दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड दिल्ली में 662 से अधिक जन सुविधा परिसर चलाता है, जो झुग्गी बस्तियों में रहने वाली आबादी को खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए सेवा प्रदान करते हैं. परिसरों में कार्यरत केयरटेकर, सुपरवाइज़र और सफाई कर्मचारी बताते हैं कि उन्हें महीनों से भुगतान नहीं किया गया है. पीएफ और ईएसआईसी की सुविधा भी नहीं दी जा रही है.
द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
सोशल साइट ‘एक्स’ के ग्लोबल गवर्नमेंट अफेयर्स ने घोषणा की है कि भारत सरकार ने उसे विशिष्ट एकाउंट और पोस्टों पर कार्रवाई करने के लिए कार्यकारी आदेश जारी किए हैं, जो महत्वपूर्ण जुर्माना और कारावास सहित संभावित दंड के अधीन हैं. सोशल साइट ने कहा है कि वह इस आदेश से सहमत नहीं है.
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल रहे सत्यपाल मलिक ने अक्टूबर 2021 में दावा किया था कि उन्हें परियोजना से संबंधित दो फाइलों को मंज़ूरी देने के लिए 300 करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की गई थी. हालांकि उन्होंने सौदों को रद्द कर दिया था. इस आरोप के आधार पर सीबीआई ने मामले में दो मामले दर्ज किए थे.
गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने राज्य विधानसभा में कहा कि भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व वाली गुजरात सरकार ने राज्य में 108 मज़ारों को ध्वस्त कर दिया है. द्वारका से शुरू हुआ अतिक्रमण विरोधी अभियान पोरबंदर, अहमदाबाद, सूरत, पावागढ़, गिर सोमनाथ और जामनगर तक पहुंच गया है.
इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट फॉर पॉपुलेशन साइंसेज (आईआईपीएस) के एक छात्र को मुंबई पुलिस ने इसलिए गिरफ़्तार कर लिया है, क्योंकि उसने राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का संस्थान में जश्न मनाए जाने के ख़िलाफ़ विरोधस्वरूप वॉट्सऐप पर एक स्टोरी पोस्ट की थी. इससे पहले 22 जनवरी को संस्थान के एक और छात्र को गिरफ़्तार किया गया था.
महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने मराठा समुदाय के लिए शैक्षणिक संस्थानों और सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने वाला एक विधेयक पारित किया है. मराठा समुदाय के नेताओं ने तर्क दिया है कि विधेयक एक चुनावी चाल है और अदालतों में क़ानूनी जांच में नहीं टिक नहीं पाएगा, क्योंकि इसे ठीक से तैयार नहीं किया गया है.
बीते 7 फरवरी को हरियाणा की ओपी जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के कुछ छात्रों ने अयोध्या के ‘राम मंदिर’ को लेकर एक चर्चा का आयोजन किया था, जिसे विश्वविद्यालय प्रशासन ने संस्थान की आचार संहिता का उल्लंघन मानते हुए दो छात्रों को पूरे सेमेस्टर के लिए निलंबित कर दिया था. दोनों पर कार्यक्रम के दौरान ‘अपमानजनक और भड़काऊ बयान’ देने का आरोप है.
शीर्ष अदालत ने 2011 के एक फैसले में इस बात पर ज़ोर दिया गया था कि वन संबंधी 1996 के उसके फैसले का पालन किया जाए और राज्य 1980 के वन संरक्षण अधिनियम के तहत सभी वनों का दस्तावेज़ीकरण करने के लिए ‘भू-संदर्भित जिला वन-मानचित्र’ तैयार करें. हालांकि केंद्र सरकार द्वारा इन दोनों निर्णयों का पालन नहीं किया गया है.
महाराष्ट्र में सेंट्रल महाराष्ट्र एसोसिएशन ऑफ रेज़िडेंट डॉक्टर्स ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने 10 दिन की अवधि देने के बावजूद उनके द्वारा उठाई गईं मांगों को पूरा नहीं किया है. उनकी मांगों में छात्रावास की मरम्मत एवं निर्माण हेतु धनराशि जारी करना, लंबित वेतन और बकाया जारी करना आदि है.
मीरवाइज़ उमर फ़ारूक़ ने अपनी याचिका में कहा है कि सितंबर 2023 में उन्हें नज़रबंदी से रिहा कर दिया गया था. हालांकि अक्टूबर 2023 से उन्हें जामिया मस्जिद में शुक्रवार की नमाज़ का नेतृत्व करने की अनुमति नहीं दी गई है. जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाईकोर्ट ने केंद्रशासित प्रशासन को इस संबंध में जवाब देने के लिए अंतिम अवसर दिया है.
नवीनतम जीएसटी विवाद ने केंद्रीकरण और क्षेत्रीय स्वायत्तता के बीच नाजुक संतुलन को उजागर किया है. कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु के राजनीतिक दलों के नेता करों के हस्तांतरण में दक्षिणी राज्यों के साथ कथित अन्याय को लेकर केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. केंद्र पर राज्यों के विकास में बाधा डालने का आरोप है.
कांग्रेस के कोषाध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि संबंधित धनराशि ज़मीनी स्तर के प्रयासों से जुटाई गई थी, जिसमें युवा कांग्रेस और एनएसयूआई द्वारा क्राउड फंडिंग और सदस्यता अभियान शामिल थे. उन्होंने कहा कि यह घटनाक्रम लोकतंत्र की स्थिति के बारे में एक महत्वपूर्ण सवाल उठाता है. क्या यह ख़तरे में है? हमारी उम्मीद अब न्यायपालिका पर है.
वीडियो: पश्चिम बंगाल में भाजपा के नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी और एक भाजपा विधायक ने उत्तर 24 परगना जिले के संदेशखाली इलाके दौरे के दौरान वहां तैनात सिख आईपीएस अधिकारी जसप्रीत सिंह को कथित तौर पर ‘खालिस्तानी’ कह दिया था. इस मामले को लेकर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
वीडियो: भाजपा को बड़ा झटका देते हुए बीते 20 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने विवादास्पद चंडीगढ़ मेयर चुनाव मामले पर सुनवाई के दौरान आम आदमी पार्टी (आप) के कुलदीप कुमार को शहर के नगर निगम का वैध रूप से निर्वाचित मेयर घोषित कर दिया. इस चुनाव में पीठासीन अधिकारी पर मत-पत्रों में गड़बड़ी करने का आरोप लगा था.