निर्मोही अखाड़े के एक वरिष्ठ महंत का कहना है कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 'प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में पूजा और अनुष्ठानों का पालन करने में 500 साल पुरानी परंपराओं का पालन नहीं किया है. रामलला की अर्चना रामानंदी परंपराओं से की जाती है, लेकिन ट्रस्ट मिली-जुली रीतियां कर रहा है, जो उचित नहीं है.'
शैव-वैष्णव संघर्षों की समाप्ति के लिए गोस्वामी तुलसीदास द्वारा राम की ओर से दी गई ‘सिवद्रोही मम दास कहावा, सो नर सपनेहुं मोंहि न पावा’ की समन्वयकारी व्यवस्था के बावजूद चंपत राय का संन्यासियों, शैवों व शाक्तों के प्रति प्रदर्शित रवैया हिंदू परंपराओं के प्रति उनकी अज्ञानता की बानगी है.
22 जनवरी के कार्यक्रम के लिए अयोध्या न जाने की पुष्टि करने वाले शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती ने मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय की टिप्पणियों की आलोचना करते हुए कहा कि आम चुनावों के कारण आयोजन को इतना शानदार बनाया जा रहा है और इसे राजनीतिक शो में तब्दील कर दिया गया है.
मुस्लिम संगठन ‘जमात-ए-इस्लामी हिंद’ के उपाध्यक्ष सलीम इंजीनियर ने कहा कि श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव की मंदिर के उद्घाटन की तुलना हमारे स्वतंत्रता दिवस से करने की टिप्पणी गलत और शरारतपूर्ण है. यह ‘हम बनाम वे’ का नैरेटिव स्थापित करने और धार्मिक आधार पर देश का ध्रुवीकरण करने की कोशिश करता है.
प्रधानमंत्री द्वारा उद्घाटित अयोध्या धाम जंक्शन रेलवे स्टेशन से महज़ पांच किलोमीटर दूर स्थित इसी शहर में आने वाला आचार्य नरेंद्र देव नगर रेलवे स्टेशन बदहाल है. राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले जगमग कर रही अयोध्या की चमक इस स्टेशन तक नहीं पहुंच पाई है, जो सामान्य यात्री सुविधाओं, साफ-सफाई और रंग-रोगन से भी वंचित है.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि भाजपा और आरएसएस ने सीधे तौर पर प्रधानमंत्री, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और अन्य सरकारी पदाधिकारियों को शामिल करते हुए एक धार्मिक समारोह को सरकार द्वारा प्रायोजित कार्यक्रम में बदल दिया है.
राम मंदिर ट्रस्ट के सचिव चंपत राय की अपील सुनकर बरबस 'अज्ञेय' याद आते हैं, जिनका कहना था कि 'जो निर्माता रहे/ इतिहास में वह/ बंदर कहलाएंगे'. ट्रस्ट द्वारा राम मंदिर के लिए संघर्षरत रहे कारसेवकों व राम सेवकों का ‘बंदर कहलाने’ की नियति से साक्षात्कार क्यों कराया जा रहा है?
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने राम मंदिर में प्राणप्रतिष्ठा के बाद प्रतिदिन सेवा, निमित्त उत्सवों आदि को रामानंदी पद्धति से करना तय किया है. यह संप्रदाय रामभक्ति की विभिन्न धाराओं व शाखाओं के बीच समन्वय, वर्ण-विद्वेष को धता बताने के लिए जाना जाता है, जो बहुलवाद की अनुपस्थिति वाली ट्रस्ट के उलट है.
अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और प्रबंधन के लिए स्थापित श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का कहना है कि अब तक विदेशी चंदे के लिए आवेदन न करने के क़ानूनी कारण थे, लेकिन अब सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली गई हैं. उन्होंने यह भी बताया है कि ट्रस्ट के कोष में अभी 3,000 करोड़ रुपये से अधिक जमा हैं.
निर्माणाधीन राम मंदिर परिसर के पास स्थित ‘मस्जिद बद्र’ की ज़मीन के कथित मुतवल्ली द्वारा इसे तीस लाख रुपये में श्री रामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को बेचने के ‘गुपचुप’ एग्रीमेंट और आधी रकम एडवांस लेने पर मुस्लिम प्रतिनिधियों ने सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि सौदा करने वाले न ही मुतवल्ली हैं, न ही वक़्फ़ बोर्ड की संपत्ति होने के चलते उनके पास इसे बेचने का हक़ है.
अयोध्या में ज़मीन खरीद-फ़रोख़्त में भ्रष्टाचार के आरोपों के घेरे में रह चुकी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट पर अब हनुमानगढ़ी के नागा साधुओं ने गढ़ी की अंगद टीले की भूमि हड़पने के प्रयास करने और धोखाधड़ी का आरोप लगाया है.
सूचना के अधिकार के तहत एक अपील पर सुनवाई करते हुए केंद्रीय सूचना आयोग ने केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) को निर्देश दिया था कि वह श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा दान में छूट/कटौती प्राप्त करने के लिए दाख़िल किए गए आवेदन की प्रति याचिकाकर्ता को साझा करे. आदेश के ख़िलाफ़ सीबीडीटी ने दिल्ली हाईकोर्ट का रुख़ किया था.
अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर के महंत धर्म दास ने ट्रस्ट के सभी सदस्यों के अलावा गोसाईगंज के भाजपा विधायक इंद्र प्रताप तिवारी, अयोध्या के महापौर ऋषिकेश उपाध्याय के भतीजे दीप नारायण उपाध्याय आदि के ख़िलाफ़ शिकायत की है. आरोप लगाया कि दीप नारायण ने महंत देवेंद्र प्रसादाचार्य से 676 वर्ग मीटर ज़मीन 20 लाख रुपये में ख़रीदी थी, जिसे बाद में 2.5 करोड़ रुपये में मंदिर ट्रस्ट को बेच दिया गया.
शिवसेना नेता संतोष दुबे और वाराणसी के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने इस सिलसिले में फ़ैज़ाबाद ज़िला अदालत में याचिका दायर कर राम जन्मभूमि स्थल से लगे एक मंदिर की भूमि की बिक्री को चुनौती दी है. इससे पहले श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय पर आरोप लगे थे कि उन्होंने ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्र की मदद से मार्च में दो करोड़ रुपये क़ीमत की ज़मीन 18 करोड़ रुपये में ख़रीदी थी.
आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह और सपा सरकार में मंत्री रहे अयोध्या के पूर्व विधायक तेज नारायण ‘पवन’ पांडेय ने राम मंदिर का निर्माण करा रहे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय पर आरोप लगाए हैं कि उन्होंने ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्र की मदद से मार्च में दो करोड़ रुपये क़ीमत की ज़मीन 18 करोड़ रुपये में ख़रीदी थी.