अमेरिकी सरकार द्वारा वित्तपोषित थिंक-टैंक ‘फ्रीडम हाउस’ ने ‘फ्रीडम इन द वर्ल्ड’ 2023 संस्करण में भारत को सौ में से 66 अंकों के साथ ‘आंशिक रूप से स्वतंत्र’ देश मानते हुए कहा है कि भारतीय मुसलमानों के राजनीतिक अधिकारों को ख़तरा बना हुआ है, आरटीआई क़ानून कमज़ोर हुआ है, लोकायुक्त संस्थाएं निष्क्रिय हैं और प्रेस की स्वतंत्रता पर हमले हो रहे हैं.
शीर्ष अदालत ने अगस्त 2022 में भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा को एक टीवी बहस के दौरान पैगंबर पर उनकी टिप्पणी को लेकर कई राज्यों में दर्ज एफ़आईआर के संबंध में भी इसी तरह की राहत प्रदान की थी. सितंबर 2022 में इस बहस की एंकर रहीं नविका कुमार के ख़िलाफ़ दर्ज विभिन्न एफ़आईआर भी दिल्ली पुलिस के पास भेज दी गई थीं.
सुप्रीम कोर्ट ने आठ सप्ताह तक पत्रकार नविका कुमार के ख़िलाफ़ कठोर कार्रवाई नहीं करने का भी निर्देश दिया है. यह मामला 26 मई को एक ‘टीवी डिबेट शो’ के दौरान पैगंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ की गई टिप्पणी से संबंधित है. नविका कुमार ‘टाइम्स नाउ’ पर प्रसारित इस परिचर्चा की एंकर थीं, जिसमें भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने यह टिप्पणी की थी.
हैदराबाद में बीते दिनों स्टैंडअप कॉमेडियन मुनव्वर फ़ारूक़ी का शो हुआ था, जिसके विरोध में गोशामहल से विधायक टी. राजा सिंह का यूट्यूब पर एक वीडियो सामने आया था, जिसमें वे कथित तौर पर पैगंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ टिप्पणी करते देखे गए थे. इसके बाद उनकी गिरफ़्तारी के लिए विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे और भाजपा ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया था.
गोशामहल विधायक राजा सिंह की पैगंबर मोहम्मद को लेकर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद उन्हें गिरफ़्तार किया गया था. बाद में एक स्थानीय अदालत ने उन्हें ज़मानत दे दी थी, जिसके ख़िलाफ़ रातभर शहर के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए. भाजपा ने उन्हें कारण बताओ नोटिस देते हुए पार्टी से निलंबित कर दिया है.
हैदराबाद में बीते दिनों स्टैंडअप कॉमेडियन मुनव्वर फ़ारूक़ी का शो हुआ था, जिसके विरोध में गोशामहल से भाजपा विधायक टी. राजा सिंह का यूट्यूब पर एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वे कथित तौर पर पैगंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ टिप्पणी करते देखे जा सकते हैं.
पैगंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ की गई टिप्पणी को लेकर भारतीय जनता पार्टी की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा के ख़िलाफ़ देश के विभिन्न राज्यों में एफआईआर दर्ज कराई गई थीं. सुप्रीम कोर्ट ने इन सभी को एक साथ जोड़कर दिल्ली पुलिस को स्थानांतरित कर दिया है और भविष्य में दर्ज होने वाले मामलों को रद्द कराने के लिए नूपुर शर्मा को दिल्ली हाईकोर्ट जाने की छूट दी है.
भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ टिप्पणी ‘टाइम्स नाउ’ के प्राइम टाइम शो में की थी, जिसे नविका कुमार होस्ट कर रही थीं. इसे लेकर नविका के ख़िलाफ़ कई एफआईआर दर्ज हुई थीं. सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें भविष्य में दर्ज हो सकने वाली एफआईआर के संबंध में भी दंडात्मक कार्रवाई से राहत दी है.
न्याय का सिद्धांत है कि ‘सौ दोषी भले छूट जाएं, लेकिन एक भी निर्दोष नहीं पकड़ा जाना चाहिए’, लेकिन इलाहाबाद के अटाला में पैगंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ टिप्पणी को लेकर जून महीने में हुई हिंसा के बाद बड़े पैमाने पर की गईं गिरफ़्तारियों में न्याय के इस सिद्धांत को ही उलट दिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा को पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी को लेकर भविष्य में दर्ज हो सकने वाली एफ़आईआर में भी दंडात्मक कार्रवाई से राहत दे दी. बीते एक जुलाई को शीर्ष अदालत ने इस मामले को लेकर शर्मा की कड़ी आलोचना करते हुए कहा था कि उन्होंने अपनी ‘बेलगाम ज़ुबान’ से ‘पूरे देश को आग में झोंक दिया है’, उन्हें पूरे देश से माफ़ी मांगनी चाहिए.
कॉन्सटिट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप से जुड़े देश के 72 पूर्व नौकरशाहों के एक समूह ने अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को पत्र लिखकर फैक्ट चेक वेबसाइट ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर को लगातार हिरासत में रखने और उनकी निजी स्वतंत्रता के हनन पर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि क़ानून के समक्ष समानता के संवैधानिक सिद्धांत के समर्थक के रूप में नुपुर शर्मा और मोहम्मद जुबैर के बीच भेदभावपूर्ण व्यवहार को देखना बहुत परेशान करने वाला है.
पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी के विरोध में बीते 10 जून को इलाहाबाद में हुई हिंसा के संबंध में वेलफेयर पार्टी ऑफ इंडिया के नेता और सीएए विरोधी प्रदर्शनों में शामिल रहे जावेद मोहम्मद को उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ़्तार किया था. उनके वकील का कहना है कि पुलिस उनके ख़िलाफ़ जब कोई ठोस सबूत जुटाने में विफल रही तो उसने राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून लगा दिया.
बीते दिनों केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री ने कई प्राइम टाइम टीवी एंकरों और बड़े चैनलों के संपादकों को यह चर्चा करने के लिए बुलाया कि क्या समाचार चैनलों पर सांप्रदायिकता और ध्रुवीकरण को बढ़ावा देने वाली बहसों को कम किया जा सकता है. मंत्री जी स्पष्ट तौर पर ग़लत जगह इलाज का नुस्ख़ा आज़मा रहे हैं, जबकि असल रोग उनकी नाक के नीचे ही है.
सुप्रीम कोर्ट मुस्लिम संगठन जमीयत-उलेमा-ए-हिंद द्वारा दायर याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार और अन्य राज्यों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है कि हिंसा के हालिया मामलों के आरोपियों की संपत्तियों में और तोड़फोड़ न की जाए.
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दावा किया कि उदयपुर हत्याकांड के एक आरोपी के उसके मकान मालिक से हुए विवाद की शिकायत के संबंध में भाजपा नेताओं ने पुलिस कार्रवाई से पहले ही थाने में फोन कर दिया था कि वह (आरोपी) उनका कार्यकर्ता है, इसलिए उसे तंग न किया जाए.