छत्तीसगढ़ पुलिस अबूझमाड़ में हुई हालिया मुठभेड़ को पिछले 24 साल का सबसे बड़ा अभियान बता रही है. हालांकि, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश की सिविल लिबर्टीज़ कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट से इसकी न्यायिक जांच की मांग की है.
छत्तीसगढ़ के बस्तर में मानवाधिकारों की चिंताजनक स्थिति पर एक हालिया रिपोर्ट कहती है कि सुरक्षा बलों के शिविरों को सरकार माओवादी आंदोलन को नियंत्रित करने के लिए ज़रूरी बताती है, वहीं ग्रामीणों का कहना है कि शिविरों से उन्हें अधिक असुरक्षा महसूस होती है.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
मामला कांकेर ज़िले का है, जहां 25 फरवरी को पुलिस ने दावा किया था कि नक्सल विरोधी अभियान के दौरान सुरक्षाकर्मियों के साथ मुठभेड़ में कोयलीबेड़ा थानाक्षेत्र के भोमरा-हुरतराई गांवों के बीच एक पहाड़ी पर तीन 'नक्सली' मारे गए थे. कुछ स्थानीय लोगों और मृतकों के परिजनों ने पुलिस पर फ़र्ज़ी मुठभेड़ का आरोप लगाया है.
छत्तीसगढ़ के मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी ज़िले का मामला. पुलिस ने बताया कि करेकट्टा गांव के सरकारी प्राथमिक स्कूल में संविदा के आधार पर नियुक्त गेस्ट शिक्षक पर पिछले साल सितंबर में इलाके में माओवादी बैनर और पोस्टर लगाने में शामिल होने का आरोप है. पूछताछ में उन्होंने इस बात को स्वीकार किया है.
साक्षात्कार: बस्तर में चल रहे संघर्ष और दमन पर समाजशास्त्री और दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रोफ़ेसर नंदिनी सुंदर की किताब 'द बर्निंग फ़ॉरेस्ट: इंडियाज़ वॉर इन बस्तर' का हिंदी अनुवाद हाल में आया है. क्षेत्र के हालात को लेकर विस्तृत शोध और सलवा जुडूम पर लड़ी गई कानूनी लड़ाई को लेकर उनसे बातचीत.
घटना नारायणपुर ज़िले की है, जहां अज्ञात हमलावरों ने भाजपा की नारायणपुर ज़िला इकाई के उपाध्यक्ष सागर साहू पर तब गोलियां चलाईं, जब वे छोटेडोंगर गांव में उनके घर पर थे. इससे पहले पांच फरवरी को बीजापुर में नक्सलियों ने भाजपा की अवापल्ली मंडल इकाई के अध्यक्ष नीलकंठ काकेम की हत्या कर दी थी.
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा ज़िले की एक विशेष अदालत ने सोनी सोरी और तीन अन्य को वर्ष 2011 के राजद्रोह के मामले से बरी करते हुए कहा कि अभियोजन पक्ष सोरी और अन्य के ख़िलाफ़ आरोप साबित नहीं कर सका, उसके कई गवाहों ने विरोधाभासी बयान दिए. सोरी पर आरोप था कि वे माओवादियों तक पैसा पहुंचाने का काम करती थीं.
वीडियो: कथित माओवादी लिंक मामले में सज़ा काट रहे प्रोफेसर जीएन साईबाबा हाल ही में कोरोना संक्रमित पाए गए हैं, जिसके बाद उनकी पत्नी ने उनकी रिहाई की मांग की है. दिल्ली दंगों संबंधी मामलों में गिरफ़्तार एक अन्य राजनीतिक क़ैदी ख़ालिद सैफ़ी की पत्नी नरगिस ने भी जेल की बदहाल व्यवस्थाओं को लेकर सवाल उठाए हैं. उनसे बातचीत.
दिसंबर 2007 में उत्तराखंड पुलिस ने 'नक्सलवाद पर कड़ी चोट' का दावा करते हुए कार्यकर्ता प्रशांत राही को माओवादी बताते हुए गिरफ़्तार किया था. चौदह साल बाद इस दावे को साबित न कर पाने पर अदालत ने राही और तीन अन्य को बरी कर दिया.
माओवादी गतिविधियों में कथित संलिप्तता के चलते नागपुर जेल में उम्रक़ैद की सज़ा काट रहे दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर साईबाबा दूसरी बार कोरोना पॉज़िटिव पाए गए हैं.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने एल्गार परिषद और माओवादियों के बीच संबंधों से जुड़े मामले में एक विशेष अदालत में मसौदा आरोप पेश किया है. मामले में शुरुआती जांच करने वाली पुणे पुलिस ने अपने प्रस्तावित मसौदा आरोपों में कहा था कि हथियार ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या’ की साज़िश से जुड़े थे, जबकि एनआईए ने प्रधानमंत्री का उल्लेख नहीं किया है.
एनआईए ने ‘ड्राफ्ट’ आरोपों में आरोपियों के ख़िलाफ़ 17 आरोप तय किए गए हैं और उन पर यूएपीए और आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत आरोप तय करने का अनुरोध किया गया है. बचाव पक्ष के वकीलों ने सोमवार को अदालत से अनुरोध किया कि उनके ख़िलाफ़ आरोप तय करने से पहले आरोपियों द्वारा दाख़िल कई अर्ज़ियों पर सुनवाई की जाए और उनका निपटारा किया जाए.
छत्तीसगढ़ की दंतेवाड़ा पुलिस ने ‘पंचायतवार नक्सल संवेदनशील सर्वे’ शुरू किया है, जिसे साल में दो बार छह महीने पर किया जा जाएगा. सर्वे में नक्सलियों की मौजूदगी से जुड़े सवाल होंगे हैं, जिनके आधार पर गांवों को हरे, पीले और लाल क्षेत्रों में वर्गीकृत किया जाएगा. ‘हरे’ से मतलब नक्सल मुक्त क्षेत्र होगा, ‘पीले’ से नक्सल संवेदनशील क्षेत्र, जबकि ‘लाल’ से नक्सल अतिसंवेदनशील क्षेत्र से होगा. यह सर्वे इस साल जनवरी और जुलाई में किया जा चुका है.
बस्तर संभाग के सुकमा ज़िले के सिलगेर गांव में सीआरपीएफ के कैंप के विरोध में खड़े हुए जनांदोलन को दबाने और माओवादी बताने की कोशिशें लगातार हो रही हैं, लेकिन इस शांतिपूर्ण प्रदर्शन के इतनी आसानी से ख़त्म हो जाने के आसार नज़र नहीं आते.