लोकसभा चुनाव: कुशीनगर में सपा की सोशल इंजीनियरिंग और स्वामी प्रसाद मौर्य की परीक्षा

कुशीनगर संसदीय क्षेत्र काफ़ी समय से भाजपा का मज़बूत गढ़ है, जहां सफलता की चाह में सपा ने इस बार अजय सिंह उर्फ पिंटू सैंथवार को उतारा है. हालांकि, सपा को भाजपा की तरफ से दोबारा उतारे गए विजय दुबे से ज़्यादा चुनौती स्वामी प्रसाद मौर्य से मिल सकती है, जो इस बार अपने बूते अपनी नई पार्टी को खड़ा करने का प्रयास कर रहे हैं.

क्या सपा का धर्मनिरपेक्षता के पक्ष में मज़बूती से खड़े रहने का साहस जवाब दे गया है?

जो समाजवादी पार्टी 1993 के दौर से भी पहले से धर्म और राजनीति के घालमेल के पूरी तरह ख़िलाफ़ रही और धर्म की राजनीति के मुखर विरोध का कोई भी मौका छोड़ना गवारा नहीं करती रही है, अब उसके लिए धर्म अनालोच्य हो गया है.

उत्तर प्रदेश: क्या विधानसभा उपचुनाव स्याही और जूते फेंकने की राजनीति पर लड़ा जाएगा

वीडियो: यूपी की घोसी विधानसभा सीट पर अगले महीने उपचुनाव के लिए मतदान होना है. बीते दिनों वहां पहुंचे भाजपा प्रत्याशी दारा सिंह चौहान पर स्याही फेंकी गई, इसके बाद लखनऊ में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य पर जूता फेंका गया. इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान का नज़रिया.

उत्तर प्रदेश: क्या लोकसभा चुनाव से पहले दलितों और पिछड़ों की एकता मुमकिन होगी?

बाबासाहब डाॅ. भीमराव आंबेडकर ने दलितों में तो डाॅ. राममनोहर लोहिया ने पिछड़ी जातियों में सत्ता तथा शासन में हिस्सेदारी की भूख पैदा की और उन्हें संघर्ष करना सिखाया. आज की तारीख़ में इन दोनों के अनुयायियों को एकजुट करके ही हिंदुत्ववादी व मनुवादी ताकतों को निर्णायक शिकस्त दी जा सकती है.

स्वामी प्रसाद मौर्य की रामचरितमानस टिप्पणी की आलोचना पर दो सपा नेता पार्टी से निष्कासित

समाजवादी पार्टी ने बीते बृहस्पतिवार को ऋचा सिंह और रोली तिवारी मिश्रा को अनुशासनहीनता का हवाला देते हुए निष्कासित कर दिया. इन नेताओं ने कहा कि ‘बिना कोई स्पष्टीकरण दिए महिला नेताओं को निष्कासित करके सपा का लोकतांत्रिक और समाजवादी चेहरा एक नए निम्न स्तर पर पहुंच गया है.

यूपी: रामचरितमानस की प्रतियां जलाने के मामले में दो आरोपियों पर रासुका लगाया गया

बीते 29 जनवरी को लखनऊ में सांकेतिक विरोध प्रदर्शन के दौरान रामचरितमानस की फोटोकॉपी जलाने के मामले में सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के अलावा 10 लोगों को आरोपी बनाया गया है. इस संबंध में दर्ज एफ़आईआर में आरोप लगाया गया है कि रामचरितमानस के पन्नों की छायाप्रतियां जलाने से शांति एवं सद्भाव को ख़तरा है.

सरकारी नौकरियों के पीछे न भागें, सभी तरह के काम का सम्मान करें: मोहन भागवत

आरएसएस के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि श्रम के प्रति सम्मान की भावना की कमी देश में बेरोज़गारी के मुख्य कारणों में से एक है. उन्होंने यह भी कहा कि ईश्वर की दृष्टि में हर कोई समान है और उसके सामने कोई जाति या संप्रदाय नहीं है. यह सब पंडितों ने बनाया, जो ग़लत है.

रामचरितमानस विवाद: स्वामी प्रसाद मौर्य समेत 10 लोगों के ख़िलाफ एफ़आईआर दर्ज, पांच गिरफ़्तार

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में अखिल भारतीय ओबीसी महासभा के कार्यकर्ताओं ने रविवार को लखनऊ में कथित तौर पर ‘महिलाओं और दलितों पर आपत्तिजनक टिप्पणियों’ के उल्लेख वाले रामचरितमानस के पन्ने की फोटोकॉपी जलाई थीं. मौर्य पर इससे पहले भी एक मुक़दमा दर्ज किया जा चुका है.

