मैं कहूं कि प्रधानमंत्री को पसंद नहीं करता तो मेरे ख़िलाफ़ छापेमारी हो सकती है, अकारण मुझे गिरफ़्तार कर जेल में डाल सकते हैं. इस पर केंद्रीय क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि बिना पाबंदी के निर्वाचित प्रधानमंत्री की निंदा करने वाले अभिव्यक्ति की आज़ादी को लेकर विलाप कर रहे हैं.
जस्टिस यूयू ललित दूसरे ऐसे सीजेआई हैं जो बार से पदोन्नत होकर सीधे शीर्ष अदालत पहुंचे हैं. हालांकि उनका कार्यकाल तीन माह से कम का होगा. वे आठ नवंबर को 65 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्त होंगे.
जस्टिस उदय उमेश ललित 27 अगस्त को सीजेआई का पदभार ग्रहण करेंगे. उनका कार्यकाल तीन माह से कम का होगा. वह आठ नवंबर को 65 वर्ष की उम्र में सेवानिवृत्त होंगे.
वरिष्ठ अधिवक्ता और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने एक कार्यक्रम में सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसलों को लेकर कहा कि यदि आपको लगता है कि जज हमेशा क़ानून के अनुसार निर्णय लेते हैं, तो आप ग़लत हैं. राजनीतिक तौर पर संवेदनशील मामले कुछ चुनिंदा जजों को दिए जाते हैं और निर्णय का क्या होगा, यह कोई भी बता सकता है.