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कर्नाटक हिजाब प्रतिबंध: छात्राओं ने सुप्रीम कोर्ट से हिजाब पहनकर परीक्षा देने की अनुमति मांगी

फरवरी 2022 में कर्नाटक सरकार ने स्कूलों और कॉलेजों में समानता, अखंडता और लोक व्यवस्था को बाधित करने वाले कपड़े पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. फैसले को बरक़रार रखते हुए मार्च 2022 में कर्नाटक हाईकोर्ट ने कहा था कि हिजाब पहनना इस्लाम धर्म में आवश्यक धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है.

शिक्षा मंत्रालय ने राज्यों से कहा, प्रधानमंत्री की किताब ‘एग्ज़ाम वॉरियर्स’ सभी स्कूल में उपलब्ध कराएं

शिक्षा मंत्री ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रशासकों से अनुरोध किया है कि वे ‘समग्र शिक्षा’ के तहत प्रत्येक स्कूल के पुस्तकालयों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिखित ‘एग्ज़ाम वॉरियर्स’ किताब उपलब्ध कराएं ताकि अधिकतम संख्या में छात्रों, शिक्षकों और अभिभावकों को प्रधानमंत्री के ज्ञान और दृष्टि से शिक्षा मिल सके.

‘सर’ या ‘मैडम’ के बजाय ‘टीचर’ संबोधन का इस्तेमाल किया जाए: केरल बाल अधिकार आयोग

केरल राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने एक आदेश में कहा है कि राज्य के सभी स्कूलों में ‘टीचर’ संबोधन का इस्तेमाल करने के निर्देश दिए जाएं. आयोग ने कहा कि ‘सर’ या ‘मैडम’ के बजाय ‘टीचर’ कहने से सभी स्कूलों के बच्चों के बीच समानता बनाए रखने में मदद मिल सकती है और शिक्षकों के प्रति उनका लगाव भी बढ़ेगा.

असम: छात्राओं के लिए 1,600 से अधिक और छात्रों के लिए 3000 से ज़्यादा स्कूलों में शौचालय की सुविधा नहीं

असम के शिक्षा मंत्री ने विधानसभा में बताया कि 1,100 से अधिक स्कूलों में पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है और बिजली का कनेक्शन भी तक़रीबन इतने ही स्कूलों में नहीं है. इसके अलावा 2,900 स्कूल एक शिक्षक के भरोसे चलाए जा रहे हैं, जबकि लगभग 4,800 शैक्षणिक संस्थान एक कमरे में संचालित होते हैं.

महामारी के बाद झारखंड के स्कूलों में उपस्थिति घटी, बच्चे पढ़ना-लिखना भी भूले: सर्वे

अर्थशास्त्री ज्यां द्रेज द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में को लेकर उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण से यह प्रदर्शित होता है कि वंचित और आदिवासी बच्चे शिक्षा विभाग द्वारा असहाय छोड़ दिए गए. स्कूल दो साल बंद रहे, लेकिन बच्चों के लिए कुछ नहीं किया गया. इस दौरान ऑनलाइन शिक्षा केवल मज़ाक बन कर रह गई, क्योंकि सरकारी स्कूलों में 87 प्रतिशत छात्रों की पहुंच स्मार्टफोन तक नहीं थी.

भारत के 66 फीसदी स्कूलों में इंटरनेट सुविधा नहीं: रिपोर्ट

यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इनफॉरमेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन प्लस (यूडीआईएसई+) की 2021-22 की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू कश्मीर, मध्य प्रदेश, मणिपुर, पश्चिम बंगाल, मेघालय, ओडिशा, तेलंगाना और त्रिपुरा में 80 से 85 प्रतिशत स्कूलों में इंटरनेट की सुविधा नहीं है.

यूपी में डेंगू मामलों में वृद्धि: स्कूल में बच्चों को पूरी आस्तीन के कपड़े पहनकर आने के निर्देश

उत्तर प्रदेश में डेंगू के मामलों में हो रही लगातार वृद्धि को देखते हुए माध्यमिक शिक्षा विभाग ने स्कूलों व स्कूली बच्चों को लेकर विभिन्न दिशानिर्देश जारी किए हैं. छात्रों और अभिभावकों को जागरूक करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि इन बीमारियों से छात्रों को बचाया जा सके.

सीएम के गांव में हेलीपैड से आपत्ति नहीं, पर छात्रों के स्कूल जाने के लिए सड़क भी होनी चाहिए: कोर्ट

महाराष्ट्र के सातारा ज़िले के खिरखिंडी गांव के बच्चों को स्कूल पहुंचने के लिए नाव से कोयना नदी पार करनी पड़ती है और उसके बाद जंगल में पैदल चलना पड़ता है. इसी ज़िले में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का गांव आता है, जहां दो हेलीपैड हैं. 

