फ़ैज़ाबाद ज़िले को अयोध्या का नाम देने के बाद अब उसके रेलवे स्टेशन को अयोध्या कैंट करने वाली योगी सरकार को कुछ ज़रूरी सवालों के जवाब भी देने चाहिए, मसलन अयोध्या ज़िले की प्रति व्यक्ति आय क्या है? क्या अयोध्या की सरकार प्रायोजित जगर-मगर उसकी ग़रीबी का विकल्प हो सकती है? विकास के नाम पर लोगों को दरबदर करने वाली सरकारी योजनाएं इस ग़रीबी को घटाएंगी या बढ़ाएंगी?
उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से कहा गया है कि भारत सरकार ने फ़ैज़ाबाद रेलवे जंक्शन का नाम अयोध्या कैंट करने के निर्णय पर सहमति दे दी है. इस पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नोटिफिकेशन जारी करने के लिए अपनी स्वीकृति प्रदान कर दी है. इससे पहले योगी सरकार ने वर्ष 2018 में फ़ैज़ाबाद जिला और मंडल का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया था.
वीडियो: लखीमपुर हिंसा के बाद बीते दिनों कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी गई थीं. यहां पर काशी विश्वनाथ मंदिर और मां कुष्मांडा के दर्शन करने के बाद उन्होंने किसान न्याय रैली को संबोधित किया था. इस मुद्दे पर वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष, शरत प्रधान और स्मिता गुप्ता से द वायर के वरिष्ठ संपादक आरफ़ा ख़ानम शेरवानी ने विचार-विमर्श किया.
2022 के विधानसभा चुनाव में गठबंधन के लिए अलग-अलग समय पर भाजपा से कोई न कोई शर्त रखने वाले निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने शुक्रवार की पत्रकार वार्ता में किसी सवाल का जवाब नहीं दिया और भाजपा नेताओं के बयान पर सहमति में सिर हिलाते रहे. बीते दिनों में निषाद भाजपा से ख़ुद को उप-मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित कर चुनाव मैदान में उतारने की मांग भी कर चुके हैं.
वीडियो: सपा नेता, यूपी योजना आयोग के पूर्व सदस्य और लखनऊ विश्वविद्यालय में प्रोफेसर सुधीर पंवार का कहना है कि अखिलेश यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी वर्तमान में सभी समुदायों में सत्ता विरोधी वोटों को मज़बूत करने के लिए सबसे अच्छी स्थिति में है. अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों को लेकर द वायर के अजॉय आशीर्वाद से उनकी बातचीत.
वीडियो: उत्तर प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी पार्टी के इस चुनाव में शामिल होने का ऐलान कर दिया है. ओवैसी की पार्टी के चुनाव लड़ने से उत्तर प्रदेश के चुनावी समीकरणों में क्या बदलाव होगा बता रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान.
उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने पिछले सप्ताह दो दिन चुनाव से जुड़े मामलों पर विचार-विमर्श किया था. इसके बाद उम्मीदवारों से आवेदन-पत्र दाख़िल करने का एक आदेश पार्टी की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने जारी किया है.
जब भी धर्मनिरपेक्षता को चुनाव मैदान से बाहर का रास्ता दिखाकर मुकाबले को असली-नकली, सच्चे-झूठे, सॉफ्ट या हार्ड हिंदुत्व के बीच सीमित किया जाता है, उसका कट्टर स्वरूप ही जीतता है. उत्तर प्रदेश में बसपा को इस एजेंडा पर आगे बढ़ने से पहले पिछले उदाहरणों को देखना चाहिए.
नरेंद्र मोदी सरकार के पिछले तीन साल के राज में ऐसा बहुत कुछ हुआ जिसने मुसलमानों में असुरक्षा और भय की तीव्र भावना पैदा करने का काम किया.
मुसलमानों के एक तबके में भाजपा को लेकर स्वीकार्यता बढ़ी है, लेकिन भाजपा की तरफ़ से ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला है कि मुसलमानों के लिए कुछ किया हो.
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद से सपा में घमासान जारी है तो बसपा प्रमुख मायावती के तेवर नरम पड़े हैं. वहीं कांग्रेसी ‘गठबंधन ग़लती था’ का राग अलाप रहे हैं. यूपी में सपा, बसपा और कांग्रेस की हार को एक महीने से ज्यादा का […]
समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने बेटे अखिलेश यादव पर आरोप लगाया कि पिछले पांच साल में कई बार उन्होंने उनका अपमान किया है.
योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने की बधाई के हकदार उनके ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज न करने वाले पुलिस अधिकारी, ख़बरों को दबाने वाले पत्रकार, मुलायम सिंह यादव, मायावती और अखिलेश यादव भी हैं. बिना इनके सहयोग के योगी आज माननीय मुख्यमंत्री न बन पाते.
भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ करने की इतनी जल्दी में है कि वे छह माह पहले कांग्रेस से भाजपा में आए नेता को मुख्यमंत्री बना दे रहे हैं.ऐसे दूसरे बहुत से नेता मंत्रिपद हासिल कर ले रहे हैं. आखिर इस तरह के नेताओं के सहारे मिली जीत भाजपा के लिए कितनी फायदेमंद होगी?
सामाजिक न्याय के इच्छुक जाति समूहों का एक बड़ा मध्यवर्ग तैयार है, जो सामूहिक रूप से निर्णायक स्थिति में है. ज़रूरत है इनके नेतृत्व और सहयोग से सामाजिक न्याय को दूसरे चरण तक ले जाने की, वरना राजनीति का दूसरा पक्ष पहले से ही तैयार है.