संविधान दिवस: अगर देश आरएसएस के मुताबिक़ चलता रहा तो हमारा संवैधानिक ढांचा क्या रहेगा?

आंबेडकर का कहना था कि हिंदू राज इस देश के लिए सबसे बड़ी आपदा होगी क्योंकि हिंदू राष्ट्र का सपना आज़ादी, बराबरी और भाईचारे के ख़िलाफ़ है, और यह लोकतंत्र के बुनियादी सिद्धांतों से मेल नहीं खाता.

स्वतंत्रता आंदोलन से दूर रहने वाला आरएसएस आज विउपनिवेशीकरण का दावा कैसे कर सकता है?

पिछले वर्षों में अदालतें अपने निर्णयों के संदर्भ बिंदु संविधान की जगह धार्मिक ग्रंथों, धर्मशास्त्रों को बना रही हैं. इस तरह हिंदुओं की सार्वजनिक कल्पना को बदला जा रहा है.

धीरेंद्र झा ने गोलवलकर की जीवनी के ज़रिये भारतीय फ़ासिज़्म की जीवनी लिखी है

धीरेंद्र के. झा की 'गोलवलकर: द मिथ बिहाइंड द मैन, द मैन बिहाइंड द मशीन' साफ़ करती है कि सावरकर के साथ एमएस गोलवलकर को भारतीय फ़ासिज़्म का जनक कहा जा सकता है. इसे पढ़कर हम यह सोचने को बाध्य होते हैं कि क्यों फ़ासिज़्म के इस रूप के प्रति भारत के हिंदुओं में सहिष्णुता है.

क्या फांसी तक गोडसे का आरएसएस से जुड़ाव था?

पुस्तक समीक्षा: धीरेन्द्र के. झा की ‘गांधी का हत्यारा गोड़से' किताब से आरएसएस के उस दुरंगेपन की पहचान अब बहुत आसान हो गई है जिसके तहत कभी वह नाथूराम से पल्ला छुड़ाता है और कभी उसका ‘यशगान’ करने वालों को अपना नया 'आइकाॅन' बना लेता है.

नाथूराम की ज़िंदगी और उसके सपनों का भारत

पुस्तक अंश: सावरकर 1934 से नियमित याचिकाएं लगाते रहे थे इस वादे के साथ कि वे राजनीति में जाने के बाद भी क़ानून का हर तरह पालन करते रहेंगे.
वह क़रीब पचपन के थे, जब अंग्रेजों ने मई 1937 में उनके राजनीतिक गतिविधियों में भाग लेने से पाबंदियां हटाईं.

भारतीय संविधान और हिंदुत्व के पैरोकारों की अंतहीन बेचैनी

लोकसभा चुनाव के प्रचार के कई भाजपा नेता संविधान बदलने के लिए बहुमत हासिल करने की बात दोहरा चुके हैं. उनके ये बयान नए नहीं हैं, बल्कि संघ परिवार के उनके पूर्वजों द्वारा भारतीय संविधान के प्रति समय-समय पर ज़ाहिर किए गए ऐतराज़ और इसे बदलने की इच्छा की तस्दीक करते हैं.

सीएए के ज़रिये संविधान में समानता के विचार को ख़त्म किया गया है: पिनाराई विजयन

केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने नागरिकता संशोधन अधिनियम के विरोध में आयोजित एक रैली में कहा कि हमारा देश धर्मनिरपेक्ष है, लेकिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कभी भी धर्मनिरपेक्षता को स्वीकार नहीं किया. उनकी विचारधारा एडॉल्फ हिटलर और बेनिटो मुसोलिनी के फासीवाद से प्रेरित है.

गोलवलकर पर विवादित पोस्ट के आरोप में दिग्विजय सिंह के ख़िलाफ़ दो एफ़आईआर दर्ज

शिकायतकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल से किए गए पोस्ट में आरएसएस के पूर्व प्रमुख एमएस गोलवलकर को लेकर ग़लत टिप्पणियां की गई हैं. पोस्ट में कहा गया है​ कि गोलवलकर दलितों, पिछड़ों और मुसलमानों को समान अधिकार देने के ख़िलाफ़ थे.

गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार गांधी और पुरस्कार दोनों को कमतर करने की कोशिश है

आधुनिक भारत में हिंदू धर्म के संबंध में गांधी जो करने की कोशिश कर रहे थे, गीता प्रेस उसके ठीक उलट लड़ाई लड़ रही थी और लड़ रही है.

बिखराव के बीज बोते हुए सद्भाव का खेल खेलते रहने में संघ को महारत हासिल है

संघ की स्वतंत्रतापूर्व भूमिकाओं की याद दिलाते रहना पर्याप्त नहीं है- उसके उन कृत्यों की पोल खोलना भी ज़रूरी है, जो उसने तथाकथित प्राचीन हिंदू गौरव के नाम पर आज़ादी के साझा संघर्ष से अर्जित और संविधान द्वारा अंगीकृत समता, बहुलता व बंधुत्व के मूल्यों को अपने कुटिल मंसूबे से बदलने के लिए बीते 75 वर्षों में किए हैं.

आरएसएस आज चाहे जो भी कहे, सच यही है कि संघ देश की आज़ादी की लड़ाई का हिस्सा नहीं था

स्वतंत्रता संग्राम के समय मुस्लिम लीग और हिंदू महासभा दोनों ही कांग्रेस को अपने मुख्य दुश्मन के तौर पर देखते थे और अंग्रेज़ों के साथ दोस्ती करने के लिए तैयार थे- वे साथ ही साथ राष्ट्रवादी होने का दावा भी करते थे. हालांकि, एक मुस्लिम राष्ट्रवाद को आगे बढ़ा रहा था और दूसरा हिंदू राष्ट्रवाद को.

गांधी के कहने पर सावरकर का दया याचिका दायर करने का रक्षा मंत्री का दावा बेतुका: राजमोहन गांधी

वरिष्ठ पत्रकार करण थापर से बात करते हुए महात्मा गांधी के पौत्र और प्रोफेसर राजमोहन गांधी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के गांधी की सलाह पर वीडी सावरकर के माफ़ीनामे लिखने के दावे का खंडन किया और इसे हास्यास्पद बताया.

मोदी सरकार और सावरकर का सच…

सेल्युलर जेल के सामने बने शहीद उद्यान में वीडी सावरकर की मूर्ति और संसद दीर्घा में उनका तैल चित्र लगाकर भाजपा सरकार ने उनकी गद्दारी के प्रति जनता की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश की है.