ऐसा कई चुनावों के बाद दिखाई दे रहा है कि विपक्षी गठबंधन के मुद्दे आम लोगों तक पहुंचे हैं और उनका असर भी पड़ रहा है.
लोकसभा चुनाव से पहले यूपी के महराजगंज और कुशीनगर ज़िले के 27 गांवों के क़रीब पचास हज़ार लोगों ने मतदान बहिष्कार की घोषणा की है. आवाजाही के लिए सामान्य रास्ता बनने की बाट जोह रहे गंडक नदी पार के इन गांवों की पुल बनाने की मांग काफ़ी पुरानी है, जिसे लेकर वे पूछ रहे हैं कि पुल, सड़क नहीं हैं तो वोट क्यों दें.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
उत्तर प्रदेश की गोरखपुर सीट से चार बार विधायक रहे राज्यसभा सदस्य डाॅ. राधा मोहन दास अग्रवाल को भाजपा का राष्ट्रीय महामंत्री बनाया गया है. यहीं से पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता शिव प्रताप शुक्ल को इसी साल हिमाचल प्रदेश का राज्यपाल बनाया गया था. ये दोनों नेता मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के क़रीबी नहीं रहे हैं, ऐसे में उनकी तरक्की राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है.
उत्तर प्रदेश के कुशीनगर ज़िले के शंकर पटखौली और महराजगंज ज़िले के सोहवल गांवों में प्रशासन की तरफ़ से अवैध क़ब्ज़े का आरोप लगाते हुए क़रीब 50 परिवारों को घर छोड़ने और हज़ारों रुपये का जुर्माना भरने को कहा गया है.
गोरखपुर और महराजगंज के जंगल में स्थित 23 वन ग्रामों के वनटांगियों को वन अधिकार क़ानून लागू होने के डेढ़ दशक और कड़े संघर्ष के बाद ज़मीन पर अधिकार मिला. लेकिन आज भी यहां विकास की रफ़्तार धीमी ही है.
गोरखपुर और बस्ती मंडल की कई विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों के प्रति मतदाताओं में उमड़ी हमदर्दी ने राजनीतिक दलों के बने-बनाए समीकरण उलट दिए हैं.
महराजगंज ज़िले के वनग्रामों में किसान आवारा पशुओं द्वारा उनके खेतों को नुकसान पहुंचाए जाने की समस्या से जूझ रहे हैं. अब फसल बचाने के लिए उन्होंने स्टन मशीन यानी हल्का झटका देने वाली मशीन इस्तेमाल करना शुरू किया है, हालांकि इसके महंगे होने और एक जगह खेत न होने के चलते यह बहुत लाभकारी नहीं है.
उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में गोरखपुर से लेकर कुशीनगर, देवरिया, बस्ती का इलाका गन्ने की खेती के लिए जाना जाता है. गोरखपुर और बस्ती मंडल के कुल सात ज़िलों में कभी 28 चीनी मिलें हुआ करती थीं, लेकिन आज 16 मिलें बंद हैं. लोगों को उम्मीद थी कि डबल इंजन की सरकार पूर्वांचल की बंद चीनी मिलों को शुरू कर इलाके में खुशहाली लाएगी, लेकिन अभी तक यह संभव नहीं हो पाया है.
पूर्वी उत्तर प्रदेश के गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया और महराजगंज ज़िले के ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए गए डोर-टू-डोर और संवेदीकरण अभियान के आंकड़े बताते हैं कि यहां बड़ी संख्या में खांसी, बुखार, सांस फूलने की बीमारी से लोगों की मौत हुई है.
शुगरकेन कंट्रोल ऑर्डर 1966 कहता है कि चीनी मिलें किसान को गन्ना आपूर्ति के 14 दिन के अंदर भुगतान करेंगी, यदि वे ऐसा न करें तो उन्हें बकाया गन्ना मूल्य पर 15 प्रतिशत वार्षिक ब्याज देना होगा. यूपी सरकार इस नियम का पालन न तो निजी चीनी मिलों से करवा पा रही है न उसकी अपनी चीनी मिलें इसे मान रही हैं.
यूपी के बड़े गन्ना उत्पादक ज़िलों में से एक कुशीनगर और आसपास के क्षेत्रों में भारी बारिश से हुए जलजमाव के चलते गन्ने की फसल सूखने की ख़बरें आ रही हैं. सरकारी सर्वेक्षण भी बड़े पैमाने पर फसल के नुक़सान की तस्दीक कर रहे हैं, लेकिन सरकार ने अब तक किसानों को किसी तरह की मदद देने की बात नहीं कही है.
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर-महराजगंज ज़िले को कभी बेशकीमती साखू-सागौन के जंगल लगाकर आबाद करने वाले वनटांगियों के पास पर्याप्त ज़मीन और कृषि संसाधन थे, लेकिन समय के साथ नई पीढ़ियां उचित आय और आजीविका के अभाव में शहर की राह पकड़ने को विवश हो गईं.
दुनिया घूमने निकला फ्रांस का एक परिवार मार्च में भारत के रास्ते नेपाल जा रहा था, जब दोनों ही देशों में कोरोना संक्रमण के चलते हुए लॉकडाउन के कारण वे भारत की सीमा में ही रह गया. बीते दो महीने से वे लोग महराजगंज ज़िले के अचलगढ़ गांव में रह रहे हैं.
देशव्यापी लॉकडाउन के बीच हैदराबाद से आ रहे उत्तर प्रदेश के महराजगंज के मज़दूरों का एक समूह 10 मई को कानपुर से एक बालू लदे ट्रक में सवार होकर घर की ओर निकला था, लेकिन गोरखपुर के सहजनवां थाना क्षेत्र के पास यह ट्रक अनियंत्रित होकर पलट गया, जिसमें दो श्रमिकों की जान चली गई.