वैश्विक स्तर पर ऊर्जा के स्रोतों में बदलाव लाने की प्रक्रिया को न्यायसंगत परिवर्तन यानी ‘जस्ट ट्रांज़िशन’ का नाम दिया गया है. हालांकि, देश के दो राज्यों- छत्तीसगढ़ और झारखंड के कुछ कोयला-निर्भर गांवों के लोगों की दशा यह दिखाती है कि ऐसे सभी परिवर्तन न्यायसंगत नहीं हो सकते.
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि एक सरकार और एक पार्टी जिसने अनुच्छेद 370 को हटाया, वह 371 'जी' को भी हटा सकती है. यह अधिनियम मिज़ो समुदाय की धार्मिक या सामाजिक प्रथाओं, मिज़ो प्रथागत क़ानून, नागरिक और आपराधिक न्याय प्रशासन, भूमि स्वामित्व आदि की रक्षा करता है.
विश्व भारती विश्वविद्यालय ने नोबेल विजेता अमर्त्य सेन पर शांति निकेतन में कथित तौर पर ‘अनधिकृत रूप से भूखंड क़ब्ज़ाने के आरोप लगाए थे, जिसे सेन ने ख़ारिज किया था. अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने उन्हें संबंधित ज़मीन के कागज़ात देते हुए विश्व भारती के आरोपों को आधारहीन बताया है.
विश्व भारती विश्वविद्यालय ने बीते 24 जनवरी को एक पत्र भेजकर नोबेल विजेता अमर्त्य सेन से शांति निकेतन में कथित तौर पर ‘अनधिकृत रूप से क़ब्ज़ाया गया’ भूखंड को सौंपने को कहा था. इस पर सेन का कहना था कि आरोपों के समर्थन में साक्ष्य भी पेश किए जाने चाहिए.
पश्चिम बंगाल स्थित विश्व भारती ने बीते मंगलवार को अर्थशास्त्री और नोबेल पुरस्कार से सम्मानित अमर्त्य सेन से शांतिनिकेतन में ज़मीन के एक हिस्से को सौंपने को कहा था और दावा किया था कि भूमि के इस हिस्से पर उन्होंने अनधिकृत तरीके से क़ब्ज़ा किया हुआ है. सेन ने कहा कि वह इस क़दम के पीछे की राजनीति को नहीं समझ पा रहे हैं.
केंद्र सरकार ने राज्यसभा में इस बात से इनकार किया कि वह देश में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए कोई समिति गठित करने पर विचार कर रही है. समान नागरिक संहिता भाजपा के चुनावी वादों में प्रमुख रहा है.
केंद्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय ने एक सवाल के जवाब में लोकसभा को बताया कि जम्मू कश्मीर सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार सूबे के बाहर के 34 लोगों ने अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से केंद्रशासित प्रदेश में ज़मीनें खरीदी हैं. ये संपत्तियां जम्मू, रियासी, उधमपुर और गांदेरबल ज़िलों में हैं.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि समान नागरिक संहिता का दायरा विवाह-तलाक़, ज़मीन-जायदाद, उत्तराधिकार और गोद लेने जैसे विषयों पर सभी नागरिकों के लिए समान क़ानून लागू करने का होगा, चाहे वे किसी भी धर्म में विश्वास रखते हों.
जम्मू विकास प्राधिकरण की अतिक्रमण हटाने की मुहिम ने क्षेत्र में विरोध भड़का दिया है. आरोप हैं कि प्रशासन मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाने के लिए चुनिंदा कार्रवाई कर रहा है.
द वायर और द क्रॉसकरेंट ने एक रिपोर्ट में बताया था कि असम में ज़रूरतमंदों के लिए चिह्नित ज़मीन किस तरह मुख्यमंत्री के परिवार से जुड़ी कंपनी के पास पहुंची थी. इस मुद्दे का ज़िक्र करते हुए साहित्य अकादमी से सम्मानित लेखक हीरेन गोहेन ने एक लेख लिखा था, जिसे राज्य के तीन अख़बारों ने प्रकाशित करने से मना कर दिया.
कांग्रेस ने असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा और उनके परिवार पर ऐसी 18 एकड़ ज़मीन हड़पने का आरोप लगाया जो भूमिहीनों के लिए चिह्नित थी. कांग्रेस ने शर्मा को तत्काल पद से हटाने के साथ ही सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में एक विशेष जांच दल से जांच कराने की भी मांग उठाई है.
एक्सक्लूसिव: असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा की पत्नी रिनिकी भूयां शर्मा द्वारा शुरू की गई कंपनी आरबीएस रिएल्टर्स द्वारा 'सीलिंग सरप्लस' भूमि का अधिग्रहण राज्य सरकार की भूमि आवंटन नीति पर सवाल खड़े करता है.
साल 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'स्वामित्व योजना' की शुरुआत की थी. तब बताया गया था कि ग्रामीण ज़मीनों का सर्वेक्षण करने के बाद उनका मालिकाना हक़ ग्रामीण आबादी को दिया जाएगा. इस साल जुलाई में संसद में बताया गया कि दिल्ली की ग्रामीण क्षेत्र में यह योजना लागू नहीं होगी, जिसके बाद से यहां के लोगों ने केंद्र की इस उपेक्षा पर सवाल उठाए हैं.
मद्रास हाईकोर्ट ने तीन लोगों की की रिट याचिकाओं को ख़ारिज करते हुए यह सुझाव दिया. तीनों पेट्रोल पंप के मालिक हैं. तीनों ने एक दशक से अधिक समय से किराये के रूप में कई करोड़ रुपये का भुगतान नहीं करने पर रक्षा विभाग द्वारा उन्हें ज़मीन से हटाए जाने की कार्रवाई को चुनौती दी है.
गुजरात के नर्मदा ज़िले के केवड़िया स्थित गोरा गांव की सरपंच के मुताबिक, स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास स्थित एक अभयारण्य के आसपास के 121 गांवों को ईको सेंसेटिव ज़ोन में शामिल करने की योजना है. यहां की ज़मीनों का राज्य सरकार को सहमालिक बनाने की प्रक्रिया शुरू की गई है, जिसके लिए गांववालों से सहमति नहीं ली गई है.