साक्षात्कार: चार साल पुराने एक ट्वीट के लिए दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर ने क़रीब तीन हफ्ते जेल में बिताए. इस बीच यूपी पुलिस द्वारा उन पर कई मामले दर्ज किए गए. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें ज़मानत देते हुए कहा कि उनकी लगातार हिरासत का कोई औचित्य नहीं है. उनसे बातचीत.
राजनीतिक दलों को चुनावी बॉन्ड के ज़रिये मिलने वाले चंदे को लेकर 'अपारदर्शिता' संबंधी चिंताओं के बीच आरटीआई कार्यकर्ता लोकेश बत्रा ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के आधार पर बताया कि हाल में ख़त्म हुए बॉन्ड बिक्री के 21वें चरण तक 10,000 करोड़ रुपये से अधिक के चुनावी बॉन्ड बिक चुके हैं.
भारत के प्रधान न्यायाधीश एनवी रमना ने न्याय तक पहुंच को ‘सामाजिक उद्धार का उपकरण’ बताते हुए कहा कि आधुनिक भारत का निर्माण समाज में असमानताओं को दूर करने के लक्ष्य के साथ किया गया था. लोकतंत्र का मतलब सभी की भागीदारी के लिए स्थान मुहैया कराना है. सामाजिक उद्धार के बिना यह भागीदारी संभव नहीं होगी.
बीते 25 जुलाई को म्यांमार के सैन्य शासन ने चार लोकतंत्र समर्थकों को फांसी दे दी थी, जिसके विरोध में भारत में निर्वासन में रह रहे वहां के लोगों के एक समूह ने 30 जुलाई को जंतर मंतर पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की दिल्ली पुलिस से अनुमति मांगी थी, जिससे पुलिस ने इनकार कर दिया था.
ईडी मुंबई में पात्रा चॉल के पुनर्विकास से संबंधित लेनदेन में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत, उनकी पत्नी और अन्य सहयोगियों की जांच कर रही है. मुंबई पुलिस ने इस मामले में एक गवाह द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर महिला का शील भंग करने के आरोप में राउत के ख़िलाफ़ रविवार को एफ़आईआर भी दर्ज की है.
साल 2015 से नौ राज्यों - महाराष्ट्र, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, झारखंड, छत्तीसगढ़, केरल, मिज़ोरम और मेघालय - ने सीबीआई से जांच के लिए ज़रूरी आम सहमति वापस ले ली है. विपक्ष शासित इन राज्यों ने आरोप लगाया है कि सीबीआई उसके मालिक (केंद्र) की आवाज़ बन गई है और वह विपक्षी नेताओं को ग़लत तरीके से निशाना बना रही है.
केरल के त्रिशूर में बीते 30 जुलाई को 22 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई थी. स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि संयुक्त अरब अमीरात में किए गए परीक्षण के परिणामों में युवक में मंकीपॉक्स वायरस की मौजूदगी की पुष्टि हुई है. उन्होंने कहा कि उनकी मौत के कारण का पता लगाने के लिए यहां भी जांच की जाएगी.
बीती 30 जुलाई को झारखंड के तीन कांग्रेस विधायक पश्चिम बंगाल में भारी मात्रा में नकदी के साथ पकड़े गए थे. एक अन्य कांग्रेस विधायक कुमार जयमंगल ने रांची पुलिस में उनके ख़िलाफ़ दर्ज कराई शिकायत में दावा किया है कि तीनों विधायकों ने झारखंड सरकार गिराने के लिए उनसे भी संपर्क किया था और बताया था कि असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा के आदेश पर वे ऐसा कर रहे हैं.
सूचना का अधिकार क़ानून से पता चला है कि भारतीय खाद्य निगम के गोदामों में 2018-19 में 5,213 टन, 2019-20 में 1,930 टन और 2020-21 में 1,850 टन अनाज प्राकृतिक आपदाओं और रखरखाव के कारणों से नष्ट हुआ था.
पश्चिम बंगाल के जादवपुर विश्वविद्यालय की एक शोध छात्रा से बलात्कार का प्रयास करने के आरोपों से घिरे प्रोफेसर के खि़लाफ़ 25 जून को मामला दर्ज किया गया था. गिरफ़्तारी के बाद अदालत ने उन्हें छह अगस्त तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है.
उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर ज़िले के कोतवाली थाना क्षेत्र की घटना. आरोप है कि बीते 30 जुलाई को महिला घास काटने के लिए खेत में गई थी, जहां सात लोगों ने बंदूक के बल पर उसे कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया और घटना का वीडियो बना लिया. इस वीडियो को बाद में सोशल मीडिया पर साझा कर दिया गया.
भारत में कोविड-19 के बीते एक दिन में 16,464 नए मामले आने के साथ संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 4,40,36,275 हो गई है और इस अवधि में 24 और लोगों की मौत के बाद मृतकों का आंकड़ा 5,26,396 हो गया है.
ईडी ने पात्रा चॉल भूमि घोटाला मामले में शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत के कथित संबंध को लेकर यह छापेमारी की है. राउत ने कोई भी ग़लत काम करने से इनकार करते हुए आरोप लगाया कि राजनीतिक प्रतिशोध के चलते उन्हें निशाना बनाया जा रहा है.
झारखंड के तीन कांग्रेस विधायक इरफ़ान अंसारी, राजेश कच्छप और नमन बिक्सल बीती 30 जुलाई को एक वाहन में भारी नकदी के साथ पश्चिम बंगाल में पकड़े गए थे. इसके बाद कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के गठबंधन वाली राज्य सरकार को गिराने के लिए विधायकों की ख़रीद-फरोख़्त कर रही है.
मोहम्मद हसन के नाटक ‘ज़ह्हाक’ में सत्ता के उस स्वरूप का खुला विरोध है जिसमें सेना, कलाकार, लेखक, पत्रकार, अदालतें और तमाम लोकतांत्रिक संस्थाएं सरकार की हिमायती हो जाया करती हैं. नाटक का सबसे बड़ा सवाल यही है कि मुल्क की मौजूदा सत्ता में ‘ज़ह्हाक’ कौन है? क्या हमें आज भी जवाब मालूम है?