हिंदू महासभा ने 06 दिसंबर को मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह परिसर में 'लड्डू गोपाल' के जलाभिषेक और हनुमान चालीसा के पाठ की अनुमति मांगी है. वहीं, ज़िला प्रशासन ने अगले वर्ष 28 जनवरी तक बिना अनुमति के किसी भी राजनीतिक या धार्मिक संगठन द्वारा पांच से अधिक लोगों के एकत्र होकर सभा आदि करने पर रोक लगा दी है.
अखिल भारत हिंदू महासभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष राज्यश्री चौधरी ने छह दिसंबर को हम तय समय पर हनुमान चालीसा पाठ कर श्रीकृष्ण जन्मभूमि के वातावरण को पवित्र करेंगे और ऐसा कर हम हिंदू समाज को भगवान कृष्ण का जन्म स्थल शुद्ध रूप में सौंपना चाहते हैं.
वीडियो: वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद और मथुरा की शाही ईदगाह को लेकर चल रहे विवादों के चलते 1968 के समझौते और 1991 के उपासना स्थल अधिनियम पर चर्चा हो रही है. इनके बारे में विस्तार से बता रहे हैं याक़ूत अली.
दिल्ली के साकेत ज़िला अदालत में मामले को सुनते हुए जज ने सवाल किया कि वादी किस आधार पर ऐसी संरचना पर क़ानूनी अधिकार की मांग कर रहे थे जिसे कथित तौर पर 800 साल पहले नष्ट कर दिया गया था.
याचिकाकर्ता दिनेश चंद्र शर्मा ने कथित रूप से उत्तर प्रदेश के मथुरा स्थित शाही ईदगाह मस्जिद के अंदर मौजूद केशव देव मंदिर के गर्भ गृह का ‘शुद्धिकरण’ करने की अनुमति अदालत से मांगी है. दिनेश अखिल भारत हिंदू महासभा के कोषाध्यक्ष हैं और उन्होंने 19 मई को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में भी ऐसी ही एक याचिका दाख़िल की थी. दोनों याचिकाएं अदालत में लंबित हैं.
दिल्ली की एक अदालत ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को अगले आदेश तक यहां कुतुब मीनार परिसर से भगवान गणेश की दो मूर्तियों को नहीं हटाने के आदेश दिए. एक याचिका में कहा गया था कि प्राचीन काल से परिसर में भगवान गणेश की दो मूर्तियां हैं और उन्हें आशंका है कि एएसआई उन्हें केवल कलाकृतियां मानते हुए किसी राष्ट्रीय संग्रहालय में भेज सकता है.
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के पूर्व अतिरिक्त महानिदेशक बीआर मणि ने विश्व हिंदू परिषद के इस दावे को ‘कपोल कल्पना’ क़रार दिया कि क़ुतुब मीनार मूल रूप से एक ‘विष्णु स्तंभ’ था और आगाह किया कि परिसर में संरचनाओं के साथ किसी भी तरह की छेड़छाड़ के परिणामस्वरूप 1993 में यूनेस्को द्वारा मिला विश्व धरोहर का दर्जा रद्द कर दिया जाएगा.
राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण ने इस संबंध में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को पत्र भेजा हैं, जिसमें मूर्तियों को संग्रहालय में सम्मानजनक स्थान दिए जाने की बात कही गई है. प्राधिकरण के अध्यक्ष भाजपा नेता तरुण विजय ने कहा कि हमें उस सांस्कृतिक नरसंहार को उलटने के लिए काम करने की जरूरत हैं, जिसका सामना हिंदुओं ने मुग़ल शासकों के हाथों किया था.
एक याचिका में कहा गया था कि मुहम्मद ग़ोरी के सेनापति क़ुतुबद्दीन ऐबक ने विष्णु हरि मंदिर और 27 जैन मंदिरों को नष्ट कर परिसर के भीतर एक आंतरिक निर्माण कराया था और परिसर का नाम बदलकर ‘कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद’ कर दिया था. इसे ख़ारिज करते हुए दिल्ली की एक अदालत ने कहा कि पिछली ग़लतियों के आधार पर वर्तमान और भविष्य की शांति को भंग नहीं किया जा सकता.
उत्तर प्रदेश के संसदीय कार्य राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने कहा कि कोर्ट ने अयोध्या मुद्दे का समाधान कर दिया लेकिन काशी और मथुरा में 'सफेद ढांचे' हिंदुओं को आहत करते हैं. वह समय भी आएगा जब मथुरा में हर हिंदू को चुभने वाला सफेद ढांचा अदालत की मदद से हटा दिया जाएगा.
उत्तर प्रदेश के सलेमपुर से भाजपा सांसद रवींद्र कुशवाहा ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार किसानों के विरोध को देखते हुए तीनों नए कृषि क़ानून को वापस ले सकती है तो फिर मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर भव्य मंदिर के निर्माण के लिए उपासना स्थल (विशेष उपबंध) अधिनियम, 1991 को भी वापस लिया जा सकता है.
केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा कि कुतुब मीनार हमारी संस्कृति का सबसे बड़ा उदाहरण है. यह एक ऐसा स्मारक है, जो 27 मंदिरों को ढहाकर बना था और आजादी के बाद भी यह विश्व धरोहर है.