साल 2017 में वडोदरा में मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत एक मुस्लिम महिला को हरनी स्थित एक आवासीय परिसर में मकान आवंटित हुआ था. लाभार्थी महिला वर्तमान में अपने परिवार के साथ शहर के दूसरे इलाके में रहती है, लेकिन परिसर के रहवासियों ने 'संभावित ख़तरे' का हवाला देते हुए जिला प्रशासन में शिकायत दर्ज करवाई है.
पारुल विश्वविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय एक्सचेंज कार्यक्रम में शामिल अफ्रीकी छात्रों के साथ नस्लीय भेदभाव और हमले की इस घटना ने एक्सचेंज कार्यक्रमों के तहत गुजरात आने वाले विदेशी छात्रों को लेकर चिंताएं पैदा कर दी हैं. इस विश्वविद्यालय का पहले भी विवादों का इतिहास रहा है.
ख़ुद को गुजरात के मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) का अधिकारी बताने वाले आरोपी विराज पटेल को बीते अप्रैल महीने में गिरफ़्तार किया गया था. वहा वडोदरा सेंट्रल जेल में बंद था और उसे मुंबई की एक महिला से कथित बलात्कार के मामले में 10 नवंबर को सत्र अदालत में पेश किया गया था, इसी दौरान वह फ़रार हो गया.
आरोप है कि वडोदरा के मयंक तिवारी नाम के व्यक्ति ने प्रधानमंत्री कार्यालय का निदेशक (सरकारी सलाहकार) होने का दावा किया. वह लोगों को धमकाकर या 'विवादों को निपटाने' के लिए पीएमओ के नाम का इस्तेमाल करके करोड़ों रुपये इकट्ठा कर रहा था.
गुजरात के वडोदरा से गिरफ़्तार इस शख़्स की पहचान मयंक तिवारी के रूप में हुई है. उसने दो बच्चों का दाख़िला कराने के बदले एक निजी स्कूल पीएमओ से कई अनुबंध दिलाने का झांसा दिया था. बीते मार्च में गुजरात के ही किरण पटेल को गिरफ़्तार किया गया था, जो ख़ुद को पीएमओ अधिकारी बताकर कश्मीर की कई यात्राएं कर चुका था.
वर्ष 2002 के गुजरात दंगों के दौरान वडोदरा शहर में स्थित बेस्ट बेकरी पर भीड़ के हमले में 14 लोग मारे गए थे. इनमें से ज़्यादातर मुस्लिम थे, जिन्होंने अंदर शरण ली हुई थी. मुंबई की निचली अदालत ने हर्षद सोलंकी और मफत गोहिल को बरी करते हुए कहा कि अभियोजन यह साबित करने में असफल रहा कि दोनों दंगाई भीड़ का हिस्सा थे.
गुजरात के गृह राज्य मंत्री हर्ष सांघवी ने विधानसभा में बताया कि 31 जनवरी, 2023 तक दो साल में मुंद्रा में अडानी बंदरगाह से 375.50 करोड़ रुपये की 75 किलोग्राम हेरोइन ज़ब्त की गई. सितंबर 2021 में यहां दो कंटेनरों से लगभग 3,000 किलोग्राम हेरोइन बरामद की थी.
दिसंबर 2022 के तीसरे हफ्ते में भी एक वीडियो सामने आया था, जिसमें दो विद्यार्थी नमाज़ पढ़ते दिख रहे थे. इससे दो दिन पहले 24 दिसंबर 2022 को सोशल मीडिया पर एक वीडियो सामने आया था, जिसमें विश्वविद्यालय परिसर के संस्कृत महाविद्यालय के मुख्य द्वार के बाहर एक दंपति नमाज़ पढ़ता दिख रहा था.
मामला वर्ष 2001 का है. गुजरात के वडोदरा स्थित एक पार्क में रात की शिफ्ट कर रहे सीआईएसएफ के एक जवान ने बाइक सवार जोड़े को रोककर युवती के साथ कुछ समय बिताने की मांग की थी और बाद में युवक की घड़ी लेकर उन्हें जाने दिया था. युवक की शिकायत के बाद सीआईएसएफ की विभागीय जांच में जवान को बर्ख़ास्त कर दिया गया था.
गुजरात के वडोदरा शहर स्थित मकरपुरा की एक रिहायशी कॉलोनी का मामला. हमले में एक महिला समेत चार लोग घायल हो गए. आरोप है कि हमलावरों ने कुछ लोगों के कपड़े भी फाड़ दिए थे. मामले में अज्ञात हमलावरों के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराई गई है.
गुजरात के वडोदरा शहर का मामला. पुलिस ने कहा कि झड़प के दौरान पथराव किया गया और एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी पर एक पेट्रोल बम फेंका गया. इलाके में सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है और हालात नियंत्रण में हैं.
सेवा अनुबंध के नियमों के अनुसार, सरकारी मेडिकल कॉलेजों के छात्रों को अपना स्नातकोत्तर (पीजी) मेडिकल पाठ्यक्रम पूरा करने के बाद कम से कम एक वर्ष के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में सेवा करनी होती है. यदि कोई छात्र प्रवेश लेते समय हस्ताक्षरित अनुबंध को तोड़ना चाहता है, तो उसे 40 लाख रुपये का भुगतान करना होगा.
भौतिकी के प्रोफ़ेसर रहे जेएस बंदूकवाला 77 वर्षीय थे और उम्र संबंधी जटिलताओं से जूझ रहे थे. गुजरात के वडोदरा शहर में मुस्लिमों को अलग-थलग बसाने के सरकारी फैसले के ख़िलाफ़ उन्होंने लंबी लड़ाई लड़ी थी और एक समावेशी समाज की वकालत करना जारी रखा था.
गुजरात धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम, 2003 के तहत मिशनरीज़ ऑफ़ चैरिटी के वडोदरा में संचालित एक शेल्टर होम के ख़िलाफ़ यह मामला दर्ज किया गया है. हालांकि, संगठन ने धर्मांतरण के आरोपों से इनकार किया है. आरोप है कि संगठन के शेल्टर होम में रह रहीं लड़कियों को ईसाई धर्म के ग्रंथों को पढ़ने और इसकी प्रार्थनाओं में भाग लेने को मजबूर किया जा रहा था.
द कारवां की रिपोर्ट में विभिन्न राज्यों के लोगों के हवाले से दावा किया गया है कि 17 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन के रोज़ कई लोगों को कोविड टीकाकरण प्रमाणपत्र मिला, जबकि उन्हें टीका पहले लगा था. कई लोगों को टीके की दूसरी खुराक लेने का प्रमाणपत्र मिला जबकि उन्होंने दूसरी डोज़ ली ही नहीं थी.