भारतीय उपमहाद्वीप में हर दूसरे रोज़ आहत हो रही भावनाओं पर बात करने का हक़ किसे है?

पाकिस्तान से लेकर बांग्लादेश तक भारतीय उपमहाद्वीप में आए दिन किसी न किसी की आहत भावनाओं की बात होती रहती है और उसकी स्वाभाविक प्रतिकिया के तौर पर उत्पाती समूहों द्वारा इसका बदला लेने के लिए की गई हिंसा की ख़बर आती रहती है, लेकिन सवाल है कि आख़िर किसकी भावनाएं आहत होती हैं?

भिवानी हत्याकांड: राजस्थान पुलिस ने मोनू मानेसर और 20 अन्य लोगों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की

राजस्थान के जुनैद और नासिर 15 फरवरी को भरतपुर से लापता हो गए थे. अगले दिन उनके जले हुए शव हरियाणा के भिवानी ज़िले में मिले थे. परिवार ने बजरंग दल के सदस्यों पर हत्या का आरोप लगाया था, जिनमें बजरंग दल सदस्य और हरियाणा सरकार की गोरक्षा टास्क फोर्स के सदस्य मोनू मानेसर भी शामिल थे.

कनाडा में असली ख़ालिस्तानी कुछ ही हैं, भारत को उन्हें नज़रअंदाज़ करना चाहिए: कनाडा के पूर्व मंत्री

ऑडियो: कनाडा के स्वास्थ्य मंत्री रहे उज्जल दोसांझ ने द वायर से बातचीत में उनके राजनीति में उतरने की परिस्थितियों के बारे में बताया. उन्होंने यह भी जोड़ा कि सिख समुदाय में बढ़ते कट्टरपंथ की तरफ ध्यान आकर्षित करने के लिए उन्हें हिंसा का सामना करना पड़ा.

महाराष्ट्र: सोशल मीडिया पर धार्मिक पोस्ट को लेकर अकोला में हुई हिंसा के दौरान एक व्यक्ति की मौत

पुलिस बताया कि अकोला में पुराने शहर के संवेदनशील इलाके में शनिवार रात हुई हिंसा के संबंध में 26 लोगों को हिरासत में लिया गया है. घटना में दो पुलिसकर्मियों समेत आठ लोगों के घायल होने की सूचना है. शहर के चार थाना क्षेत्रों में धारा 144 लागू किया गया है.

मणिपुर में हिंसा के बीच दो दिन में 13 लोगों की मौत

मणिपुर का बहुसंख्यक मेईतेई समुदाय ख़ुद को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग कर रहा है, जिसका आदिवासी समुदाय विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि इससे उनके संवैधानिक अधिकार प्रभावित होंगे. बीते 3 मई को मेईतेई समुदाय की मांग के विरोध में एक आदिवासी छात्र संगठन द्वारा निकाले गए मार्च के दौरान राज्य में हिंसा भड़क गई थी.

मणिपुर: विरोध मार्च के दौरान हिंसा के बाद कर्फ्यू लगा, मोबाइल इंटरनेट सेवाएं निलंबित

मणिपुर में बहुसंख्यक मेईतेई समुदाय के एक वर्ग द्वारा खुद को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग का विरोध करने के लिए एक आदिवासी छात्र संगठन द्वारा आयोजित एकजुटता मार्च के बाद चुराचांदपुर ज़िले समेत राज्य के कई हिस्सों में तनाव फैल गया. जानकारी के अनुसार, कम से कम 23 घरों को जला दिया गया और 19 लोग घायल हैं.

न्यू इंडिया में सामाजिक दरारें चौड़ी होती जा रही हैं

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: इस समय भारतीय समाज में कई भीषण और गहरी दरारें पड़ चुकी हैं- जो पहले से थीं उन्हें और चौड़ा किया जा रहा है. सत्तारूढ़ राजनीति खुल्लमखुल्ला अभद्रता, गाली-गलौज, कीचड़फेंकू वृत्ति आदि से राजनीति, व्यापक ज़रूरी मुद्दों पर बहस को लगभग असंभव बना रही है.

अब हिंदुओं की फ़िक्र करने का वक़्त है

सामूहिक हिंसा या घृणा के अलावा बिना किसी संगठन के भी ढेरों हिंदुओं में दूसरों के प्रति घृणा ज़ाहिर करने का लोभ अश्लीलता के स्तर तक पहुंच गया है. इन हिंदुओं के बीच ऐसे ‘कुशल’ वक्ताओं की संख्या बढ़ रही है जो खुलेआम हिंसा का प्रचार करते हैं. वक्ताओं के साथ उनके श्रोताओं की संख्या भी बढ़ती जा रही है.

