सात वजहें, जो बताती हैं कि मणिपुर हिंसा अचानक हुई घटना नहीं है

मणिपुर में हुई हालिया हिंसा के बीच जो बात स्पष्ट नज़र आती है, वो यह है कि समुदायों के बीच संघर्षों के इतिहास से भरे इस राज्य को संभालने में अगर मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने ज़रा भी सावधानी बरती होती तो ताज़ा संघर्ष के कई कारणों से बचा जा सकता था.

मणिपुर में हिंसा के बीच दो दिन में 13 लोगों की मौत

मणिपुर का बहुसंख्यक मेईतेई समुदाय ख़ुद को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग कर रहा है, जिसका आदिवासी समुदाय विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि इससे उनके संवैधानिक अधिकार प्रभावित होंगे. बीते 3 मई को मेईतेई समुदाय की मांग के विरोध में एक आदिवासी छात्र संगठन द्वारा निकाले गए मार्च के दौरान राज्य में हिंसा भड़क गई थी.

मणिपुर: विरोध मार्च के दौरान हिंसा के बाद कर्फ्यू लगा, मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित

मणिपुर में बहुसंख्यक मेईतेई समुदाय के एक वर्ग द्वारा खुद को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग का विरोध करने के लिए एक आदिवासी छात्र संगठन द्वारा आयोजित एकजुटता मार्च के बाद चुराचांदपुर ज़िले समेत राज्य के कई हिस्सों में तनाव फैल गया. जानकारी के अनुसार, कम से कम 23 घरों को जला दिया गया और 19 लोग घायल हैं.

भाजपा शासित मणिपुर में कथित ‘अवैध निर्माण’ के लिए तीन चर्चों को तोड़ा गया: रिपोर्ट

मणिपुर हाईकोर्ट द्वारा भाजपा के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के बेदख़ली अभियान पर इसी अदालत के 2020 में दिए यथास्थिति के आदेश को रद्द करने के कुछ दिनों बाद चर्चों को ध्वस्त कर दिया गया. इंफाल पूर्वी ज़िले में ध्वस्त की गईं तीन चर्चों में से एक 1974 से अस्तित्व में थी. राज्य की 41 प्रतिशत से अधिक आबादी ईसाई है.

मणिपुर: डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के बाद सरकारी अस्पताल बंद, स्वास्थ्य सेवाएं ठप

ऑल-मणिपुर हेल्थ सर्विसेज डॉक्टर्स एसोसिएशन ने सरकार द्वारा पदोन्नति, रिटायरमेंट की उम्र समेत उनकी चार सूत्रीय मांग न मानने को लेकर अनिश्चितकालीन बंद का आह्वान किया है. चिकित्सकों की हड़ताल के कारण राज्य भर में सैकड़ों मरीज़ों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.  

मणिपुर पर किताब के प्रकाशन से पहले मंज़ूरी लेने संबंधी सरकारी आदेश को अदालत में चुनौती

बीते वर्ष मणिपुर पर लिखित एक किताब पर विवाद खड़ा होने के बाद राज्य की भाजपा सरकार ने आदेश जारी किया था कि मणिपुर को लेकर लिखी गई किसी भी किताब के प्रकाशन से पहले एक समिति कि मंज़ूरी लेनी होगी. इस आदेश के ख़िलाफ़ एक पत्रकार ने मणिपुर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है.

केंद्र ने मणिपुर के विद्रोही समूह के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किया

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि भारत सरकार और मणिपुर सरकार ने एक दशक से अधिक समय से सक्रिय ज़ेलियांग्रोंग यूनाइटेड फ्रंट के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं, यह मणिपुर में शांति स्थापित करने में अहम कदम साबित होगा.

कांग्रेस ने मणिपुर में पीएम ग्राम सड़क योजना में 1700 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया

कांग्रेस ने मणिपुर में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना घोटाले का आरोप लगाते हुए मामले की सीबीआई जांच कराने के अलावा इस भ्रष्टाचार में शामिल मंत्रियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की भी मांग की. आरोप लगाया कि कई सड़कों का धन आवंटन के बावजूद कोई काम नहीं हुआ है और दस्तावेज़ों में कार्य पूर्ण होने की बात दर्ज की गई है.

मणिपुर-म्यांमार बॉर्डर पर दोषपूर्ण सीमांकन से भारत अपना क्षेत्र खो रहा है: भाजपा सांसद

मणिपुर से भारतीय जनता पार्टी के सांसद एम. सनाजाउबा लेशेम्बा ने राज्यसभा में मणिपुर-म्यांमार सीमा विवाद पर चर्चा करते हुए कहा कि राज्य पहले ही ज़मीन का बड़ा हिस्सा खो चुका है. अब भारत सरकार को इस मामले को म्यांमार के साथ राजनीतिक स्तर पर उठाना चाहिए. 

नगालैंड फायरिंग के एक साल: ग्रामीण बोले- उस त्रासदी को कभी भूल नहीं सकते

दिसंबर 2021 में मोन ज़िले के ओटिंग और तिरु गांवों के बीच सेना की गोलीबारी में 14 नागरिकों की मौत हो गई थी. मामले को लेकर नगालैंड पुलिस ने मेजर रैंक के एक अधिकारी समेत 21 पैरा स्पेशल फोर्स के 30 जवानों के ख़िलाफ़ चार्जशीट दायर की है.

मणिपुर: केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए जारी क़रीब 890 करोड़ रुपये का उपयोग नहीं किया गया

मणिपुर में स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा के लिए निर्धारित 177 करोड़ रुपये का इस्तेमाल नहीं हो सका है. प्रजनन बाल स्वास्थ्य एवं स्वास्थ्य प्रणाली सुदृढ़ीकरण, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम तथा राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन के लिए 13.23 करोड़ रुपये और राष्ट्रीय आयुष मिशन के लिए जारी अतिरिक्त 15.83 करोड़ रुपये की राशि बिना उपयोग के बची हुई हैं.

गुजरात में चुनाव ड्यूटी पर तैनात जवान ने साथियों पर गोली चलाई, दो जवानों की मौत

गुजरात में पोरबंदर शहर के पास एक गांव की घटना. आरोपी की पहचान कॉस्टेबल एस. इनौचा सिंह के रूप में हुई है और घटना में थोइबा सिंह और जितेंद्र सिंह नाम के जवानों की मौत हुई है. दो जवान घायल भी हुए हैं. ये सभी मणिपुर से इंडिया रिज़र्व बटालियन का हिस्सा हैं और चुनाव ड्यूटी पर गुजरात भेजे गए थे.

मणिपुर: सरकार ने सांप्रदायिक तनाव का हवाला देते हुए राज्य के इतिहास पर लिखी किताब बैन की

मणिपुर सरकार ने दिवंगत ब्रिगेडियर सुशील कुमार शर्मा की किताब 'द कॉम्प्लेक्सिटी कॉल्ड मणिपुर: रूट्स, परसेप्शन्स एंड रियलिटी' में दर्ज जानकारियों को भ्रामक बताते हुए इस पर प्रतिबंध लगा दिया है. किताब में मणिपुर रियासत के भारत के विलय का इतिहास बताया गया है.

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