जम्मू कश्मीर पुलिस ने बीते 9 जुलाई को श्रीनगर के नाटीपोरा इलाके में रहने वाले 21 वर्षीय युवक मुस्लिम मुनीर लोन को चोरी के एक मामले में हिरासत में लिया था. आरोप है कि इसके बाद पुलिसकर्मियों ने बेहोशी की हालत में उन्हें वापस उनके घर पहुंचा दिया था. फ़िर परिजन उन्हें अस्पताल लेकर गए थे, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था.
जम्मू कश्मीर में श्रीनगर के नौगाम थाने की पुलिस बीते 9 जुलाई की सुबह मुस्लिम मुनीर लोन नामक युवक को चोरी के आरोप में घर से अपने साथ ले गई थी. बाद में उनकी मां को बुलाकर बेसुध हालत में उन्हें सौंप दिया गया. परिजन जब अस्पताल ले गए तो डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. परिजनों ने पुलिस हिरासत में प्रताड़ना के चलते मौत होने का आरोप लगाया है. पुलिस ने मामले की जांच का आश्वासन दिया है.
जम्मू कश्मीर में इस्लामिक विद्वानों और प्रचारकों की शीर्ष संस्था मुत्ताहिदा मजलिस-ए-उलेमा की ओर से कहा गया है शासकों तथा प्रशासन से संगठन दोबारा अपील करता है कि श्रीनगर की ऐतिहासिक जामा मस्जिद में शुक्रवार की नमाज़ के संबंध में बाधाएं नहीं डाली जाएं, ताकि मुसलमान बिना किसी रुकावट के यहां अल्लाह की इबादत कर सकें, यह कश्मीर में प्रार्थना का सबसे बड़ा स्थान है.
जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट की एकल पीठ ने बीते 27 मई को अधिकारियों से मोहम्मद लतीफ़ माग्रे की मौजूदगी में हैदरपोरा एनकाउंटर में मृत उनके बेटे आमिर के अवशेषों को निकालने का आदेश दिया था. हालांकि छह जून को हाईकोर्ट की खंडपीठ ने इस पर रोक लगा दी थी. आमिर उन चार लोगों में से एक थे, जो नवंबर 2021 को श्रीनगर के हैदरपोरा में एनकाउंटर में मारे गए थे. इनमें से दो लोगों के शव विरोध के बाद उनके परिजनों
आमिर लतीफ़ माग्रे उन चार लोगों में से एक थे, जो 15 नवंबर 2021 को श्रीनगर के बाहरी इलाके हैदरपोरा में एनकाउंटर में मारे गए थे. एनकाउंटर की प्रमाणिकता को लेकर जनाक्रोश और विरोध के कुछ दिन बाद जम्मू कश्मीर प्रशासन ने दो मृतकों- अल्ताफ़ अहमद भट और डॉ. मुदासिर गुल के शवों को उनके परिवारों को सौंप दिया था. हाईकोर्ट ने आमिर का शव उनके परिजनों के सुपुर्द न करने के जम्मू कश्मीर पुलिस के फैसले को संविधान के
जामिया मस्जिद प्रबंधन समिति की ओर से कहा गया है पुलिस और नागरिक प्रशासन ने बताया है कि श्रीनगर स्थित ईदगाह और जामिया मस्जिद में अगर सुबह सात बजे से पहले नमाज़ नहीं की जाती है, तो इसके बाद नमाज़ की अनुमति नहीं दी जाएगी. समिति ने कहा कि अधिकारियों को हजरतबल दरगाह पर सुबह 10:30 बजे नमाज़ की अनुमति देने में कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन वे ईदगाह में शर्तें लगा रहे हैं.
पुलिस के अनुसार, वह सभी आरोपियों पर जन सुरक्षा क़ानून (पीएसए) भी लगाने की तैयारी कर रही है. जामिया मस्जिद में जुमे की नमाज़ अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से बंद थी. हाल ही में पुलिस ने इसकी अनुमति दी है.