यूपी: ग़ुलामी, उत्पीड़न, बेदख़ली से लड़ते हुए वनटांगियों का संघर्ष आज भी जारी है

गोरखपुर और महराजगंज के जंगल में स्थित 23 वन ग्रामों के वनटांगियों को वन अधिकार क़ानून लागू होने के डेढ़ दशक और कड़े संघर्ष के बाद ज़मीन पर अधिकार मिला. लेकिन आज भी यहां विकास की रफ़्तार धीमी ही है.

New Delhi: Former Congress president Sonia Gandhi speaks during a ceremony for the presentation of Rajiv Gandhi National Sadbhavana Award to former West Bengal governor Gopalkrishna Gandhi, in New Delhi on Monday, Aug 20, 2018. (PTI Photo/Manvender Vashist) (PTI8_20_2018_000234B)

स्कूलों में फिर से शुरू की जाए मिड-डे मील की व्यवस्था: सोनिया गांधी

लोकसभा में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि यह सच है कि हमारे बच्चों के परिवारों की आजीविका को बहुत बुरे संकट का सामना करना पड़ा है. लेकिन अब जैसे-जैसे बच्चे स्कूलों में वापस आ रहे हैं, उन्हें और भी बेहतर पोषण की आवश्यकता है. यही नहीं, मिड-डे मील से उन बच्चों को वापस स्कूल लाने में भी मदद मिलेगी, जो महामारी के दौरान स्कूल छोड़ चुके हैं.

लॉकडाउन में शहरी झुग्गियों की 67 फीसदी लड़कियां ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल नहीं हो पाईं: रिपोर्ट

गैर सरकारी संगठन ‘सेव द चिल्ड्रन’ द्वारा पिछले साल फरवरी में दिल्ली, महाराष्ट्र, बिहार और तेलंगाना की शहरी झुग्गियों में किए गए सर्वेक्षण अनुसार, कोविड-19 महामारी के कारण 2020 में लगाए गए लॉकडाउन के दौरान 67 प्रतिशत लड़कियां ऑनलाइन कक्षाओं में शामिल नहीं हुईं. अध्ययन में यह भी पाया गया है कि 10 से 18 वर्ष के बीच की 68 प्रतिशत लड़कियों ने इन राज्यों में स्वास्थ्य और पोषण सुविधाएं पाने में चुनौतियों का सामना किया.

दिल्ली प्रदूषण: सभी स्कूल-कॉलेज अगले आदेश तक बंद, निर्माण-तोड़फोड़ गतिविधियां रोकने के निर्देश

वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने निर्देश दिए हैं कि दिल्ली के 300 किलोमीटर के दायरे में स्थित 11 ताप विद्युत संयंत्रों में से केवल पांच 30 नवंबर तक चालू रहेंगे. धूल नियंत्रण मानदंडों के सख्त अनुपालन के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा अथवा रक्षा संबंधी गतिविधियों अथवा राष्ट्रीय महत्व की परियोजनाओं को छोड़कर निर्माण और तोड़-फोड़ संबंधी सभी गतिविधियों को रोकने का निर्देश भी दिया गया है.

केंद्र और राज्यों को ग़रीब बच्चों की ऑनलाइन शिक्षा के लिए प्रभावी योजना बनानी होगी: अदालत

दिल्ली हाईकोर्ट के पिछले साल 18 सितंबर के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर शीर्ष अदालत सुनवाई कर रहा था, जिसमें निजी और सरकारी स्कूलों को कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन कक्षाओं के लिए आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग अथवा वंचित समूह श्रेणी के छात्रों को गैजेट और इंटरनेट उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया था. 

सिर्फ़ आठ प्रतिशत ग्रामीण बच्चे नियमित ऑनलाइन क्लास ले पा रहे हैं: रिपोर्ट

देश के 15 राज्यों में लगभग 1400 बच्चों के बीच कराए गए एक सर्वे से पता चला है कि ग्रामीण क्षेत्रों के 37 फ़ीसदी बच्चे बिल्कुल भी नहीं पढ़ पा रहे हैं. रिपोर्ट में कहा गया कि वे न केवल पढ़ने के अधिकार बल्कि स्कूल जाने से मिलने वाले दूसरे फ़ायदों जैसे कि सुरक्षित माहौल, बढ़िया पोषण और स्वस्थ सामाजिक जीवन से भी वंचित हो गए.