एग्जिट पोल्स के निष्कर्ष विश्वास के लायक हैं या महज़ गोरखधंधा

एग्जिट पोल्स के रूप में प्रचारित व प्रसारित की जा रहे कयासों की सबसे बड़ी विडंबना यह है कि उनमें से कोई भी अपनी प्रविधि की वैज्ञानिकता व वस्तुनिष्ठता को लेकर इतना आश्वस्त नहीं करते कि उन्हें अटकलों से अधिक कुछ माना जाए.

यूपी: थाना प्रभारी ने भाजपा प्रत्याशी को दी कैबिनेट मंत्री बनने की अग्रिम बधाई, जांच के आदेश

उत्तर प्रदेश में बलिया ज़िले के दुबहर थाने के प्रभारी राज कुमार सिंह द्वारा बलिया सदर सीट से भाजपा उम्मीदवार दयाशंकर सिंह को शुभकामना देने का वीडियो सोशल मीडिया पर सार्वजनिक होने के मामले में जांच के आदेश दिए गए हैं. दयाशंकर सिंह उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री स्‍वाति सिंह के पति हैं.

यूपी चुनाव: क्या चुनावी आंकड़े सपा की वापसी और भाजपा की विदाई का संकेत दे रहे हैं

उत्तर प्रदेश के पिछले तीन दशकों से अधिक के विधानसभा चुनावों के आंकड़ों पर गौर करते हैं तो कुछ रोचक नतीजे निकलकर सामने आते हैं, जिनके अनुसार इस बार सपा अगर पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने में कामयाब होती है तो यह यूपी की राजनीति के लिहाज़ से एक दुर्लभ घटना होगी.

यूपी: गोरखपुर क्षेत्र में क्या भाजपा अपना विजय रिकॉर्ड क़ायम रख पाएगी

गोरखपुर ज़िले में कुल नौ विधानसभा क्षेत्र- गोरखपुर शहर, गोरखपुर ग्रामीण, पिपराइच, कैंपियरगंज, सहजनवा, चौरीचौरा, बांसगांव, खजनी और चिल्लूपार आते हैं, जिनमें से आठ पर पिछले चुनाव में भाजपा ने जीत दर्ज की थी. पहली बार विधानसभा चुनाव में उतरे योगी आदित्यनाथ के सामने अपनी सीट के साथ इन्हें भी बचाने की चुनौती है.

यूपी: कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू क्या जीत की हैट्रिक लगा पाएंगे

कुशीनगर ज़िले के तमकुहीराज विधानसभा क्षेत्र से पिछली दो बार से विजयी रहे कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू के लिए इस बार चुनावी लड़ाई आसान नहीं है. उनके विरोधी नेताओं और दलों की कड़ी घेराबंदी ने उनकी जीत की राह को कठिन बना दिया है.

उत्तर प्रदेश: शीरोज़; एसिड अटैक सर्वाइवर्स की कहानियां

वीडियो: उत्तर प्रदेश चुनाव की कवरेज के दौरान द वायर की टीम राजधानी लखनऊ के एक कैफे में पहुंची, जहां एसिड अटैक सर्वाइवर्स काम करती हैं. इस कैफे का नाम ‘शीरोज़ हैंगआउट कैफे’ है. इसे छाया फाउंडेशन के तहत शुरू किया गया था, जो एसिड अटैक सर्वाइवर्स को पुनर्वास का अवसर प्रदान करता है.

यूपी: गोरखपुर में कई प्रत्याशियों के आंसुओं ने मतदाताओं में पैदा की सहानुभूति

गोरखपुर और बस्ती मंडल की कई विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों के प्रति मतदाताओं में उमड़ी हमदर्दी ने राजनीतिक दलों के बने-बनाए समीकरण उलट दिए हैं.

यूपी: ‘नीलगाय अउर गोरू बड़ा तबाह कइले बा, सब खेत बारी चर जात हैं’

महराजगंज ज़िले के वनग्रामों में किसान आवारा पशुओं द्वारा उनके खेतों को नुकसान पहुंचाए जाने की समस्या से जूझ रहे हैं. अब फसल बचाने के लिए उन्होंने स्टन मशीन यानी हल्का झटका देने वाली मशीन इस्तेमाल करना शुरू किया है, हालांकि इसके महंगे होने और एक जगह खेत न होने के चलते यह बहुत लाभकारी नहीं है.

