भाजपा नेताओं द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी के बाद हुए प्रदर्शन के दौरान सहारनपुर में भड़की हिंसा के मामले में आरोपी बनाए गए लोगों के परिवारों को घर गिराए जाने संबंधी नोटिस मिल रहे हैं. परिजनों का कहना है कि नोटिसों का 10 जून यानी हिंसा भड़कने के दिन ही जारी होना इन पर सवाल खड़े करता है.
पूर्व नौकरशाहों के कॉन्स्टिट्यूशनल कंडक्ट ग्रुप ने देश के मुख्य न्यायाधीश को लिखे एक खुले पत्र में कहा कि अब समस्या केवल स्थानीय स्तर पर पुलिस और प्रशासन की ‘ज़्यादतियों’ की नहीं है बल्कि तथ्य यह है कि क़ानून के शासन, उचित प्रक्रिया और ‘दोषी साबित न होने तक निर्दोष माने जाने’ के विचार को बदला जा रहा है.
निलंबित भाजपा नेताओं नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल की पैगंबर मोहम्मद के ख़िलाफ़ टिप्पणी के विरोध में बीते 10 जून को झारखंड की राजधानी रांची में हुई हिंसा के दौरान 20 वर्षीय मोहम्मद साहिल और 15 वर्षीय मुदस्सिर आलम की गोली लगने से मौत हो गई थी.
झूठ का पहाड़ जब ढहने लगे, क्रूरता के क़िले की दीवार में सेंध लग जाए, रंगे सियार का उतरने लगे रंग, तो सबसे बड़ा सहारा है… बुलडोजर.
उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में इत्तिहाद-ए-मिल्लत काउंसिल के प्रमुख मौलाना तौकीर रज़ा के आह्वान पर भाजपा नेता नूपुर शर्मा की गिरफ़्तारी की मांग को लेकर बीते 19 जून आयोजित कार्यक्रम में निर्धारित संख्या से अधिक लोगों के शामिल होने पर आयोजकों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया गया है. इधर पैगंबर पर टिप्पणी को लेकर कोलकाता के एक थाने में दर्ज मामले में निलंबित भाजपा नेता नूपुर शर्मा पेश नहीं हुईं.
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ ज़िले के महुआ खेड़ा थाना क्षेत्र में स्थित एक मस्जिद की दीवार पर ‘इस्लाम के पैगंबर’ के ख़िलाफ़ टिप्पणी लिखने के आरोप में एक अज्ञात व्यक्ति के पर पुलिस ने एफ़आईआर दर्ज की है. पुलिस ने कहा कि इस संबंध में कई लोगों से पूछताछ की जा रही है.
अतीत में मुसलमानों को सज़ा देने के लिए क़त्लेआम किया जाता था, भीड़ उन्हें पीट-पीटकर मार डालती थी, उनको निशाना बनाकर हत्याएं होती थीं, वे हिरासतों, फ़र्ज़ी पुलिस मुठभेड़ों में मारे जाते या झूठे आरोपों में क़ैद किए जाते थे. अब उनकी संपत्तियों को बुलडोज़र से ढहा देना इस फेहरिस्त में जुड़ा एक नया हथियार है.
नूपुर शर्मा उन्हें सिखाए गए तरीके से ही खेल रही थीं. अतीत में उन्हें या भाजपा की ओर से बोलने वाले उनके किसी भी सहकर्मी को कभी भी हिंसक मुस्लिम विरोधी टिप्पणियों के लिए फटकार नहीं मिली. असल में तो ऐसा लगता है कि यह पार्टी के शीर्ष नेताओं की नज़र में आने का बढ़िया तरीका रहा है.
एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी मंदार विधानसभा सीट पर उपचुनाव प्रचार के लिए झारखंड आए थे. इस दौरान रांची हवाईअड्डे पर पहुंचने पर कथित तौर पर पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाए जाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था. पार्टी की ओर से कहा गया है कि यह उसकी छवि को ख़राब करने की कोशिश है.
वीडियो: निलंबित भाजपा नेता- नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर की गई टिप्पणी के बाद भारत के कई राज्यों में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे. अरब देशों ने भी विरोध दर्ज कराया था. उत्तर प्रदेश में प्रशासन ने हिंसा के आरोपियों के घर तक बुलडोज़र से गिरवा दिए. द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन ने दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद से इन मुद्दों पर चर्चा की.
पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी को लेकर भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा के ख़िलाफ़ 28 मई को रज़ा अकादमी के संयुक्त सचिव इरफ़ान शेख़ की शिकायत पर दक्षिण मुंबई के पायधुनी थाने में एफ़आईआर दर्ज की गई थी. शर्मा को बयान दर्ज कराने के लिए 25 जून को पायधुनी थाने में पेश होने के लिए कहा गया है.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि हम भाजपा के दो (पूर्व) पदाधिकारियों की अपमानजनक टिप्पणियों की निंदा करते हैं. यह देखकर ख़ुशी हुई कि पार्टी ने उनके बयानों की सार्वजनिक तौर पर निंदा की. हम भारत को मानवाधिकारों के सम्मान को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित करते हैं.
रांची में पुलिस ने मंगलवार को 10 जून की हिंसा में वांछित लोगों के पोस्टर जारी किए थे. बाद में तकनीकी त्रुटि का हवाला देते हुए इन्हें सुधार कर दोबारा जारी करने की बात कही गई. सत्तारूढ़ झामुमो और कांग्रेस के कुछ नेताओं द्वारा इसके विरोध के बीच गृह सचिव ने रांची एसएसपी से इस पर स्पष्टीकरण मांगा है.
उत्तर प्रदेश में इलाहाबाद, सहारनपुर समेत कई शहरों में बीते 10 जून को भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा और पार्टी से निष्कासित नेता नवीन कुमार जिंदल की पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी को लेकर विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा भड़क गई थी. यूपी पुलिस ने हिंसक प्रदर्शनों के सिलसिले में अब तक 357 लोग गिरफ़्तार किया है और कुल 13 एफ़आईआर दर्ज की है.
निलंबित भाजपा नेताओं द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी को लेकर देश में उपजे विवाद के बीच केरल के कन्नूर ज़िले की एक मस्जिद को मय्यिल पुलिस स्टेशन के एसएचओ ने नोटिस जारी कर कहा था कि कोई भी नफ़रती भाषण नहीं होना चाहिए, जो क्षेत्र में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ता हो. ऐसा भाषण देने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी.