एक संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट में एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, भारत संचार निगम लिमिटेड, गेल और केनरा बैंक के शीर्ष प्रबंधन में ओबीसी समुदाय की अनुपस्थिति के बारे में बताते हुए कहा कि निदेशक मंडल में सामाजिक समावेशन के लिए ओबीसी को उचित प्रतिनिधित्व देना अनिवार्य है.
इससे पहले तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति के ‘नौकरी के लिए हिंदी भाषा की जानकारी होने’ संबंधी प्रस्ताव पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा था कि यह प्रस्ताव संविधान के संघीय सिद्धांतों के ख़िलाफ़ जाता है.
एक संसदीय समिति की सिफ़ारिश है कि हिंदी-भाषी राज्यों में आईआईटी जैसे तकनीकी और ग़ैर-तकनीकी उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षा का माध्यम हिंदी, और देश के अन्य हिस्सों में स्थानीय भाषा होना चाहिए. समिति ने यह अनुशंसा भी की है कि हिंदी संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषाओं में से एक होनी चाहिए.
लोकसभा में प्रस्तुत संसद की एक समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि एम्स, दिल्ली में उचित पात्रता, योग्यता, पूरी तरह से अनुभवी होने के बावजूद एससी/एसटी उम्मीदवारों को शामिल नहीं किया जा रहा. अनौपचारिक आधार पर अस्पताल में काम करने वाले अनुसूचित जाति/जनजाति समुदायों के कनिष्ठ कर्मचारियों का चयन उस समय नहीं किया गया जब पदों को नियमित किया जा रहा था.
भाजपा सांसद सुशील कुमार मोदी की अध्यक्षता वाली संसदीय समिति ने एक रिपोर्ट में कहा कि वह भारत सरकार को संबोधित करने के लिए ‘केंद्र (Centre)’ के बजाय ‘भारत संघ (Union of India)’ कहना अधिक पसंद करेगी. हालांकि कार्मिक मंत्रालय ने इस पर असहमति जताई है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शीर्ष निर्णायक समिति की वार्षिक बैठक से पहले इसकी महिला शाखा राष्ट्र सेविका समिति ने कहा कि लड़कियों को उपयुक्त शिक्षा अर्जित करने के बाद ही विवाह करना चाहिए. पिछले साल दिसंबर में संसद में महिलाओं की शादी की उम्र 18 से 21 करने के प्रस्ताव संबंधी विधेयक पेश किया गया था, लेकिन लोकसभा ने यह विधेयक बाद में व्यापक चर्चा के लिए संसद की स्थायी समिति के पास भेज दिया.
पिछले साल दिसंबर में महिलाओं के सशक्तिकरण पर संसदीय समिति की लोकसभा में पेश रिपोर्ट में कहा गया था कि ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना के तहत 2016-2019 के दौरान जारी किए गए कुल 446.72 करोड़ रुपये में से 78.91 फीसदी धनराशि सिर्फ़ मीडिया के ज़रिये प्रचार करने में ख़र्च की गई.
पाकिस्तान के न्यायिक आयोग ने इस महीने की शुरुआत में उनके नाम की अनुशंसा की थी लेकिन जस्टिस आयशा मलिक की पदोन्नति का मामला विवादों में रहा, क्योंकि उनकी पदोन्नति को वरिष्ठता के सिद्धांत के ख़िलाफ़ बताया जा रहा था. जस्टिस मलिक लाहौर हाईकोर्ट के न्यायाधीशों की वरिष्ठता सूची में चौथे स्थान पर हैं.
युवतियों के विवाह की क़ानूनी आयु को बढ़ाकर 21 साल करने संबंधी विधेयक की जांच पड़ताल करने वाली संसद की स्थायी समिति के 31 सदस्यों में तृणमूल कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव अकेली महिला हैं. देव ने कहा कि समिति में और महिला सांसद होतीं तो बेहतर होता.
भारतीय समाज में शादी-ब्याह के मामले पेचीदा विरोधाभासों और विडंबनाओं में उलझे हुए हैं. इन्हें किसी क़ानूनी करतब से सुलझाना नामुमकिन है. जब युवा महिलाओं को स्तरीय शिक्षा के साथ वाजिब वेतन पर रोज़गार मिलेगा तब वे सही मायने में स्वावलंबी और सशक्त बन सकेंगी. फिर वे ख़ुद तय करेंगी कि शादी करनी भी है या नहीं, और अगर करनी है तो कब, किससे और कैसे.
बाल विवाह निषेध (संशोधन) विधेयक 2021 को लोकसभा में पेश करने के बाद विचार-विमर्श और सिफ़ारिशों के लिए स्थाई समिति के पास भेजा गया है. इस विधेयक में लड़कियों के विवाह की उम्र 18 साल से बढ़ाकर 21 करने का प्रस्ताव है. विपक्ष के विरोध के बीच इसे मंगलवार को लोकसभा में पेश किया गया था.
महिला सशक्तिकरण पर संसदीय समिति की लोकसभा में पेश रिपोर्ट के अनुसार, 2016-2019 के दौरान योजना के तहत जारी कुल 446.72 करोड़ रुपये में से 78.91 फीसदी धनराशि सिर्फ मीडिया के ज़रिये प्रचार में ख़र्च की गई. समिति ने कहा कि सरकार को लड़कियों के स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में भी निवेश करना चाहिए.
एक संसदीय समिति ने कहा है कि गर्भधारण पूर्व और प्रसव पूर्व निदान तकनीक लिंग चयन निषेध अधिनियम (पीसीएंडपीएनडीटी) के तहत पिछले 25 वर्षों से दर्ज 3,158 न्यायिक मामलों में से केवल 617 मामलों में दोषसिद्धि हुई. समिति ने सिफ़ारिश की कि मामलों की सुनवाई में तेज़ी लाई जाए और निर्णय लेने में छह महीने से अधिक समय नहीं लगना चाहिए.
संसद में हाल ही में पेश एक स्थायी संसदीय समिति की रिपोर्ट में कहा गया कि सिर्फ आठ राज्यों ने अपने सभी स्कूलों में पीने के पानी की सुविधा सुनिश्चित की है. समिति ने शिक्षा मंत्रालय से 2021-22 के अंत तक हर शैक्षणिक संस्थान में नल से जल मिशन के तहत सुरक्षित पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने को कहा है.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कहा कि पारदर्शी वैधानिक तंत्र मुहैया कराने के लिए नियमों में संशोधन किया गया है और इससे लोगों को लाभ होगा. संशोधित नियम के मुताबिक चैनलों पर प्रसारित किसी भी कार्यक्रम से परेशानी होने पर दर्शक उस संबंध में प्रसारक से लिखित शिकायत कर सकता है.