जानबूझकर कर्ज़ ने चुकाने के मामले में मार्च 2019 के बाद से प्रति दिन सौ करोड़ रुपये की भारी वृद्धि जुलाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा किए उस दावे को पूरी तरह खारिज़ करती है, जहां उन्होंने कहा था यूपीए सरकार ने 'घोटालों' से बैंकिंग क्षेत्र को 'बर्बाद' कर दिया और उनकी सरकार ने इसके 'अच्छे वित्तीय स्वास्थ्य' को बहाल किया.
जी-20 देशों के शिखर सम्मेलन के बीच कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर कहा है कि प्रधानमंत्री ने न सिर्फ़ बंदरगाह, हवाई अड्डे, बिजली और सड़क जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में अपने करीबी मित्र अडानी के लिए ‘मोदी निर्मित एकाधिकार’ स्थापित करने में मदद की है, बल्कि उन्होंने सेबी, सीबीआई, ईडी जैसी विभिन्न एजेंसियों द्वारा अडानी के गलत कार्यों की सभी जांच को सुनियोजित ढंग से बंद भी कर दिया है.
वित्त मंत्रालय ने राज्यसभा में बताया कि मेहुल चोकसी की गीतांजिल जेम्स सबसे बड़ी डिफॉल्टर है, जिस पर बैंकों का 8,738 करोड़ रुपये बकाया है. दूसरे स्थान पर एरा इंफ्रा इंजीनियरिंग लि. है, जिस पर 5,750 करोड़ रुपये हैं. तीसरे नंबर पर आरईआई एग्रो लिमिटेड है, जिस पर 5,148 करोड़ रुपये हैं.
वीडियो: जान-बूझकर क़र्ज़ न चुकाने वालों यानी विलफुल डिफॉल्टर्स को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक ने एक सर्कुलर जारी किया है. इसके मुताबिक जिन लोगों या कंपनियों ने बैंकों से या किसी फाइनेंशियल इकाई से क़र्ज़ लिया है. इसे चुकाने की हैसियत में थे, मगर क़र्ज़ नहीं चुकाया, वह बैंकों के साथ सेटलमेंट कर सकते हैं.
भगोड़ा हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी पंजाब नेशनल बैंक के साथ 13,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में वांछित है. जनवरी 2018 में गिरफ़्तारी से बचने के लिए वह भारत से भागकर कैरिबियाई द्वीपीय देश एंटीगुआ एवं बारबुडा में नागरिकता लेकर रह रहा है. एंटीगुआ और बारबुडा से लापता होने के बाद पिछले साल मई में कैरिबियाई द्वीपीय देश डोमिनिका ने उसे हिरासत में लिया था.
द वायर एक्सक्लूसिव: सूचना का अधिकार क़ानून के तहत प्राप्त किए गए गोपनीय दस्तावेज़ बताते हैं कि रिज़र्व बैंक ने अपनी रिस्क असेसमेंट रिपोर्ट में पंजाब नेशनल बैंक की कई गंभीर ख़ामियों को उजागर किया था, पर इसमें उन संस्थागत कमियों को ठीक करने का कोई प्रावधान नहीं किया गया, जिसका फायदा उठाते हुए हीरा कारोबारियों मेहुल चोकसी और नीरव मोदी द्वारा 13,000 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया.
भगौड़ा घोषित हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी पंजाब नेशनल बैंक के साथ 13,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में वांछित हैं. जनवरी 2018 में गिरफ़्तारी से बचने के लिए वे भारत से भागकर कैरिबियाई द्वीपीय देश एंटीगुआ व बारबुडा में नागरिकता लेकर रह रहे हैं. 23 मई से लापता चोकसी को तीन दिन बाद डोमिनिका की स्थानीय पुलिस ने पकड़ा था.
भगोड़ा हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी पंजाब नेशनल बैंक के साथ 13,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में वांछित है. जनवरी 2018 में गिरफ़्तारी से बचने के लिए वह भारत से भागकर कैरिबियाई द्वीपीय देश एंटीगुआ एवं बारबुडा में नागरिकता लेकर रह रहा है. चोकसी के बीते 23 मई से उसके घर से लापता होने के बाद एंटीगुआ पुलिस उसे तलाश कर रही थी.
भगोड़ा हीरा व्यापारी मेहुल चोकसी पंजाब नेशनल बैंक के साथ 13,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में वांछित है. वह जनवरी 2018 से कैरिबियाई द्वीपीय देश एंटीगुआ एवं बारबुडा में रह रहा है. चोकसी को रविवार को आख़िरी बार उसकी कार में देखा गया था. कार तो पुलिस ने बरामद कर ली है, लेकिन चोकसी का कुछ पता नहीं चल पाया है.
सरकार ने राज्यसभा में बताया कि अभी तक 66 मामलों में 51 फरार और घोषित अपराधी अन्य देशों में भाग गए हैं. सीबीआई मामले की जांच कर रही है.
सुभाष चंद्रा कंपनी के गैर-कार्यकारी निदेशक बने रहेंगे.
सीबीआई ने कहा, मेहुल चोकसी ने एंटीगुआ की नागरिकता ले रखी है ताकि अदालत की तरफ से जारी वारंट से बच सकें.
भगोड़ा हीरा कारोबारी मेहल चोकसी और उसका भांजा नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक में 13,400 करोड़ रुपये के घोटाले में आरोपी हैं. इस साल जनवरी में चोकसी ने भारत छोड़ दिया था.
एस्सेल और ज़ी समूह के संस्थापक सुभाष चंद्रा ने वित्तीय संकट के लिए बुनियादी ढांचा क्षेत्र पर आक्रामक तरीके से दांव लगाने और वीडियोकॉन का डी2एच कारोबार ख़रीदने के निर्णय को ज़िम्मेदार बताया.
सुभाष चंद्रा के एक पत्र से ज़ाहिर है कि उनकी कंपनी पर वित्तीय संकट मंडरा रहा है. सरकार के इतने क़रीब होने के बाद भी सुभाष चंद्रा लोन नहीं दे पा रहे हैं तो समझ सकते हैं कि भारत की अर्थव्यवस्था कितनी नाज़ुक हालत में है. इनके चैनलों पर मोदी के बिज़नेस मंत्रों की कितनी तारीफ़ें हुई हैं और उन्हीं तारीफ़ों के बीच उनका बिज़नेस लड़खड़ा गया.