सरकार स्वतंत्रता के अंतिम स्तंभ ‘न्यायपालिका’ पर क़ब्ज़ा चाहती है: कपिल सिब्बल

जजों की नियुक्ति को लेकर केंद्र सरकार और न्यायपालिका के बीच चल रहे गतिरोध को लेकर पूर्व क़ानून मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि सरकार इस तथ्य से सामंजस्य नहीं बैठा पा रही है कि उच्च न्यायपालिका में होने वाली नियुक्तियों को लेकर उसकी बात अंतिम नहीं है.

क़ानून मंत्री ने सीजेआई को लिखा- कॉलेजियम में सरकार का प्रतिनिधि शामिल करें

केंद्र और न्यायापालिका के बीच जजों की नियुक्ति को लेकर चल रही खींचतान के बीच अब केंद्रीय क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने देश के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को लिखा है कि केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों को सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम और राज्य सरकार के प्रतिनिधियों को हाईकोर्ट के कॉलेजियम में जगह दी जानी चाहिए.

कॉलेजियम ने क़ानून मंत्रालय से कहा- नाम दोहराए जाने पर सरकार जजों की नियुक्ति के लिए बाध्य

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम, जिसमें सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ भी शामिल हैं, ने केंद्रीय क़ानून मंत्रालय को एक विस्तृत नोट भेजते हुए कहा है कि जजों के नाम की सिफ़ारिश को लेकर कॉलेजियम के फैसले की फिर से पुष्टि होने के बाद सरकार नियुक्ति अधिसूचित करने के लिए बाध्य है.

बीते 5 वर्षों में नियुक्त हाईकोर्ट के 79% नए जज कथित उच्च जाति से, दो फीसदी एससी और अल्पसंख्यक

केंद्रीय क़ानून मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार, 2018 से 19 दिसंबर, 2022 तक विभिन्न उच्च न्यायालयों में कुल 537 न्यायाधीश नियुक्त किए गए, जिनमें से 79 प्रतिशत सामान्य वर्ग, 11 फीसदी ओबीसी, 2.6 प्रतिशत अल्पसंख्यक वर्ग से थे. अनुसूचित जातियों/जनजातियों की हिस्सेदारी क्रमशः 2.8 प्रतिशत और 1.3 प्रतिशत थी.

कॉलेजियम की ओर से दोबारा भेजे गए नामों को सरकार वापस भेज रही है, यह चिंता का विषय: अदालत

शीर्ष अदालत ने कहा कि जब कोई सिफारिश की जाती है, तो सरकार के अपने विचार हो सकते हैं, लेकिन उस पर अपनी टिप्पणी अंकित करके वापस भेजे बिना उसे रोके नहीं रखा जा सकता है. अदालत उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम द्वारा अनुशंसित नामों को मंजूरी देने में केंद्र की ओर से की जा रही कथित देरी से जुड़े एक मामले की सुनवाई कर रही थी.

केंद्र और न्यायपालिका के बीच कोई तनाव नहीं: केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू

हाल ही में ख़त्म हुए संसद सत्र में कई बार उच्च न्यायपालिका पर निशाना साधने के बाद केंद्रीय क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने एक कार्यक्रम में कहा कि मोदी सरकार कभी भी अपनी सीमा पार नहीं करेगी और न्यायपालिका के क्षेत्र में दख़ल नहीं देगी.

जजों की सेवानिवृत्ति उम्र बढ़ाने से ख़राब प्रदर्शन करने वाले जजों को लाभ मिलेगा: न्याय विभाग

न्याय विभाग ने कार्मिक, क़ानून और न्याय पर संसदीय समिति के समक्ष एक प्रस्तुतिकरण देते हुए कहा है कि सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने से न्यायाधिकरण, पीठासीन अधिकारी या न्यायिक सदस्यों के तौर पर सेवानिवृत्त न्यायाधीशों से वंचित रह जाएंगे. साथ ही अन्य सरकारी कर्मचारी भी इस तरह की मांग उठाएंगे.

कांग्रेस ने धनखड़ को लिखा: इस सरकार से पहले किसी ने न्यायपालिका के कामकाज में दख़ल नहीं दिया

राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ द्वारा कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की न्यायपालिका से जुड़ी टिप्पणी को 'अनुचित' कहे जाने के बाद पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने धनखड़ को लिखे पत्र में कहा कि मौजूदा सरकार ने न्यायपालिका के कामकाज में दख़ल के साथ न्यायिक नियुक्तियों की प्रक्रिया बदलने का प्रयास भी किया है.

