सावरकर पर हमारी चर्चाओं को अतीत में अटके न रहकर वर्तमान में आगे बढ़ना होगा

'माफ़ीवीर' कहकर सावरकर की खिल्ली उड़ाने की जगह सावरकरवाद के आशय पर बात करना हमारे लिए आवश्यक है. अगर वह कामयाब हुआ तो हम सब चुनाव के ज़रिये राजा चुनते रहेंगे और आज्ञाकारी प्रजा की तरह उसका हर आदेश मानना होगा.

बिखराव के बीज बोते हुए सद्भाव का खेल खेलते रहने में संघ को महारत हासिल है

संघ की स्वतंत्रतापूर्व भूमिकाओं की याद दिलाते रहना पर्याप्त नहीं है- उसके उन कृत्यों की पोल खोलना भी ज़रूरी है, जो उसने तथाकथित प्राचीन हिंदू गौरव के नाम पर आज़ादी के साझा संघर्ष से अर्जित और संविधान द्वारा अंगीकृत समता, बहुलता व बंधुत्व के मूल्यों को अपने कुटिल मंसूबे से बदलने के लिए बीते 75 वर्षों में किए हैं.

आरएसएस आज चाहे जो भी कहे, सच यही है कि संघ देश की आज़ादी की लड़ाई का हिस्सा नहीं था

स्वतंत्रता संग्राम के समय मुस्लिम लीग और हिंदू महासभा दोनों ही कांग्रेस को अपने मुख्य दुश्मन के तौर पर देखते थे और अंग्रेज़ों के साथ दोस्ती करने के लिए तैयार थे- वे साथ ही साथ राष्ट्रवादी होने का दावा भी करते थे. हालांकि, एक मुस्लिम राष्ट्रवाद को आगे बढ़ा रहा था और दूसरा हिंदू राष्ट्रवाद को.

कर्नाटक: सावरकर का महिमामंडन करने वाली कक्षा 8 की पाठ्य-पुस्तक के एक खंड को लेकर विवाद

कर्नाटक में कक्षा 8वीं की कन्नड़ पाठ्य-पुस्तक के एक खंड में वीडी सावरकर का महिमामंडन करते हुए लिखा गया है कि वे जेल के जिस कमरे में बंद थे, वहां एक छोटा सा भी छेद नहीं था, लेकिन कहीं से एक बुलबुल आ जाती थी, जिसके पंखों पर सवार होकर सावरकर हर दिन अपनी मातृभूमि का दौरा करने जाते थे.

केरल: स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में छात्र के सावरकर की तरह पोशाक पहनकर आने पर विवाद

मलप्पुरम ज़िले के एक सरकारी स्कूल में स्वतंत्रता दिवस के कार्यक्रम में एक छात्र द्वारा कथित तौर पर वीडी सावरकर की वेशभूषा में भाग लेने पर इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग और युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने विरोध मार्च निकाला और बच्चे को सावरकर की वेशभूषा में तैयार करने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की.

कर्नाटक: शिवमोगा में सावरकर का फ्लेक्स लगाने पर झड़प के बाद निषेधाज्ञा लागू, चार गिरफ़्तार

शिवमोगा ज़िले में स्वतंत्रता दिवस के मौक़े पर एक समूह द्वारा एक चौराहे पर हिंदुत्व नेता वीडी सावरकर का फ्लेक्स लगाने पर दूसरे समूह ने आपत्ति जताई. ये समूह टीपू सुल्तान का फ्लेक्स लगाना चाहता था, जिसे लेकर दोनों गुटों में झड़प हुई. पुलिस ने बताया कि क्षेत्र में अतिरिक्त बल तैनात है और शहर में निषेधाज्ञा लगाई गई है.

सावरकर गोडसे के गुरु थे, उन्हें गांधी की हत्या के दोष से मुक्त नहीं माना जा सकता: धीरेंद्र झा

वीडियो: बीते दिनों गांधी स्मृति और दर्शन समिति की हिंदी में प्रकाशित होने वाली मासिक पत्रिका ‘अंतिम जन’ ने हिंदुत्व नेता वीडी सावरकर पर विशेषांक प्रकाशित किया था, जिसकी गांधीवादियों ने आलोचना की थी. इस बारे में लेखक और वरिष्ठ पत्रकार धीरेंद्र झा से अजॉय आशीर्वाद की बातचीत.