एमपी के सरकारी स्कूलों में हिंदू ग्रंथ पढ़ाए जाएंगे, इनका अपमान सहन नहीं किया जाएगा: सीएम

कुछ राजनीतिक नेताओं द्वारा रामायण पर आधारित हिंदू धार्मिक पुस्तक रामचरितमानस पर दिए गए विवादास्पद बयानों की पृष्ठभूमि में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की यह चेतावनी आई है. उन्होंने कहा कि रामायण ग्रंथ देने वाले तुलसीदास जी को मैं प्रणाम करता हूं. ऐसे लोग जो हमारे इन महापुरुषों का अपमान करते हैं, वह सहन नहीं किए जाएंगे.

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने की रामचरितमानस के कुछ हिस्सों पर पाबंदी लगाने की मांग

सपा के वरिष्ठ नेता और उत्तर प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि धर्म का वास्तविक अर्थ मानवता के कल्याण और उसकी मज़बूती से है. अगर रामचरितमानस की किन्हीं पंक्तियों के कारण समाज के एक वर्ग का ‘जाति’, ‘वर्ण’ और ‘वर्ग’ के आधार पर अपमान होता हो तो यह निश्चित रूप से ‘धर्म’ नहीं, बल्कि ‘अधर्म’ है. 

उत्तर प्रदेश: 255 सीटों के साथ भाजपा की ऐतिहासिक जीत, सपा ने 111 सीटों पर क़ब्ज़ा जमाया

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के नतीजों में भाजपा ने पूर्ण बहुमत तो पा लिया है, लेकिन पिछली बार से उसकी 57 सीटें कम हो गईं, जिसका लाभ समाजवादी पार्टी को मिला है. इतना ही नहीं उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य समेत योगी सरकार के 11 मंत्रियों का ​हार का सामना करना पड़ा.

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव: भाजपा इतिहास रचने की ओर, सत्ता में वापसी तय

उत्तर प्रदेश में नई सरकार की तस्वीर लगभग साफ हो चुकी है. भारतीय जनता पार्टी फिर सत्ता में वापसी की ओर बढ़ रही है. हालांकि, उसकी सीट संख्या में पिछले चुनावों की अपेक्षा कमी आई है, लेकिन फिर भी प्रचंड बहुमत की प्राप्ति हुई है. वहीं, समाजवादी पार्टी के प्रदर्शन में भी सुधार देखा गया है, लेकिन बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस का लगभग सूपड़ा साफ हो गया है.

उत्तर प्रदेश चुनाव: क्या समाजवादी पार्टी योगी आदित्यनाथ सरकार को हटा पाने की स्थिति में है

यूपी में बीते कुछ चुनावों से सोशल इंजीनियरिंग का फॉर्मूला ही राजनीतिक दलों की सफलता का आधार बना है. वर्तमान चुनाव में समाजवादी पार्टी की सोशल इंजीनियरिंग चर्चा में है. हालांकि जानकारों के अनुसार, पिछले विधानसभा व लोकसभा चुनावों के दो अलग-अलग सपा गठबंधनों की विफलता के चलते इस बार के गठबंधन की कामयाबी को लेकर कोई सटीक दावा नहीं किया जा सकता.

यूपी: भाजपा से सपा पहुंचे स्वामी प्रसाद पडरौना की जगह ​फ़ाज़िलनगर से चुनाव क्यों लड़ रहे हैं

स्वामी प्रसाद मौर्य ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के वक्त भाजपा को छोड़कर उसे क़रारा झटका दिया है. भाजपा ने नुकसान की भरपाई करने के लिए कांग्रेस के बड़े नेता पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री तथा स्वामी प्रसाद मौर्य के प्रतिद्वंद्वी आरपीएन सिंह को अपने साथ लिया है. दोनों कद्दावर नेताओं के जनाधार की परीक्षा इस चुनाव में होनी है.

भाजपा ने पांच साल तक सिर्फ़ संघ का एजेंडा लागू किया, अब आर-पार की लड़ाई होगी: स्वामी प्रसाद मौर्य

वीडियो: उत्तर प्रदेश में चुनाव की तारीख़ का ऐलान होते ही भाजपा को बड़ा झटका लगा था. कद्दावर ओबीसी नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंत्रिपरिषद और पार्टी से इस्तीफा दे दिया. मौर्य भाजपा से समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए. मौर्य ने द वायर से अपने इस्तीफे की वजह और आगे की रणनीति के बारे में बात की.