मणिपुर से भारतीय जनता पार्टी के सांसद एम. सनाजाउबा लेशेम्बा ने राज्यसभा में मणिपुर-म्यांमार सीमा विवाद पर चर्चा करते हुए कहा कि राज्य पहले ही ज़मीन का बड़ा हिस्सा खो चुका है. अब भारत सरकार को इस मामले को म्यांमार के साथ राजनीतिक स्तर पर उठाना चाहिए.
मणिपुर सरकार ने दिवंगत ब्रिगेडियर सुशील कुमार शर्मा की किताब 'द कॉम्प्लेक्सिटी कॉल्ड मणिपुर: रूट्स, परसेप्शन्स एंड रियलिटी' में दर्ज जानकारियों को भ्रामक बताते हुए इस पर प्रतिबंध लगा दिया है. किताब में मणिपुर रियासत के भारत के विलय का इतिहास बताया गया है.
बांग्लादेश और म्यांमार से अवैध प्रवासियों की आमद पर गंभीर चिंता जताते हुए मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा कि उन स्थानीय लोगों के ख़िलाफ़ क़दम उठाए जाएंगे, जो विदेशियों को किराये पर अपने घरों में रहने की अनुमति दे रहे हैं.
जदयू ने इन पांच विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिए हाईकोर्ट जाने की बात कही है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ने आरोप लगाया है कि भाजपा ने मणिपुर में वही किया जो उसने पहले दिल्ली, झारखंड, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में किया था.
बीते कुछ समय से मणिपुर में अवैध घुसपैठ का दावा करते हुए एनआरसी की मांग तेज़ी से सिर उठा रही है. विधानसभा में जदयू विधायक के. जॉयकिशन ने दावा किया कि पर्वतीय क्षेत्रों में 1971 से 2001 के बीच जनसंख्या में 153.3% की वृद्धि हुई और 2002-11 में यह दर 250.9 फीसदी हो गई. उन्होंने कहा कि इसकी वजह बाहर से लोगों की कथित घुसपैठ हो सकती है.
मणिपुर की भाजपा सरकार ने बीते दो जुलाई को मणिपुर (पर्वतीय क्षेत्र) जिला परिषद छठे एवं सातवें संशोधन विधेयक पेश किए थे. पर्वतीय क्षेत्र का राज्य के घाटी वाले इलाकों के समतुल्य विकास सुनिश्चित करने की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों का दावा है कि ये विधेयक उनकी मांगों के अनुरूप नहीं हैं.
लंबित विज्ञापनों बिलों के भुगतान की मांग के साथ 24 अप्रैल से सरकारी ख़बरों का बहिष्कार कर रहे एडिटर्स गिल्ड मणिपुर के एक सदस्य ने बताया कि मीडिया निकायों को अब तक सरकार की ओर से कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है. ऐसे में जब तक मांगें पूरी नहीं होतीं, बहिष्कार जारी रखने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.
15 अप्रैल को एडिटर्स गिल्ड मणिपुर, ऑल मणिपुर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन, मणिपुर हिल जर्नलिस्ट यूनियन और प्रकाशकों की संयुक्त बैठक में राज्य सरकार व मणिपुर भाजपा से शनिवार तक लंबित विज्ञापनों बिलों का भुगतान करने को कहा गया था लेकिन उनसे कोई प्रतिक्रिया न मिलने के बाद बहिष्कार का फ़ैसला किया गया.
यह विवाद नगालैंड और मणिपुर की सीमा से लगे एक वन क्षेत्र ‘केज़ोल्त्सा’ को लेकर हैं. यह सेनापति ज़िले (मणिपुर) के माओ नगाओं और नगालैंड की राजधानी कोहिमा के साउदर्न अंगामी नगाओं के बीच विवाद का विषय रही है. यहां मणिपुर द्वारा सुरक्षाकर्मियों की तैनाती के ख़िलाफ़ साउदर्न अंगामी पब्लिक ऑर्गनाइजेशन ने बंद का आह्वान किया था, जिसके विरोध में ऑल असम मणिपुरी यूथ एसोसिएशन ने भी नाकेबंदी का ऐलान कर दिया है.
मणिपुर में हाल में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 60 सदस्यीय सदन में 32 सीट जीतकर सत्ता में वापसी की है. मुख्यमंत्री के साथ जिन पांच कैबिनेट मंत्रियों ने शपथ ली, उनमें भाजपा से थोंगम बिश्वजीत सिंह, युमनाम खेमचंद सिंह, गोविंददास कोंथोजम, नेमचा किपगेन और नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के आंगबो न्यूमाई शामिल हैं.
मणिपुर के राज्यपाल ने भाजपा विधायक दल के नेता और कार्यवाहक मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह को अगली सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया है. हाल में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 32 सीट जीतकर सत्ता में वापसी की है. भाजपा नेतृत्व वाली सरकार के पास 60 सदस्यीय विधानसभा में कई दलों के समर्थन के बाद 41 सदस्य हो गए हैं, जो दो तिहाई बहुमत है.
मणिपुर के 60 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा 32 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बन गई है. नेशनल पीपुल्स पार्टी सात सीटों पर जीत हासिल की. जदयू सात सीटों पर विजयी रही, जबकि 2017 में 28 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी कांग्रेस को इस बार महज़ पांच सीटों जीतकर संतोष करना पड़ा.
मणिपुर के विधानसभा चुनाव में अब तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार भाजपा ने 15 सीटों पर जीत हासिल की है और चौदह पर आगे चल रही है. रुझानों से साफ हो गया है कि भाजाप बड़ी पार्टी के तौर पर उभर रही है. हेनगांग से जीत हासिल करने के बाद मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने कहा कि भाजपा समान विचारधारा वाले दलों के साथ गठबंधन के लिए तैयार है, लेकिन एनपीपी की मदद नहीं ले सकती.
मणिपुर कांग्रेस के प्रभारी भक्त चरण दास ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि आफ़स्पा अपने शुरुआती स्तर पर अलग था, पर अब यह नागरिकों के ख़िलाफ़ हिंसा को बढ़ावा देता है. ये लोग (भाजपा) इसे नागरिकों के ख़िलाफ़ इस्तेमाल करना चाहते हैं. वे सत्ता में बने रहने के लिए आतंक का माहौल बनाए रखना चाहते हैं.
इस हफ्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में मणिपुर, असम, मेघालय और नगालैंड के प्रमुख समाचार.