'विकास' परियोजनाओं के नाम पर जबरन बेदखल किए जाने पर अपने वजूद और प्राकृतिक संसाधनों को बचाए रखने के लिए लड़ने वालों को जब नरेंद्र मोदी 'अर्बन नक्सल' कहते हैं तो वे इनके संघर्षों का अपमान तो करते ही हैं, साथ ही परियोजना में हुई देरी के लिए ज़िम्मेदार सरकारी वजहों को भी नज़रअंदाज़ कर देते हैं.
ट्विटर ने कर्नाटक हाईकोर्ट में बताया कि सरकार ने उसे किसी ट्वीट के आधार पर पूरे एकाउंट को ब्लॉक करने के लिए कहा था, हालांकि आईटी अधिनियम की धारा 69 (ए) पूरे एकाउंट को ब्लॉक करने की अनुमति नहीं देती. धारा के तहत केवल सूचना या किसी विशेष ट्वीट को ब्लॉक करने की इजाज़त है.
मौजूदा अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल का कार्यकाल 30 सितंबर को समाप्त हो रहा है. इस पद के लिए सरकार ने वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी को पेशकश की थी, खबरों के मुताबिक पहले उन्होंने स्वीकृति दे दी थी, लेकिन अब अपने क़दम पीछे खींच लिए हैं. रोहतगी पहले 2014 से 2017 के बीच भी इस पद पर रह चुके हैं.
तेलंगाना राष्ट्र समिति ने कहा कि वह विभिन्न हितधारकों के साथ चर्चा जारी रख कर ‘वैकल्पिक राष्ट्रीय एजेंडा’ पर आम सहमति पर पहुंचेगी.
तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव ने एक सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘गोलमाल पीएम’ क़रार देते हुए कहा कि वे और केंद्र सरकार जो कुछ भी कहते हैं वह ‘सफेद झूठ’ होता है.
बीते रविवार को दुबई में एशिया कप क्रिकेट मैच में भारत के जीतने के बाद बीसीसीआई के सचिव जय शाह का तिरंगा नहीं पकड़ने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ. इसे लेकर विपक्ष ने उन पर निशाना साधते हुए कहा है कि प्रोटोकॉल के तहत तटस्थ रहने का अर्थ किसी ध्वज का अनादर करना नहीं होता.
केंद्र ने संविदा आधारित अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना की घोषणा बीते 14 जून को की थी, जिसमें साढ़े 17 साल से 21 साल के बीच के युवाओं को केवल चार वर्ष के लिए सेना में भर्ती करने का प्रावधान है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने समक्ष लंबित उन सभी जनहित याचिकाओं को बीते 19 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट को स्थानांतरित कर दिया था, जिनमें इस योजना को चुनौती दी गई थी.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में बताया कि 2018 से 2020 के बीच यूएपीए के तहत सर्वाधिक 1,338 गिरफ़्तारियां उत्तर प्रदेश में हुईं. उसके बाद मणिपुर में 943 और जम्मू कश्मीर में 750 लोगों को इस क़ानून के तहत गिरफ़्तार किया गया. इनमें से अधिकांश लोग 18-30 वर्ष की उम्र के थे.
2014 से 2020 के बीच केंद्र की मोदी सरकार द्वारा विभिन्न सोशल मीडिया कंपनियों और टेलीकॉम सेवा प्रदाताओं को जारी किए गए सामग्री हटाने या ब्लॉक करने संबंधी आदेशों की संख्या में लगभग 2,000 प्रतिशत की वृद्धि हुई है. 2014 में ऐसे आदेशों की संख्या 471 थी, जो कि 2020 में बढ़कर 9,849 पहुंच गई. यह भारत में बढ़ती ऑनलाइन सेंसरशिप की प्रवृत्ति को उजागर करता है.
केंद्र सरकार द्वारा लोकसभा में पेश आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2014-15 से 2021-22 के बीच उसके विभागों को नौकरियों के लिए 22.05 करोड़ आवेदन प्राप्त हुए, लेकिन नौकरी एक फीसदी से भी कम (0.33) उम्मीदवारों को मिली. वहीं, वर्ष 2019-20 को छोड़ दें तो केंद्र द्वारा दी जाने वाली नौकरियों में 2014-15 के बाद से साल दर साल गिरावट देखी गई है.
सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा को बताया कि सरकार ने 2019-20 में 5,326 अख़बारों में विज्ञापनों पर 295.05 करोड़ रुपये, 2020-21 में 5,210 अख़बारों में विज्ञापनों पर 197.49 करोड़ रुपये, 2021-22 में 6,224 अख़बारों में विज्ञापनों पर 179.04 करोड़ रुपये और 2022-23 में जून तक 1,529 अख़बारों में विज्ञापनों पर 19.25 करोड़ रुपये ख़र्च किए थे.
एक मीडिया रिपोर्ट में सैटेलाइट तस्वीरों के माध्यम से खुलासा किया गया है कि वर्ष 2017 में डोकलाम पठार पर जिस जगह भारतीय और चीनी सेना का आमना-सामना हुआ था, वहां से नौ किलोमीटर पूर्व में चीन ने एक गांव बसा दिया है. विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के निर्माण से चीन उन जगहों पर अपनी सेना तैनात कर रहा है, जहां से भारतीय सीमा के विशेष तौर पर संवेदनशील इलाकों को ख़तरे में डाल सके.
राज्यसभा में केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने बताया है कि ग़ैरक़ानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत वर्ष 2016 से 2020 के बीच 24,134 लोगों को गिरफ़्तार किया गया, जिनमें से केवल 212 के ख़िलाफ़ ही दोष सिद्ध हो सके. इसके प्रावधान आरोप झेल रहे लोगों के लिए ज़मानत पाना लगभग असंभव बना देते हैं. परिणामस्वरूप, ज़्यादातर लोग लंबे समय तक जेलों में विचाराधीन क़ैदियों के रूप में पड़े रहते हैं.
राजद नेता तेजस्वी यादव, आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह आदि ने केंद्र की मोदी सरकार पर इस मुद्दे पर तीखा हमला बोला है. यादव ने कहा कि जात न पूछो साधु की, लेकिन जात पूछो फौजी की. संघ की भाजपा सरकार जातिगत जनगणना से दूर भागती है, लेकिन देश सेवा के लिए जान देने वाले अग्निवीर भाइयों से जाति पूछती है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आरोपों को ख़ारिज करते हुए इसे अफ़वाह बताया है.
गृह मंत्रालय ने अपनी विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम वेबसाइट से वो डेटा हटा दिया है, जिसमें एनजीओ के वार्षिक रिटर्न और उन एनजीओ की सूची शामिल है जिनके लाइसेंस रद्द कर दिए गए हैं. मंत्रालय ने इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि ये डेटा जनता के देखने के लिए 'गैर-ज़रूरी' माना गया था.