पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा पर उन चार किसानों की हत्या का आरोप है, जो 2021 में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में विरोध प्रदर्शन के लिए जमा हुए थे. आरोप है कि आशीष मिश्रा से संबंधित और कथित तौर पर उनके द्वारा चलाए जा रहे एक वाहन ने प्रदर्शनकारी किसानों सहित अन्य को कुचल दिया था.
तीन अक्टूबर, 2021 को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हुई हिंसा में आठ लोग मारे गए थे, जिनमें से चार किसान थे. ये किसान उत्तर प्रदेश के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के क्षेत्र में दौरे का विरोध कर रहे थे. मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के पुत्र आशीष मिश्रा और उनके दर्जन भर साथियों के ख़िलाफ़ किसानों को थार जीप से कुचलकर मारने और उन पर फायरिंग करने जैसे गंभीर आरोप हैं.
केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा पर उन चार किसानों की हत्या का आरोप है, जो 2021 में उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में विरोध प्रदर्शन के लिए जमा हुए थे. आरोप है कि आशीष मिश्रा से संबंधित और कथित तौर पर उनके द्वारा चलाए जा रहे एक वाहन ने प्रदर्शनकारी किसानों सहित अन्य को कुचल दिया था.
तीन विवादास्पद कृषि क़ानूनों को रद्द करने के लिए एक साल से अधिक समय तक दिल्ली में आंदोलन करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से रामलीला मैदान में एक महापंचायत का आयोजन किया गया. मोर्चा ने क़ानूनों को रद्द करने और आंदोलन समाप्त करने के दौरान एमएसपी पर क़ानूनी गारंटी के अलावा केंद्र की ओर से किए गए अन्य वादों को पूरा करने को कहा है.
निरस्त किए जा चुके कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ विरोध का अगुवा रहा संयुक्त किसान मोर्चा न्यूनतम समर्थन मूल्य की क़ानूनी गारंटी की मांग करता रहा है. मोर्चे के नेता दर्शन पाल ने हरियाणा में आयोजित किसान महापंचायत मे कहा कि देशभर में ट्रैक्टर मार्च निकाला जा रहा है और वे दिल्ली में 15-22 मार्च के बीच बड़ा प्रदर्शन करेंगे.
अक्टूबर 2021 में हुए लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आठ लोगों की मौत हो गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा को ज़मानत देने के अलावा इस संबंध में दर्ज एक अन्य एफ़आईआर के संबंध में क़ैद चार किसानों को भी अंतरिम ज़मानत का लाभ दिया. आशीष मिश्रा पांच लोगों की हत्या के मामले में मुख्य आरोपी हैं, जिन्हें कथित तौर पर वाहन से कुचल दिया गया था.
उत्तर प्रदेश सरकार ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत याचिका का विरोध करते हुए सुप्रीम कोर्ट में कहा कि यह अपराध घिनौना एवं गंभीर है. ज़मानत देने से समाज में गलत संदेश जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने आशीष मिश्रा की ज़मानत याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने सत्र अदालत से पूछा था कि उस अदालत में अन्य लंबित या प्राथमिकता वाले मुक़दमों की समय-सारणी से समझौता किए बिना लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की सुनवाई पूरी करने में सामान्य तौर पर कितना समय लगने की संभावना है. लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में केंद्रीय मंत्री अजय कुमार मिश्रा का बेटा आशीष मिश्रा आरोपी है.
पीड़ित की पहचान लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के गवाह प्रभजीत सिंह के भाई सर्वजीत सिंह के रूप में हुई है. पुलिस ने कहा कि घटना का पिछले साल हुई हिंसा से कोई लेना-देना नहीं है. बीते छह दिसंबर को अदालत ने हिंसा मामले के मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा समेत 14 अभियुक्तों पर आरोप तय किया है.
सुप्रीम कोर्ट ने इसकी रजिस्ट्री को निर्देश दिया है कि लखीमपुर खीरी हिंसा से जुड़े एक मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा द्वारा दायर ज़मानत याचिका को ऐसी पीठ के समक्ष रखा जाए जिसमें कम से कम एक न्यायाधीश ऐसे हों जो पहले इस मामले को देख कर चुके हैं.
वीडियो: लखीमपुर खीरी की घटना के एक साल पूरे होने के बाद राकेश टिकैत वहां पहुंचे थे. टिकैत ने सरकार को किसान और ग़रीब विरोधी बताया, साथ ही पीड़ित परिवारों के सामने आने वाली चुनौतियों, महंगाई, एमएसपी, चारे की कमी जैसे कई विषयों पर द वायर के लिए इंद्र शेखर सिंह से बात की.
पिछले साल तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया गांव में किसानों के प्रदर्शन के दौरान एक वाहन से कुचले जाने और हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोग मारे गए थे. इस मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा मुख्य आरोपी हैं.
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में अपने बेटे की कथित संलिप्तता को लेकर निशाने पर रहे केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ एक वीडियो में परोक्ष रूप से प्रदर्शनकारी किसानों के बारे में यह कहते नज़र आ रहे हैं कि तेज़ रफ़्तार गाड़ी पर कई बार कुत्ते भौंका करते हैं, गाड़ी के पीछे दौड़ने लगते हैं, यह उनका स्वभाव होता है.
निरस्त हो चुके तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसानों के आंदोलन का नेतृत्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ अपनी निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि न तो न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर समिति का गठन किया गया और न ही आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज फ़र्ज़ी मामले वापस लिए गए हैं.
भारतीय किसान यूनियन (टिकैत) के ज़िला अध्यक्ष और लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में गवाह दिलबाग सिंह की गाड़ी पर दो हमलावरों ने तब गोलियां चलाईं जब वे गोला कोतवाली क्षेत्र में अलीगंज-मुडा रोड से घर लौट रहे थे. सिंह को इस हमले में कोई चोट नहीं आई. इस मामले से जुड़े दो अन्य गवाहों पर भी पूर्व में हमले हो चुके हैं.