संस्कृति मंत्रालय ने ललित कला अकादमी के अध्यक्ष वी. नागदास की शक्तियों को कम करते हुए आदेश दिया है कि उन्हें ‘नियुक्ति, भर्ती, तबादले, अनुशासनात्मक कार्रवाई’ से संबंधित मामलों सहित कोई भी ‘प्रशासनिक कार्रवाई’ और वित्तीय निर्णय मंत्रालय से परामर्श किए बिना नहीं ले सकते है.
संसदीय समिति ने अपनी सिफ़ारिशों में कहा है कि ‘देश भर में कई ऐतिहासिक स्मारक बड़ी संख्या में लोगों के लिए अत्यधिक धार्मिक महत्व रखते हैं. ऐसे स्मारकों पर पूजा/धार्मिक गतिविधियों की अनुमति देने से लोगों की वैध आकांक्षाएं पूरी हो सकती हैं’. इस पर संस्कृति मंत्रालय ने कहा कि वह इसकी व्यवहार्यता का पता लगाएगा.
संसद की एक स्थायी समिति ने सुझाव दिया है कि विभिन्न साहित्यिक और संस्कृति निकायों द्वारा पुरस्कारों के लिए शॉर्टलिस्ट किए गए उम्मीदवारों से पहले ही यह शपथ पत्र लिया जाए कि उन्हें दिए जा रहे सम्मान को 'राजनीतिक कारणों' से वापस नहीं किया जाएगा.
तेलंगाना में वारंगल के नज़दीक स्थित यूनेस्को विरासत स्थल रामप्पा मंदिर में प्रसिद्ध नृत्यांगना मल्लिका साराभाई की भागीदारी की वजह से नृत्य समारोह आयोजित करने की अनुमति नहीं दी गई. इसके बाद आयोजकों ने कार्यक्रम को एक अन्य जगह स्थानांतरित कर दिया, जहां साराभाई ने नृत्य प्रस्तुति दी.
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय ने फरवरी माह में होने वाले अपने ‘भारत रंग महोत्सव’ में विख्यात नाटककार और अभिनेता उत्पल दत्त द्वारा लिखित ‘तितुमीर’ नाटक को मंचन के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन अब आमंत्रण को वापस ले लिया है. नाटक के निर्देशक का कहना है कि ऐसा इसलिए किया गया, क्योंकि नाटक के मुख्य किरदार स्वतंत्रता सेनानी ‘तितुमीर’ मुसलमान हैं.
बीते महीने संसद में पेश एक रिपोर्ट में संस्कृति मंत्रालय ने बताया कि देश में कुल 3,693 केंद्रीय संरक्षित स्मारक हैं, जिनमें से पचास 'खो चुके' हैं. इन 'लापता' स्मारकों में 11 स्मारक उत्तर प्रदेश के हैं और दो-दो दिल्ली और हरियाणा के. सूची में असम, पश्चिम बंगाल, अरुणाचल प्रदेश और उत्तराखंड के स्मारक भी शामिल हैं.
एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय अभिलेखागार के महानिदेशक चंदन सिन्हा ने कहा कि सरकार के ऐसे कई मंत्रालय हैं, जिन्होंने आज़ादी के बाद से अपने रिकॉर्ड को हमारे साथ साझा नहीं किया है. अभिलेखागार के पास वर्ष 1962, 1965 और 1971 के युद्धों और हरित क्रांति के रिकॉर्ड नहीं हैं.
कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2016-17 से 2021-22 के बीच संस्कृति मंत्रालय के तहत आने वाले प्रतिष्ठित कला संस्थान ललित कला अकादमी में सरकार के सामान्य वित्तीय नियमों को धता बताते हुए कई अनियमितताएं बरती गईं. वाहनों को किराये पर लेने, वकीलों की सेवा लेने, लैपटॉप की खरीद एवं वितरण में भी अनियमितताएं देखने को मिलीं.
देश में बढ़ती असहिष्णुता का हवाला देकर वर्ष 2019 में सरकारी सेवा से इस्तीफ़ा के बाद अपना राजनीतिक दल बनाने वाले कश्मीरी आईएएस अधिकारी शाह फ़ैसल ने पिछले दिनों नौकरशाही में वापस आने के संकेत दिए थे. इस दौरान वे कश्मीर में केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गईं योजनाओं की लगातार सराहना करते देखे जा रहे थे.
बीते आठ मई को अनंतनाग के मट्टन में आठवीं शताब्दी के संरक्षित मार्तंड सूर्य मंदिर के खंडहरों में हुई पूजा-अर्चना में उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भाग लिया था. नियमों के अनुसार, केंद्र सरकार की लिखित अनुमति के बिना किसी संरक्षित स्मारक में बैठकें, स्वागत, दावत, मनोरंजन या सम्मेलन आयोजित नहीं किए जा सकते. हालांकि प्रशासन की ओर से कहा गया है कि उपराज्यपाल को अनुमति की ज़रूरत नहीं.
वाराणसी ज़िले में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित 18 ऐतिहासिक स्मारक हैं. संस्कृति मंत्रालय के अनुसार, 18 में से दो लापता हैं. हालांकि शहर में खोजने पर पांच स्मारकों का कोई ठिकाना नहीं मिलता और अन्य सात भी प्रशासनिक अनदेखी का शिकार हैं.
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) का अध्यक्ष पद साल 2017 से ख़ाली था. इस पद पर परेश रावल की नियुक्ति चार वर्षों के लिए की गई है.
भोपाल में मध्य प्रदेश स्कूल ऑफ ड्रामा के एक वर्षीय अभिनय प्रशिक्षण कोर्स के 2019-20 सत्र के विद्यार्थी बीते दो सप्ताह से अधिक समय से प्रबंधन के ख़िलाफ़ आंदोलनरत हैं. उनका कहना है कि कोरोना के चलते उनके बैच को प्रमोशन देकर नया सत्र शुरू किया जा रहा है जबकि उनका प्रशिक्षण अभी तक पूरा नहीं हुआ है.
महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी ने दावा किया है कि नई दिल्ली के बिड़ला भवन स्थित गांधी स्मृति से एक फ्रेंच फोटोग्राफर द्वारा खींची गई महात्मा गांधी के अंतिम समय की तस्वीरों को हटा दिया गया है. गांधी स्मृति के निदेशक का कहना है कि ऐसा नहीं है, बस कुछ तस्वीरों को डिजिटलाइज़ किया गया है.
बीते सप्ताह मुंबई में हुए एक कार्यक्रम के दौरान संस्कृति मंत्रालय की आलोचना करने पर अभिनेता और निर्देशक अमोल पालेकर को भाषण देने से रोक दिया गया था.