मध्य प्रदेश: वृद्ध दलित दंपत्ति को खंभे से बांधकर पीटा, बदसलूकी

मध्य प्रदेश के अशोक नगर ज़िले का मामला. किलोरा में कुछ लोगों ने 65 वर्षीय व्यक्ति और उनकी 60 वर्षीय पत्नी को एक खंभे से बांधकर पीटा और जूतों की माला पहना दी. दंपति का बेटा कुछ महीने पहले छेड़छाड़ के मामले में शामिल था. पुलिस का कहना है कि हमले के पीछे पीड़ित परिवार के सदस्यों के होने का संदेह है.

ईरान: हेलिकॉप्टर दुर्घटना में राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और विदेश मंत्री का निधन

ईरान के सरकारी मीडिया के अनुसार, राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी रविवार (19 मई) को अजरबैजान में किज़ कलासी और खोदाफरिन बांध का उद्घाटन करने गए थे. ये हादसा समारोह से लौटते समय हुआ. विमान में विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहियन समेत कई अन्य लोग भी सवार थे.

जनतंत्र दिमाग़ को मुक्त रखने का संघर्ष है, जो पूंजीवाद से लड़े बिना मुमकिन नहीं

पूंजीवाद स्वाभाविक और प्राकृतिक जान पड़ता है. लेकिन मनुष्य निर्विकल्प अवस्था को कैसे स्वीकार कर ले तो फिर मनुष्य कैसे रहे? कविता में जनतंत्र स्तंभ की अठारहवीं क़िस्त.

युद्ध और उन्माद के ख़िलाफ़ बीथोवेन की धुन और गेटे की कविता

अक्सर हम संस्कृतियों और राष्ट्रों के प्रति इसलिए सहिष्णु नहीं हो पाते कि हम उन्हें जुगलबंदी के बगैर, एकरेखीय ढंग से, एक ही धुन और एक ही सुर में, एक ही आवाज़ में समझने की कोशिश करते हैं.

पश्चिम बंगाल: ममता बनर्जी ‘इंडिया’ गठबंधन में अपनी स्थिति को लेकर क्यों स्पष्ट नहीं हैं?

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने केंद्र में 'इंडिया' गठबंधन की सरकार बनने पर सीएए, एनआरसी और समान नागरिक संहिता को समाप्त करने की बात कही है. हालांकि, उनके गठबंधन का हिस्सा होने पर भ्रम की स्थिति बनी हुई है. इससे कांग्रेस के स्थानीय नेतृत्व और केंद्रीय नेतृत्व के बीच भी विवाद खड़ा हो गया है.

जिसने तुम्हारा ख़ून किया बापू, वह प्रहरी था स्थिर स्वार्थों का

गांधी भारत को धर्मनिरपेक्ष जनतंत्र के रूप में विकसित होते देखना चाहते थे, लेकिन हिंदू राष्ट्र का विचार इसके ख़िलाफ़ था.

कविता में जनतंत्र स्तंभ की सत्रहवीं क़िस्त.

कर्नाटक: यौन उत्पीड़न के आरोपी जेडीएस सांसद प्रज्वल रेवन्ना के ख़िलाफ़ गिरफ़्तारी वारंट जारी

कर्नाटक के हासन से सांसद और भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के लोकसभा उम्मीदवार प्रज्वल रेवन्ना ढेरों महिलाओं के यौन उत्पीड़न से जुड़े मामले में फरार चल रहे हैं. उनके ख़िलाफ़ इंटरपोल की ओर से भी ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया जा चुका है.

उत्तराखंड: पतंजलि की सोन पापड़ी गुणवत्ता परीक्षण में फेल, कंपनी के सहायक प्रबंधक समेत 3 को जेल

'पतंजलि नवरत्‍न इलायची सोन पापड़ी' को लेकर शिकायतें सामने आने के बाद इसके सैंपल इकट्ठा कर प्रयोगशाला में जांच कराई गई थी, जिसमें यह मानकों पर खरी नहीं उतरी. इसके बाद कंपनी के सहायक प्रबंधक समेत, वितरक और विक्रेता के ख़िलाफ़ मामला दर्ज किया गया था.

जम्मू-कश्मीर: दो आतंकी हमलो में एक की मौत और दो पर्यटक घायल

हमले ऐसे समय पर हुए हैं जब अनंतनाग-राजौरी सीट पर लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार जारी है. जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार चुनाव हो रहे हैं.

एल्गार परिषद केस: गौतम नवलखा नज़रबंदी से रिहा हुए

एल्गार परिषद मामले में वर्ष 2020 में गिरफ़्तार किए गए मानवाधिकार कार्यकर्ता गौतम नवलखा 2022 से अपने नवी मुंबई स्थित घर में नज़रबंद थे. पिछले साल 19 दिसंबर को बॉम्बे हाईकोर्ट ने उन्हें ज़मानत दे दी थी, लेकिन एनआईए के अनुरोध पर आदेश को तीन सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया था. बाद में, सुप्रीम कोर्ट ने इस अवधि को बढ़ा दिया था.

अग्निपथ योजना: बिहार में चयन हो जाने के बाद भी नौकरी छोड़ रहे हैं अग्निवीर

अन्य ख़बरें भी बतलाती हैं कि अग्निपथ योजना के तहत चयनित बहुत सारे युवकों ने ट्रेनिंग के बीच में ही नौकरी छोड़ दी थी. ये युवक सेना की नौकरी में जाना तो चाहते हैं, लेकिन अग्निपथ ने उनका जज़्बा ख़त्म कर दिया है.

कश्मीर में चुनाव की अहमियत, दिल्ली में कितना मज़बूत ‘इंडिया’ गठबंधन

जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा और अनुच्छेद 370 निरस्त किए जाने के बाद पहली बार सूबे में हो रहे मतदान और दिल्ली लोकसभा चुनाव में 'इंडिया' गठबंधन की स्थिति पर कश्मीर के पत्रकार आकाश हसन और द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन के साथ चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.

दिल्ली: स्वाति मालीवाल प्रकरण ने चुनाव से ठीक पहले केजरीवाल के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है

मुख्यमंत्री केजरीवाल की रिहाई से बड़ा मुद्दा अब बिभव कुमार की गिरफ़्तारी बन गया है. इस प्रकरण में भाजपा की भूमिका का सच सामने आना बाकी है, लेकिन चुनाव से सिर्फ़ हफ़्ता भर पहले उठे इस विवाद ने आम आदमी पार्टी को मुक़ाबले में थोड़ा पीछे जरूर धकेल दिया है.

लापता लेडीज़: ग्रामीण ब्याहताओं के व्यक्तित्व की तलाश

दुल्हनों की अदला-बदली या स्त्रियों के रेलवे प्लेटफॉर्म पर भटक जाने को लेकर हिंदी सिनेमा ने कई प्रयोग किए हैं, लेकिन इनमें से कोई भी फिल्म वह सामाजिक-सांस्कृतिक टिप्पणी करने में सफल नहीं रही जो किरण राव निर्देशित ‘लापता लेडीज़’ कर सकी है.

नहीं का मुक़ाम

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: अगर हम मनुष्य हैं, भारतीय लोकतंत्र के नागरिक हैं और अपने राष्ट्रीय आप्तवाक्य ‘सत्यमेव जयते’ पर विश्वास करते हैं, अगर अब लग रहा है कि संविधान और उसके बुनियादी मूल्यों स्वतंत्रता-समता-न्याय-बंधुता को बचाना है तो हम चुपचाप नहीं रहें.