उत्तर प्रदेश: रैली में राजनाथ सिंह को नौकरी को लेकर नाराज़ युवाओं के नारों का सामना करना पड़ा

उत्तर प्रदेश के गोंडा ज़िले में केद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एक चुनावी रैली का संबोधित कर रहे थे, जब सेना में नौकरी तलाश रहे नाराज़ युवाओं ने नारेबाज़ी की. राजनाथ सिंह ने युवाओं को शांत कराते हुए भर्ती का आश्वासन दिया और फ़िर भारत माता की जय के नारे लगाने का आग्रह किया.

उत्तर प्रदेश: स्मार्ट सिटी के तमगे के बावजूद झांसी बदहाल क्यों है

ग्राउंड रिपोर्ट: झांसी बुंदेलखंड क्षेत्र का सबसे बड़ा शहर है, जो स्मार्ट सिटी में भी शुमार है. लेकिन शहर और इससे सटे गांवों में पानी की भारी किल्लत और पलायन की समस्या क्षेत्र की समस्याओं की बानगी भर हैं.

योगी आदित्यनाथ के राष्ट्रवाद में ग़ैर-भाजपा शासित राज्य फिट क्यों नहीं होते

जिस राष्ट्रवाद की आड़ लेकर भाजपा और उसके नेता अनेक नागरिकों को देशद्रोही क़रार देते हैं, उसी पार्टी के एक मुख्यमंत्री का मतदान से ऐन पहले उत्तर प्रदेश को केरल, बंगाल या कश्मीर बनने से रोकने के लिए प्रेरित करना न सिर्फ इन राज्यों के लोगों का अपमान है बल्कि पार्टी की संकुचित राष्ट्रवाद की परिभाषा पर भी सवाल उठाता है.

दोस्ताना चुनाव आयोग और मित्र मीडिया के बल पर चुनावी क़ानूनों को अंगूठा दिखाते नरेंद्र मोदी

जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार मतदान समाप्त होने से पहले के 48 घंटे में किसी भी रूप में चुनावी सामग्री के प्रदर्शन पर पाबंदी है, इसमें वोटर को प्रभावित करने वाले टीवी या अन्य किसी माध्यम का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, हालांकि प्रधानमंत्री मोदी ने ठीक ऐसा ही किया है.

यूपी: क्या आज़म ख़ान की ज़मानत प्रक्रिया में देरी राजनीतिक इशारों पर हो रही है

समाजवादी पार्टी के नेता और रामपुर से लोकसभा सांसद आज़म ख़ान पिछले दो सालों से जेल में हैं. उन पर दर्ज 87 मामलों में से 84 में उन्हें ज़मानत मिल चुकी है. शेष जिन तीन मामलों वे हिरासत में हैं, उनमें ज़मानती प्रक्रिया ऐसी अंतहीन बाधाओं का शिकार है जहां कभी सुनवाई का आवेदन रहस्यमय ढंग से ग़लत कोर्ट में पहुंच जाता है, तो कभी सुनवाई के रोज़ केस की फाइल ही खो जाती है.

उत्तर प्रदेश: क्या बहुसंख्यकवादी भारत में फ़र्ज़ी आतंकी आरोप चुनावी मुद्दा हो सकते हैं?

आतंकवाद के फ़र्ज़ी मामलों में फंसे लोगों के लिए लड़ने वाले सामाजिक कार्यकर्ता और रिहाई मंच के महासचिव राजीव यादव उत्तर प्रदेश में आज़मगढ़ से चुनाव में खड़े हुए हैं.

मुज़फ़्फ़रनगर दंगों के आठ साल बाद भी नर्क जैसा जीवन जीने को मजबूर दंगा विस्थापित

वीडियो: सितंबर 2013 में उत्तर प्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर में हुए सांप्रदायिक दंगों में 60 से ज़्यादा लोग मारे गए थे और 60 हज़ार से अधिक बेघर हो गए थे. दंगों में भाजपा नेताओं के शामिल होने के आरोप लगे थे और पार्टी के कुछ विधायकों को सांप्रदायिक भाषण देने और दंगा भड़काने के लिए जेल जाना पड़ा था. आठ साल बाद द वायर की टीम दंगों में विस्थापित हुए परिवारों का हाल जानने की कोशिश की.

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