कॉलेजियम प्रणाली में पारदर्शिता के अभाव के संबंध में कई अभ्यावेदन मिले: रिजिजू

विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में एक लिखित सवाल के जवाब में बताया कि जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया में सुधार के साथ ही उच्च न्यायपालिका में न्यायाधीशों की नियुक्ति की कॉलेजियम व्यवस्था में पारदर्शिता, वस्तुनिष्ठता और सामाजिक विविधता की कमी को लेकर सरकार को कई मेमो मिले हैं.

लिव इन संबंध घरेलू हिंसा क़ानून के प्रावधानों के दायरे में आते हैं: केंद्र सरकार

राज्यसभा में केंद्र सरकार ने लिव इन संबंधों को पंजीकृत करने के लिए कोई व्यवस्था शुरू करने और ऐसे रिश्तों में रहने वाले लोगों को सुरक्षा प्रदान करने के बारे में पूछे गए एक सवाल का उत्तर देते हुए कहा कि लिव-इन संबंध, जो विवाह की प्रकृति के होते हैं, घरेलू हिंसा क़ानून के प्रावधानों के अंतर्गत आते हैं.

मोदी सरकार सुनियोजित ढंग से न्यायपालिका को कमज़ोर करने का प्रयास कर रही है: सोनिया गांधी

कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने पार्टी के संसदीय दल की बैठक में केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मंत्रियों और ऊंचे संवैधानिक पद पर बैठे लोगों की न्यायपालिका पर टिप्पणियां सुधार का उचित सुझाव देने का प्रयास नहीं, बल्कि जनता की नज़र में न्यायपालिका की प्रतिष्ठा कम करने की कोशिश हैं.

न्यायपालिका की स्वतंत्रता छीनने का कोई भी प्रयास लोकतंत्र पर हमला होगा: जस्टिस लोकुर

सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश मदन बी. लोकुर ने न्यायपालिका के साथ सरकार के बढ़ते टकराव पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता संविधान की मूल संरचना का हिस्सा और लोकतंत्र का आधार है. सरकार क़ानून या संवैधानिक संशोधन के माध्यम से इसे किसी भी तरह वापस नहीं ले सकती है.

सरकार द्वारा जजों की नियुक्तियों से कॉलेजियम प्रणाली बेहतर है: कपिल सिब्बल

कॉलेजियम को लेकर क़ानून मंत्री की टिप्पणियों के बीच एक चैनल से बातचीत में वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व केंद्रीय क़ानून मंत्री कपिल सिब्बल ने कहा कि सारे सार्वजनिक संस्थानों पर मौजूदा सरकार का नियंत्रण है और यदि वह 'अपने जज' नियुक्त कर न्यायपालिका भी कब्ज़ा लेती है, तो यह लोकतंत्र के लिए ख़तरनाक होगा.

चुनाव आयोग ने 54.32 करोड़ लोगों का आधार नंबर लिया, लेकिन किसी को वोटर आईडी से नहीं जोड़ा: आरटीआई

भारतीय निर्वाचन आयोग ने 1 अगस्त से आधार और मतदाता पहचान पत्र को लिंक करने का एक स्वैच्छिक अभियान शुरू किया था, जिसमें 12 दिसंबर तक 54.32 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं से उनका आधार नंबर जुटाया गया, लेकिन अब सूचना के अधिकार से पता चला है कि आयोग ने अब तक किसी भी मतदाता पहचान पत्र को आधार से लिंक नहीं किया है.

कोई मामला छोटा नहीं होता, व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा करना संवैधानिक कर्तव्य: सुप्रीम कोर्ट

एक मामले पर सुनवाई के दौरान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के लिए कोई भी मामला छोटा नहीं होता. अगर हम व्यक्तिगत स्वतंत्रता से जुड़े मामलों में कार्रवाई नहीं करते हैं और राहत नहीं देते हैं, तो हम यहां क्या कर रहे हैं. बीते दिनों केंद्रीय क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने शीर्ष अदालत को ज़मानत और बेतुकी जनहित याचिकाओं पर सुनवाई न करने का सुझाव दिया था.

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