पुलिस बताया कि अकोला में पुराने शहर के संवेदनशील इलाके में शनिवार रात हुई हिंसा के संबंध में 26 लोगों को हिरासत में लिया गया है. घटना में दो पुलिसकर्मियों समेत आठ लोगों के घायल होने की सूचना है. शहर के चार थाना क्षेत्रों में धारा 144 लागू किया गया है.
काशी विद्यापीठ द्वारा एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर गेस्ट लेक्चरर पर की गई कार्रवाई किसी एक संस्था के किसी एक शिक्षक के ख़िलाफ़ उठाया गया क़दम नहीं है बल्कि आज के भारत में हो रही घटनाओं की एक कड़ी है. यह आरएसएस की गिरफ़्त में बिना सचेत हुए लगातार बीमार होते जा रहे हिंदू समाज की दयनीयता का प्रमाण है.
घटना वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की है, जहां के एक गेस्ट लेक्चरर ने सोशल मीडिया पर 'महिलाओं से नवरात्रि के व्रत रखने की बजाय संविधान और हिंदू कोड बिल पढ़ने' की बात कही थी. इसे लेकर एबीवीपी की ओर से की गई शिकायत के बाद विश्वविद्यालय ने यह कार्रवाई की है.
अक्सर गिरफ़्तारी हो या ज़मानत, पुलिस और अदालत सत्ता से सहमति रखने वालों के मामले में 'बेल नियम है, जेल अपवाद' का सिद्धांत का हवाला देते दिखते हैं पर मुसलमानों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं या पत्रकारों का नाम आते ही इस नियम को उलट दिया जाता है.
फिल्मकार अविनाश दास अपने सोशल मीडिया एकाउंट से दो तस्वीरें साझा की थीं. इनमें से एक तस्वीर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ झारखंड की गिरफ़्तार आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल की थी, जबकि दूसरी तस्वीर में एक महिला नज़र आ रही थी, जिसके शरीर पर राष्ट्रीय ध्वज चित्रित किया गया था.
महाराष्ट्र में हुई यह घटना राजस्थान के उदयपुर में दर्ज़ी कन्हैया लाल की हत्या से एक हफ्ते पहले की है. पुलिस ने बताया कि बीते 21 जून को राज्य के अमरावती शहर में केमिस्ट प्रह्लादराव कोल्हे की चाकू मारकर हत्या कर दी. उन्होंने भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर कथित तौर पर कुछ टिप्पणी की थी. पुलिस ने संदेह जताया है कि इसी पोस्ट को लेकर उनकी हत्या कर दी गई. पांच लोगों को
मुग़ल शासक औरंगजे़ब के ख़िलाफ़ फेसबुक पर एक आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर नाराजगी के चलते महाराष्ट्र के उस्मानाबाद शहर में 150 से अधिक लोगों की भीड़ ने एक सड़क पर लगे पोस्टरों और वाहनों पर कथित रूप से पथराव किया. इस संबंध में 43 नामज़द और 150 से 170 अज्ञात प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है.
लेफ्ट फ्रंट के संयोजक बिजन धर ने अगरतला में हुए कुछ हमलों को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखी थीं, जिसके बाद त्रिपुरा पुलिस ने उन पर कथित तौर पर हिंसा भड़काने के लिए मामला दर्ज किया है. धर के अलावा माकपा के पूर्व सांसद जितेंद्र चौधरी और विधायक भानु लाल साहा के ख़िलाफ़ भी उनकी कई पोस्ट को लेकर एफआईआर दर्ज हुई है.
आरोप है कि मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब के ख़िलाफ़ सात अप्रैल को फेसबुक पर दो लोगों ने आपत्तिजनक पोस्ट की थी, जिसके बाद उन्हें अगले दिन गिरफ़्तार कर लिया गया था. इससे पहले भी मुख्यमंत्री के खिलाफ पोस्ट करने वाले कई लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है.
मामला गुजरात के मोरबी जिले का है. जिले के प्राथमिक शिक्षा अधिकारी के कार्यालय ने सोमवार की शाम एक आदेश जारी कर सहायक शिक्षक जिग्नेश वधेर को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया और उन्हें पास के वांकानेर तालुका में स्थानांतरित कर दिया गया.
पुलिस ने बताया कि शिवसागर ज़िले के गन्यानदीप गोगोई को प्रतिबंधित संगठन यूनाइटेड लिबरेशन फ्रंट (इंडिपेंडेंट) के समर्थन में पोस्ट करने के आरोप में गिरफ़्तार किया गया है.
हार्ड कौर ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और आरएसएस प्रमुख की आलोचना करते हुए पोस्ट लिखा था, जिस पर वाराणसी में शशांक शेखर नाम के एक वकील ने मामला दर्ज कराया है. शेखर आरएसएस के सदस्य भी हैं.
पुलिस ने बताया कि आरोपी युवक पर आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया और उन्हें स्थानीय अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.