ओडिशा: हनुमान जयंती पर भड़की हिंसा के बाद संबलपुर में कर्फ्यू और इंटरनेट बंद

ओडिशा के संभलपुर में हिंसा बीते 12 अप्रैल को हनुमान जयंती समन्वय समिति द्वारा निकाली गई एक मोटरसाइकिल रैली के बाद शुरू हुई थी. 14 अप्रैल को हनुमान जयंती का जुलूस शांतिपूर्ण तरीके से निकालने के लिए पुलिस ने इंतज़ाम किए थे, फिर भी हिंसा भड़क गई थी.

बंगाल पुलिस की रिपोर्ट कहती है कि रामनवमी हिंसा पूर्व नियोजित थी: कलकत्ता हाईकोर्ट

30 मार्च को हावड़ा जिले में रामनवमी के जुलूस के दौरान कथित पथराव के बाद हुई हिंसा में 10 लोग घायल हो गए थे. इसके अगले तीन दिनों में हिंसा उत्तरी दिनाजपुर और हुगली ज़िलों में फैल गई, जहां आठ लोग घायल हुए थे. भाजपा ने एक याचिका दायर कर हिंसा की घटनाओं की जांच एनआईए से करवाने की मांग की है.

नेपाल में रामनवमी की रैलियों में ‘पहली बार’ सांप्रदायिक तनाव देखा गया: रिपोर्ट

बीबीसी हिंदी की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि नेपाल के जनकपुर में भगवाधारी लोगों ने एक स्थानीय मस्जिद के पास ‘हंगामा’ किया, जो एक मंदिर के पास स्थित है. रैली विश्व हिंदू परिषद द्वारा निकाली गई थी. बीरगंज में भी सांप्रदायिक तनाव देखा गया.

उर्दू शायरी उम्मीद की शायरी है…

कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: उर्दू कविता, अपने हासिल की वजह से भारतीय कविता का बेहद ज़रूरी और मूल्यवान हिस्सा रही है. वह इस तरह हिंदुस्तान का ज़िंदगीनामा है जिसने कभी राजनीति और अध्यात्म के पाखंड को पकड़ने में चूक नहीं की है. उसमें समय के प्रति जागरूकता है, तो उसका अतिक्रमण भी.

‘राजनीति में भक्ति या नायक पूजा पतन और अंतत: तानाशाही का सीधा रास्ता है’

डॉ. आंबेडकर ने संविधान के पहले मसौदे को संविधान सभा में पेश करते हुए कहा था कि 'नवजात प्रजातंत्र के लिए संभव है कि वह आवरण प्रजातंत्र का बनाए रखे, परंतु वास्तव में तानाशाही हो जाए.' जब मोदी की चुनावी जीत को लोकतंत्र, उनसे सवाल या मतभेद रखने वालों को लोकतंत्र का दुश्मन बताया जाता है, तब डॉ. आंबेडकर की चेतावनी सही साबित होती लगती है.

अमेरिका में भेदभाव विरोधी क़ानून में जाति को जोड़ने पर सिर्फ़ हिंदू ख़फ़ा क्यों हैं?

भले ही शास्त्रीय मान्यता न हो, व्यवहार में जातिगत भेद भारत के हर धार्मिक समुदाय की सच्चाई है. अमेरिका जाने वाले सिर्फ़ हिंदू नहीं, अन्य धर्मों के लोग भी हैं. अमेरिका के सिएटल में लागू जातिगत भेदभाव संबंधी क़ानून सब पर लागू होगा, सिर्फ़ हिंदुओं पर नहीं. फिर हिंदू ही क्यों क्षुब्ध हैं?

जुनैद-नासिर की हत्या के विरोध के बाद हरियाणा सरकार ने नूंह ज़िले में इंटरनेट बंद किया

हरियाणा सरकार ने जुनैद और नासिर के लिए न्याय की मांग को लेकर फ़िरोज़पुर झिरका इलाके में विरोध प्रदर्शन के दो दिन बाद रविवार को नूंह ज़िले में वॉयस कॉल को छोड़कर मोबाइल इंटरनेट, एसएमएस सेवाओं और डोंगल आधारित सभी इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया. गोतस्करी के आरोप में दोनों मुस्लिम युवकों को ज़िंदा जला दिया गया था.

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