कर्नाटक के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के मुताबिक, कर्नाटक भाजपा के आधिकारिक एक्स हैंडल से किए गए एक अपमानजनक पोस्ट के मामले में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज हुई है.
ह्यूमन राइट्स वॉच की रिपोर्ट बताती है कि भारत में मोदी सरकार की नीतियों के ख़िलाफ़ बोलने वाले भारतीय मूल के विदेशी नागरिकों की वीज़ा/ओसीआई सुविधाएं रद्द की जा रही हैं. संगठन के एशिया निदेशक इलेन पियर्सन का कहना है कि भारत सरकार का यह क़दम आलोचना के प्रति उसका रुख़ दर्शाता है.
राजस्थान की चित्तौड़गढ़ ज़िले का मामला. पुलिस के मुताबिक, मेवाड़ विश्वविद्यालय के बीफार्मा छात्र सोहराब क़यूम ने इंस्टाग्राम स्टोरी पर कुछ आपत्तिजनक टिप्पणियां पोस्ट की थीं. क़यूम जम्मू कश्मीर के राजौरी इलाके के रहने वाले हैं. जम्मू कश्मीर स्टूडेंट्स एसोसिएशन ने उनके कार्यों की ‘कड़ी निंदा’ करने के साथ उनके प्रति नरमी बरतने का अनुरोध किया है.
मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल क्षेत्र के लहार निर्वाचन क्षेत्र में चुनावों पर संदेह व्यक्त करने वाले पत्रकार के ख़िलाफ़ दर्ज एफ़आईआर को रद्द करते हुए हाईकोर्ट ने यह टिप्पणी की. अदालत ने कहा कि लोकतंत्र का लक्ष्य बहुलवादी और सहिष्णु समाज बनाना है. इसे सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए नागरिकों को स्वतंत्र रूप से बोलने में सक्षम होना चाहिए.
टीएमसी की वरिष्ठ नेता और मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ख़िलाफ़ कथित रूप से अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए भाजपा के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय के ख़िलाफ़ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है. मालवीय ने ईडी अधिकारियों पर हमले के आरोपी टीएमसी नेता शेख़ शाहजहां के फ़रार होने में मुख्यमंत्री का हाथ है.
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी ज़िले में रिज़र्व पुलिस लाइन में तैनात कॉन्स्टेबल सुहैल अंसारी ने कथित तौर पर अपने फेसबुक एकाउंट पर फिलिस्तीन के लिए आर्थिक मदद की मांग करते हुए स्टेटस डाला था. बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इज़रायल-फिलिस्तीन युद्ध पर किसी भी ‘विवादास्पद बयान’ के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई का आदेश दिया था.
पुलिस बताया कि अकोला में पुराने शहर के संवेदनशील इलाके में शनिवार रात हुई हिंसा के संबंध में 26 लोगों को हिरासत में लिया गया है. घटना में दो पुलिसकर्मियों समेत आठ लोगों के घायल होने की सूचना है. शहर के चार थाना क्षेत्रों में धारा 144 लागू किया गया है.
काशी विद्यापीठ द्वारा एक सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर गेस्ट लेक्चरर पर की गई कार्रवाई किसी एक संस्था के किसी एक शिक्षक के ख़िलाफ़ उठाया गया क़दम नहीं है बल्कि आज के भारत में हो रही घटनाओं की एक कड़ी है. यह आरएसएस की गिरफ़्त में बिना सचेत हुए लगातार बीमार होते जा रहे हिंदू समाज की दयनीयता का प्रमाण है.
घटना वाराणसी के महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की है, जहां के एक गेस्ट लेक्चरर ने सोशल मीडिया पर 'महिलाओं से नवरात्रि के व्रत रखने की बजाय संविधान और हिंदू कोड बिल पढ़ने' की बात कही थी. इसे लेकर एबीवीपी की ओर से की गई शिकायत के बाद विश्वविद्यालय ने यह कार्रवाई की है.
अक्सर गिरफ़्तारी हो या ज़मानत, पुलिस और अदालत सत्ता से सहमति रखने वालों के मामले में 'बेल नियम है, जेल अपवाद' का सिद्धांत का हवाला देते दिखते हैं पर मुसलमानों, मानवाधिकार कार्यकर्ताओं या पत्रकारों का नाम आते ही इस नियम को उलट दिया जाता है.
फिल्मकार अविनाश दास अपने सोशल मीडिया एकाउंट से दो तस्वीरें साझा की थीं. इनमें से एक तस्वीर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ झारखंड की गिरफ़्तार आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल की थी, जबकि दूसरी तस्वीर में एक महिला नज़र आ रही थी, जिसके शरीर पर राष्ट्रीय ध्वज चित्रित किया गया था.
महाराष्ट्र में हुई यह घटना राजस्थान के उदयपुर में दर्ज़ी कन्हैया लाल की हत्या से एक हफ्ते पहले की है. पुलिस ने बताया कि बीते 21 जून को राज्य के अमरावती शहर में केमिस्ट प्रह्लादराव कोल्हे की चाकू मारकर हत्या कर दी. उन्होंने भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर कथित तौर पर कुछ टिप्पणी की थी. पुलिस ने संदेह जताया है कि इसी पोस्ट को लेकर उनकी हत्या कर दी गई. पांच लोगों को
मुग़ल शासक औरंगजे़ब के ख़िलाफ़ फेसबुक पर एक आपत्तिजनक पोस्ट को लेकर नाराजगी के चलते महाराष्ट्र के उस्मानाबाद शहर में 150 से अधिक लोगों की भीड़ ने एक सड़क पर लगे पोस्टरों और वाहनों पर कथित रूप से पथराव किया. इस संबंध में 43 नामज़द और 150 से 170 अज्ञात प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया है.
लेफ्ट फ्रंट के संयोजक बिजन धर ने अगरतला में हुए कुछ हमलों को लेकर सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखी थीं, जिसके बाद त्रिपुरा पुलिस ने उन पर कथित तौर पर हिंसा भड़काने के लिए मामला दर्ज किया है. धर के अलावा माकपा के पूर्व सांसद जितेंद्र चौधरी और विधायक भानु लाल साहा के ख़िलाफ़ भी उनकी कई पोस्ट को लेकर एफआईआर दर्ज हुई है.
आरोप है कि मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब के ख़िलाफ़ सात अप्रैल को फेसबुक पर दो लोगों ने आपत्तिजनक पोस्ट की थी, जिसके बाद उन्हें अगले दिन गिरफ़्तार कर लिया गया था. इससे पहले भी मुख्यमंत्री के खिलाफ पोस्ट करने वाले कई लोगों को गिरफ़्तार किया जा चुका है.