गांधी मेमोरियल की पत्रिका ने निकाला विनायक दामोदर सावरकर पर विशेषांक

गांधी स्मृति और दर्शन समिति की हिंदी में प्रकाशित होने वाली मासिक पत्रिका 'अंतिम जन' के हिंदुत्व नेता वीडी सावरकर पर निकाले गए विशेषांक की गांधीवादियों ने आलोचना की है. महात्मा गांधी के परपौत्र तुषार गांधी का कहना है कि यह गांधीवादी विचारधारा को भ्रष्ट करने की सुनियोजित रणनीति है.

हरियाणा: 9वीं की किताब में बंटवारे के लिए कांग्रेस को ज़िम्मेदार बताया, संघ-सावरकर की तारीफ़

हरियाणा के माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा तैयार कक्षा 9 की इतिहास की एक नई किताब में विभाजन के लिए कांग्रेस को दोषी बताते हुए आरएसएस और इसके संस्थापकों के ‘सांस्कृतिक राष्ट्रवाद’ को सराहा गया है. पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुडा का कहना है कि यह भाजपा द्वारा शिक्षा के ‘राजनीतिकरण’ का स्पष्ट प्रयास है.

हिंदुस्तानियों की मां का दर्जा पाने वाली कस्तूरबा के निधन को किस तरह याद किया जाना चाहिए

प्रासंगिक: भारत छोड़ो आंदोलन में सहभागिता के चलते गिरफ़्तार की गईं कस्तूरबा ने हिरासत में दो बार हृदयाघात झेला और कई माह बिस्तर पर पड़े रहने के बाद 22 फरवरी 1944 को उनका निधन हो गया. सुभाष चंद्र बोस ने इस ‘निर्मम हत्या के लिए’ ब्रिटिश सरकार को ज़िम्मेदार ठहराते हुए कहा था कि ‘कस्तूरबा एक शहीद की मौत मरी हैं.’

क्या सावरकर ने वे सच छिपाए थे, जो ये किताब बता रही है?

वीडियो: हाल ही में राजकमल प्रकाशन से अशोक कुमार पांडेय की किताब ‘सावरकर: काला पानी और उसके बाद’ प्रकाशित होकर आई है. इस किताब में कई ऐसी सच्चाइयों को बयान किया गया है, जिसका उल्लेख कम ही किया जाता है. लेखक का कहना है कि किसी के बारे में जानने के लिए यह नहीं पढ़ना चाहिए कि दूसरों ने उन पर क्या लिखा है, बल्कि वह पढ़ा जाना चाहिए, जो उन्होंने ख़ुद लिखा है. इससे उनके मूल विचारों का पता

गांधी के कहने पर सावरकर का दया याचिका दायर करने का रक्षा मंत्री का दावा बेतुका: राजमोहन गांधी

वरिष्ठ पत्रकार करण थापर से बात करते हुए महात्मा गांधी के पौत्र और प्रोफेसर राजमोहन गांधी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के गांधी की सलाह पर वीडी सावरकर के माफ़ीनामे लिखने के दावे का खंडन किया और इसे हास्यास्पद बताया.

राजनाथ सिंह झूठ क्यों बोले?

अगर राजनाथ सिंह को झूठ ही सही, सावरकर के माफ़ीनामे को स्वीकार्य बनाने के लिए गांधी की छतरी लेनी पड़ी तो यह एक और बार सावरकर पर गांधी की नैतिक विजय है. नैतिक पैमाना गांधी ही रहेंगे, उसी पर कसकर सबको देखा जाएगा. जब-जब भारत भटकता है, दुनिया के दूसरे देश और नेता हमें गांधी की याद दिलाते हैं. 

मोदी सरकार और सावरकर का सच…

सेल्युलर जेल के सामने बने शहीद उद्यान में वीडी सावरकर की मूर्ति और संसद दीर्घा में उनका तैल चित्र लगाकर भाजपा सरकार ने उनकी गद्दारी के प्रति जनता की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश की है.

झूठ के सहारे सावरकर का महिमामंडन क्यों?

वीडियो: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि एक ख़ास वर्ग विनायक दामोदर सावरकर की दया याचिका को ग़लत तरीके से प्रचारित कर रहा है. उन्होंने दावा किया कि सावरकर ने जेल में अपनी सज़ा काटते हुए महात्मा गांधी के कहने पर अंग्रेज़ों के सामने दया याचिका दायर की थी.