बीते अप्रैल माह में बजरंग दल और विश्व हिंदू परिषद की शिकायतों पर इलाहाबाद पुलिस ने 50 से अधिक लोगों के ख़िलाफ़ जबरन धर्मांतरण कराने के आरोप में एफआईआर दर्ज की थी. इसी मामले में, पुलिस ने इलाहाबाद के सैम हिगिनबॉटम यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी एंड साइंस के कुलाधिपति, कुलपति और प्रशासनिक अधिकारी को नोटिस जारी कर तलब किया है. उन पर धर्मांतरण में इस्तेमाल विदेशी फंडिंग प्राप्त करने का आरोप है.
घटना बलरामपुर ज़िले की है. जाफ़राबाद निवासी एक महिला का आरोप है कि मुस्लिम बहुल आबादी में रहने के चलते उनके पड़ोसी उन पर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाते हैं. ऐसा न करने पर मकान बेचकर जाने और जान से मारने की धमकी देते हैं.
उत्तर प्रदेश के रामपुर ज़िले का मामला. पादरी पर दलित समाज के लोगों को धर्म परिवर्तन का उपदेश देने के आरोप लगा था. पुलिस ने बताया कि बजरंग दल के एक पदाधिकारी की शिकायत पर उनके ख़िलाफ़ धर्मांतरण विरोधी क़ानून के तहत मामला दर्ज किया गया है. प्रदेश के बलिया ज़िले में ऐसी ही एक अन्य घटना में एक व्यक्ति को गिरफ़्तार किया गया है.
अक्टूबर 2020 में हाथरस बलात्कार मामले की कवरेज के लिए जाते समय यूपी पुलिस द्वारा गिरफ़्तार किए गए केरल के पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन को सुप्रीम कोर्ट ने बीते सितंबर में यूएपीए मामले में ज़मानत दे दी थी. हालांकि, उनके ख़िलाफ़ दर्ज मनी लॉन्ड्रिंग मामले के कारण उन्हें रिहा नहीं किया गया था.
2017 यूपी विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज़मगढ़ में अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनाने की घोषणा की थी, जिसे अमली जामा पहनाने की शुरुआत करते हुए बीते अक्टूबर में ज़िला प्रशासन ने ज़मीनों का माप आदि लेना शुरू किया. अधिग्रहण के क्षेत्र में आने वाले आठ गांवों के लोग इसके विरोध में हैं. उनका कहना है कि ज़मीन लेने के लिए उनसे सहमति नहीं ली गई है.
छात्रों ने आरोप लगाया कि सुरक्षा गार्डों ने पहले उन पर लाठीचार्ज किया और गोलियां चलाईं, जिससे हिंसा हुई. वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि कुछ उपद्रवी तत्वों द्वारा विश्वविद्यालय गेट का ताला तोड़ने की कोशिश की गई और रोकने पर सुरक्षाकर्मियों से बदसलूकी और मारपीट की गई.
पीड़ित की पहचान लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के गवाह प्रभजीत सिंह के भाई सर्वजीत सिंह के रूप में हुई है. पुलिस ने कहा कि घटना का पिछले साल हुई हिंसा से कोई लेना-देना नहीं है. बीते छह दिसंबर को अदालत ने हिंसा मामले के मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के बेटे आशीष मिश्रा समेत 14 अभियुक्तों पर आरोप तय किया है.
आरोप है कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) जिन छात्रों ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया था, उनके पास कथित तौर पर 6 दिसंबर को ‘काला दिन’ बताने वाले पोस्टर थे. घटना के एक दिन बाद हिंदुत्ववादी संगठनों ने धमकी दी थी कि अगर आरोपी छात्रों के ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं की गई तो वे विरोध प्रदर्शन करेंगे.
पत्रकार सिद्दीक़ कप्पन और तीन अन्य लोगों को 5 अक्टूबर, 2020 को हाथरस में एक युवती की कथित रूप से सामूहिक बलात्कार के बाद हुई हत्या के मामले की कवरेज के लिए जाते वक्त गिरफ्तार किया गया था. ईडी ने फरवरी, 2021 में कप्पन के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया था.
रामपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए प्रचार के दौरान एक रैली में सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार में आज़म ख़ान के ख़िलाफ़ दर्ज मामलों को झूठा बताते हुए कहा कि भाजपा विपक्षी दल के ख़िलाफ़ इतना कठोर बर्ताव न करे कि जब वह सत्ता में वापस आए तो बदला लेने लगे.
शिकायतकर्ता पत्रकार मनीष पांडेय ने आरोप लगाया कि सपा के मीडिया सेल के ट्विटर हैंडल से गोरक्षनाथ मठ के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक ट्वीट किया गया था, जिस पर उन्होंने मठ को लेकर इस तरह के पोस्ट न करने का आग्रह किया था. पांडेय ने दावा किया कि इसके बाद सपा के मीडिया सेल के हैंडल से उनके ख़िलाफ़ अपमानजनक पोस्ट किए गए थे. सपा ने गिरफ़्तार पत्रकार का उसके मीडिया सेल से कोई संबंध होने से इनकार किया है.
घटना कानपुर शहर के ‘रॉयल गार्डन’ में आरोपी भाजपा नेता रामजी गुप्ता के भाई की शादी समारोह के दौरान हुई. पुलिस के अनुसार, गुप्ता ने अपनी लाइसेंसी बंदूक से कथित तौर पर जश्न में गोली चलाई थी, जिससे बाउंसर सादिक़ क़ुरैशी की मौत हो गई.
शाहजहांपुर के रोजा थाना क्षेत्र में बीते सप्ताह हुए डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम के एक ऑनलाइन 'सत्संग' कार्यक्रम का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें बड़ी संख्या में स्कूल यूनिफॉर्म पहने बच्चे नज़र आ रहे हैं. बलात्कार और हत्या का दोषी गुरमीत राम रहीम 40 दिन की पैरोल पर है.
सुप्रीम कोर्ट ने इसकी रजिस्ट्री को निर्देश दिया है कि लखीमपुर खीरी हिंसा से जुड़े एक मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा द्वारा दायर ज़मानत याचिका को ऐसी पीठ के समक्ष रखा जाए जिसमें कम से कम एक न्यायाधीश ऐसे हों जो पहले इस मामले को देख कर चुके हैं.
सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो में यूपी पुलिस के कर्मी महिलाओं को बेरहमी से मारते नज़र आ रहे हैं. बताया गया है कि वीडियो अंबेडकर नगर ज़िले के जलालपुर क़स्बे का है, जहां महिलाएं हाल ही में डॉ. बीआर आंबेडकर के चित्र पर कालिख पोते जाने के खिलाफ प्रदर्शन कर रही थीं.