समाचार पोर्टल ‘द कश्मीरवाला’ के संपादक फहद शाह को एक महीने के भीतर तीसरी बार गिरफ़्तार करने से पहले दो बार ज़मानत मिल गई थी. फहद की बार-बार गिरफ़्तारी और यूएपीए के तहत मामला दर्ज करने का बड़े पैमाने पर विरोध हो रहा है. वैश्विक मीडिया एडवोकेसी समूहों और कार्यकर्ताओं ने उनकी तुरंत रिहाई की मांग की है.
जम्मू कश्मीर के शोपियां की एक अदालत से ज़मानत मिलने के कुछ घंटे बाद समाचार पोर्टल ‘द कश्मीर वाला’ के संपादक फ़हद शाह को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया. उन्हें बीते शनिवार को 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया. शाह को आतंकवाद का महिमामंडन करने, फ़र्ज़ी ख़बरें फैलाने और राज्य के लोगों को भड़काने के आरोप में बीते चार फरवरी को गिरफ़्तार किया गया था.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया की ओर कहा गया है कि कश्मीर में मीडिया की स्वतंत्रता का दायरा लगातार सिमटता गया है. संगठन ने ‘द कश्मीर वाला’ न्यूज़ पोर्टल के संपादक फहद शाह और इसी संस्थान के एक अन्य पत्रकार सज्जाद गुल की तत्काल रिहाई की मांग करते हुए जम्मू कश्मीर प्रशासन से आग्रह किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा के नाम पर पत्रकारों का उत्पीड़न बंद करें.
द कश्मीर वाला न्यूज़ पोर्टल के संपादक फहद शाह को गिरफ़्तार करते हुए जम्मू कश्मीर पुलिस ने आरोप लगाया कि उनके सोशल मीडिया पोस्ट 'आतंकी गतिविधियों का महिमामंडन' करते हैं और देश के ख़िलाफ़ 'दुर्भावना व अंसतोष' फैलाते हैं. पत्रकार संगठनों ने इसकी निंदा करते हुए उनकी तत्काल रिहाई की मांग की है.
15 नवंबर 2021 को श्रीनगर के हैदरपोरा इलाके में हुए 'एनकाउंटर' में हुई चार लोगों की मौत के बाद इस पर कई सवाल उठे थे. सेना के श्रीनगर स्थित 15 कॉर्प्स के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए ट्वीट में दावा किया गया था कि इस संयुक्त ऑपरेशन को जम्मू कश्मीर पुलिस के ख़ुफ़िया इनपुट के आधार पर अंजाम दिया गया था.
एनआईए अधिकारियों के मुताबिक़, 18 साल के अर्सलान को जम्मू कश्मीर में हिंसक गतिविधियों के लिए सूबे के युवाओं को कट्टरपंथी बनाने, उकसाने और भर्ती करने के लिए रची गई साज़िश संबंधित मामले में 30 दिसंबर को गिरफ़्तार किया गया था. परिवार ने एजेंसी के दावों का खंडन किया है.
गुपकर घोषणा-पत्र गठबंधन ने जम्मू संभाग में विधानसभा की छह और कश्मीर में एक सीट बढ़ाने के परिसीमन आयोग के प्रस्ताव के ख़िलाफ़ शनिवार को श्रीनगर में प्रदर्शन करने की बात कही थी. प्रस्तावित धरने से पहले शीर्ष नेताओं को कथित तौर पर हिरासत में लिए जाने के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के कार्यकर्ताओं ने श्रीनगर में अलग-अलग विरोध मार्च निकाला.
बीते 15 नवंबर को हैदरपोरा मुठभेड़ में मारे गए चार लोगों में से एक आमिर मागरे के माता-पिता ने पुलिस की उस जांच को ख़ारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि उनके बेटे आतंकी थे. इसके अलावा इस गोलीबारी में एक आतंकी सहित जिन लोगों की मौत हुई उनमें शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के मालिक मोहम्मद अल्ताफ़ भट और दंत चिकित्सक डॉ. मुदसिर गुल शामिल हैं.