2023 में भारतीय अर्थव्यवस्था बेतहाशा महंगाई और आय असमानता का सामना कर रही है. बढ़ती महंगाई अकेले बाज़ार ताक़तों के चलते नहीं है, बल्कि यह उस सरकारी रवैये का नतीजा है जहां एक वर्ग को दूसरे पर प्राथमिकता दी जाती है.
कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि कर्नाटक सरकार द्वारा राज्य में शुरू की गई गृह लक्ष्मी योजना ‘भाजपा निर्मित महंगाई पर सबसे बड़ा हमला’ है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को कल्याणकारी योजनाओं को ‘रेवड़ी’ कहकर अपमानित नहीं करना चाहिए. उन्हें विशेषकर महिलाओं से माफ़ी मांगनी चाहिए और एक समयसीमा बतानी चाहिए कि वह महंगाई पर कब लगाम लगाएंगे.
फेडरेशन ऑफ इंडियन पेट्रोलियम इंडस्ट्री ने निजी ईंधन खुदरा विक्रेताओं को राहत प्रदान करने, उनके लिए एक अधिक व्यवहार्य निवेश वातावरण बनाने और इस क्षेत्र में निवेश, रोज़गार सृजन को आकर्षित करने के लिए पेट्रोलियम मंत्रालय के हस्तक्षेप की मांग की है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी छत्तीसगढ़ को पर्याप्त ईंधन देने के लिए केंद्र को पत्र लिखा है.
मांग में अचानक आए उछाल की वजह से मध्य प्रदेश, राजस्थान और कर्नाटक जैसे कई राज्यों में कुछ पेट्रोल पंप तेल की कमी का सामना कर रहे हैं. सरकार ने कहा है कि ईंधन की अधिक मांग को पूरा करने के लिए पेट्रोल और डीज़ल की आपूर्ति पर्याप्त है, लेकिन सरकारी पेट्रोल पंपों पर भीड़ ने ग्राहकों के इंतज़ार की अवधि को बढ़ा दिया है.
पिछले एक साल में सीएनजी की कीमतों में 32.21 रुपये प्रति किलोग्राम या 60 फीसदी तक की वृद्धि हो चुकी है. कीमतों में सात मार्च के बाद से यह 13वीं बढ़ोतरी है. इस दौरान कुल मिलाकर सीएनजी की कीमत 19.60 रुपये प्रति किलोग्राम बढ़ चुकी है. वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने कहा कि वास्तविक कटौती तब होगी, जब केंद्र उस सेस में कमी करे, जो वह पेट्रोल-डीज़ल पर वसूल करता है और इसे
घरेलू गैस के दामों में बढ़ोतरी के ख़िलाफ़ युवा कांग्रेस ने दिल्ली स्थित केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी के आवास के पास प्रदर्शन किया. कांग्रेस ने यह दावा भी किया कि मोदी सरकार ने पिछले आठ वर्षों में सब्सिडी वाले रसोई गैस सिलेंडर के दाम में 585 रुपये की बढ़ोतरी की है और सब्सिडी भी पूरी तरह ख़त्म कर दी है.
कांग्रेस नेता अलका लांबा ने वाणिज्यिक एलपीजी सिलेंडर के दाम में वृद्धि को लेकर आरोप लगाया कि केंद्र वास्तविक मुद्दों से ध्यान हटाने की कोशिश कर रहा है और दाम बढ़ा रहा है. वहीं, तेलंगाना राष्ट्र समिति की नेता के. कविता ने कहा कि मोदी सरकार के कार्य और फैसले उनकी आम जनता के प्रति असंवेदनशीलता को दिखाते हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस बयान पर महाराष्ट्र, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल और राजस्थान जैसे विपक्ष शासित राज्यों ने कहा कि केंद्र सरकार को राज्यों से कर घटाने के लिए कहने का कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने कहा कि यही प्रधानमंत्री जनता को लेकर चिंतित होते तो उनकी सरकार ने पेट्रोल/डीज़ल की कीमतें नहीं बढ़ाई होतीं, उपकर भी नहीं बढ़ाया होता.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की एशिया और प्रशांत विभाग की कार्यवाहक निदेशक ने कहा है कि अनुमानों के मुताबिक़ 2022-23 में भारत की अर्थव्यवस्था 8.2 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है, जो कि 0.8 प्रतिशत अंक कम है.
22 मार्च के बाद 6 अप्रैल तक पेट्रोल-डीज़ल की क़ीमतों में 10 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी के बाद पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि उनका प्रयास पेट्रोल और डीज़ल के दामों को नियंत्रण में रखने का है. इसी वजह से केंद्र ने इन पर उत्पाद शुल्क घटाया था और राज्यों से भी ऐसा करने को कहा था.
जेएनयू के पूर्व प्रोफेसर और वर्तमान में इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेंस के चेयर प्रो. अरुण कुमार सरकार को सबसे पहले पेट्रोलियम उत्पादों पर उत्पाद शुल्क में कमी करने की ज़रूरत है. ईंधन के दाम अधिक होने पर दूसरे उत्पाद महंगे हो जाते हैं. सरकार चाहे तो कर राजस्व बढ़ाने के लिए उन लोगों पर टैक्स लगा सकती है, जिनकी संपत्ति हाल के वर्षों में काफी बढ़ी है. कॉरपोरेट कर, संपत्ति कर जैसे कर बढ़ाकर प्रत्यक्ष कर संग्रह बढ़ाया जा सकता
बुधवार को बीते दो सप्ताह में 14वीं बार पेट्रोल-डीज़ल की क़ीमतों बढ़ोतरी की गई. पिछले महीने से सीएनजी के दामों में हुई आठवीं बार बढ़ोतरी के बाद अब तक क़रीब 9 रुपये प्रति किलोग्राम दाम बढ़े हैं. उधर, केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पुरी ने कहा कि विकसित देशों में एक साल में पेट्रोल के दाम 50 प्रतिशत तक बढ़े हैं, वहीं भारत में केवल पांच प्रतिशत बढ़े हैं.
पेट्रोल और डीज़ल की कीमतों में मंगलवार को दो सप्ताह के भीतर 13वीं बार वृद्धि की गई है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए बढ़ती कीमतों को 'प्रधानमंत्री जन धन लूट योजना' क़रार दिया है.
पेट्रोल और डीज़ल की कीमतें करीब साढ़े चार महीने तक स्थिर रहने के बाद बीते 22 मार्च से लगातार बढ़ाई जा रही हैं. तब से 12वीं बार कीमतों में वृद्धि की गई है. ईंधन की कीमतों में वृद्धि पर राज्यसभा में विपक्षी दलों का हंगामा किया. कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि मोदी सरकार ने ईंधन कर के रूप में 26.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वसूली की है.
रविवार को 13 दिन में 11वीं बार पेट्रोल-डीज़ल के दामों में 80-80 पैसे प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई. तिरुवनंतपुरम, हैदराबाद, मुंबई, भुवनेश्वर, रायपुर, राजस्थान, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में डीज़ल का दाम भी शतक के पार हो चुका है. समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कहा है कि इसी गति से दाम बढ़े तो अगले चुनाव तक पेट्रोल 275 रुपये प्रति लीटर बिकेगा.