प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा करने से पहले याद कर लें कि जिस समय वे कुंभ में जमावड़े से बचने की अपील कर रहे थे, उसी समय बंगाल में अपनी सभाओं में जनता को आमंत्रित कर रहे थे. क्या वह भीड़ संक्रमण से सुरक्षित है? क्या यह अधिकार प्रधानमंत्री, उनके गृह मंत्री को है कि वे कोरोना संक्रमण फैलने की आशंका के बीच उस संक्रमण का पूरा इंतज़ाम करें? क्या यह राष्ट्रीय आपदा क़ानून के तहत अपराध नहीं है?
दिल्ली, ओडिशा और मध्य प्रदेश सरकारों ने हरिद्वार में चल रहे कुंभ से लौट रहे लोगों के लिए आरटी-पीसीआर टेस्ट, क्वारंटीन और ज़िला प्रशासन को सूचित करने जैसे विभिन्न निर्देश दिए हैं. कुंभ में कोविड के बढ़ते जोखिम के बीच उत्तराखंड सरकार ने इसे सीमित करने की संभावना से इनकार किया है.
कोविड-19 की दूसरी लहर के बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री और भाजपा नेता तीरथ सिंह रावत ने कहा था कि कुंभ को मरकज़ से जोड़ना नहीं चाहिए, क्योंकि मरकज एक कोठी की तरह की बंद जगह में हुआ था, जबकि कुंभ का क्षेत्र बहुत बड़ा, खुला हुआ और विशाल है. उन्होंने कहा था कि सबसे महत्वपूर्ण है कि कुंभ गंगा नदी के किनारे है. मां गंगा का आशीर्वाद यहां बह रहा है, इसलिए यहां कोरोना नहीं होना चाहिए.
उत्तर प्रदेश के भाजपा विधायक सुनील भराला का कहना है कि कुंभ की आस्था कोरोना वायरस से बहुत बड़ी है गंगा मां ही इस कोरोना का सर्वनाश करेंगी और पिछले साल निज़ामुद्दीन मरकज़ में जुटी भीड़ की तुलना कुंभ से नहीं की जानी चाहिए.
एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड के हरिद्वार शहर में चल रहे कुंभ में शामिल मध्य प्रदेश के निर्वाणी अखाड़े के महामंडलेश्वर कपिल देव दास की कोविड 19 संक्रमण से बीते 13 अप्रैल को मौत हुई है. कुंभ मेले में कोरोना की बिगड़ती रही स्थिति को देखते हुए 13 अखाड़ों में से निरंजनी और तपो निधि श्री आनंद अखाड़े ने इस आयोजन से हटने का ऐलान किया है.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत से निज़ामुद्दीन मरकज़ और कुंभ की तुलना करते हुए पूछा गया था कि कुंभ की भीड़ कोरोना को और बढ़ा सकती है, जिस पर उन्होंने कहा कि यह बारह साल में एक बार आता है और लाखों लोगों की आस्था से जुड़ा है. बीते 10 अप्रैल से 13 अप्रैल की शाम चार बजे तक कुंभ मेला इलाके में 1,086 लोग कोविड-19 संक्रमित पाए गए हैं.
हरिद्वार में कुंभ मेले में सोमवार को अमावस्या के अवसर पर हुए दूसरे शाही स्नान में 28 लाख के क़रीब श्रद्धालु पहुंचे. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, रविवार सुबह 11.30 बजे से सोमवार की शाम तक 18,169 श्रद्धालुओं का कोविड टेस्ट किया गया, जिनमें से 102 कोरोना पॉज़िटिव पाए गए.
देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच उत्तराखंड के हरिद्वार में कुंभ मेला जारी है. रविवार को हरिद्वार में सर्वाधिक 401 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. इनमें साधु-संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि सहित जूना अखाड़े के करमा गिरि और जूना अखाड़े के नितिन गिरि भी शामिल हैं.
उत्तराखंड सरकार के प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने कहा कि सार्वजनिक भावनाओं को देखते हुए गैरसैंण को नई कमिश्नरी बनाने का निर्णय निलंबित कर दिया गया है. पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को इस फैसले के लिए कई पार्टी सांसदों और मंत्रियों की असंतुष्टि के साथ भाजपा के भीतर प्रतिरोध का सामना करना पड़ा था.
उत्तराखंड में इस साल सर्दियों में सामान्य से कम बारिश होने के कारण जंगल में आग लगने की घटनाएं ज़्यादा हो रही हैं. मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत द्वारा बुलाई गई बैठक में अधिकारियों ने बताया कि इस ‘फायर सीज़न’ में अब तक जंगल में आग लगने की 983 घटनाएं हुई हैं, जिससे 1,292 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है.
उत्तराखंड के हरिद्वार शुरू हुए कुंभ के पुलिस महानिरीक्षक ने आरएसएस के उत्तराखंड के प्रांत संघ संचालक और प्रांत कार्यवाह को चिट्ठी लिखी है. इसमें कहा गया है कि भीड़ नियंत्रण, यातायात प्रबंधन और कोरोना के चुनौती के मद्देनज़र सहायता की आवश्यकता है.
आगामी हरिद्वार कुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को आरटी-पीसीआर कोविड-19 टेस्ट रिपोर्ट नहीं लाने की उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की सार्वजनिक घोषणा के एक दिन बाद हाईकोर्ट ने बुधवार को कोविड टेस्ट अनिवार्य कर दिया. हाईकोर्ट ने निर्देश दिया कि आगंतुकों की थर्मल स्क्रीनिंग के लिए प्रत्येक घाट के प्रवेश स्थल पर लोगों की प्रतिनियुक्ति की जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि वे मास्क पहने हों.
बीते सात फरवरी को उत्तराखंड के चमोली ज़िले की ऋषिगंगा घाटी पर ग्लेशियर टूटने से अचानक भीषण बाढ़ आ गई थी. इससे ऋषिगंगा जलविद्युत परियोजना पूरी तरह तबाह हो गई थी, जबकि धौलीगंगा के साथ लगती एनटीपीसी की निर्माणाधीन तपोवन-विष्णुगढ़ जलविद्युत परियोजना को व्यापक नुकसान पहुंचा था. आपदा में 204 व्यक्ति लापता हुए थे.
रामनगर में एक कार्यक्रम के दौरान उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि अगर लोगों को कोविड-19 के दौरान अधिक राशन पाना था तो दो से ज़्यादा बच्चे पैदा करते. इसी कार्यक्रम में रावत ने कहा कि भारत 200 साल अमेरिका का ग़ुलाम था और अब कोविड-19 ने उसकी शक्ति को भी कम कर दिया.
ये बैनर दक्षिणपंथी समूह हिंदू युवा वाहिनी द्वारा लगाए गए जिसके सदस्यों का दावा है कि वे उत्तराखंड के सभी मंदिरों में ऐसे बैनर लगाएंगे. यह क़दम गाज़ियाबाद के डासना देवी मंदिर में एक मुस्लिम किशोर को पानी पीने के लिए प्रताड़ित किए जाने के बाद सामने आया है.