वीडियो: हरियाणा के भिवानी ज़िले में गोतस्करी के आरोप ज़िंदा जलाकर मार दिए राजस्थान के भरतपुर ज़िले के रहने वाले जुनैद और नासिर की हत्या के विरोध में फ़िरोज़पुर झिरका में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया.
भाजपा सरकार और हिंसक समूह अब अलग नहीं हैं. मोनू मानेसर ही सरकार है. यह ज़रूर है कि आरएसएस इस हिंसा को हर जगह संचालित नहीं करता, न ही भाजपा करती है. नरसिंहानंद हो या प्रमोद मुतालिक, उनके नियंत्रण से बाहर हैं. लेकिन उनकी हिंसा हमेशा आरएसएस और भाजपा को फ़ायदा पहुंचाती है.
वीडियो: पाकिस्तान में ईशनिंदा के आरोपी एक व्यक्ति को बीते दिनों भीड़ ने पीट-पीटकर मार दिया. वहां ईशनिंदा क़ानून विधायिका ने नहीं बनाया है. ब्रिटिश शासन से विरासत में मिले इस क़ानून में जनरल जिया उल हक़ सरकार ने संशोधन किए थे. क्या है यह क़ानून और इसका इतिहास, बता रहे हैं ज़ीशान कास्कर.
बीते दिनों हुई पुलिस महानिदेशकों, महानिरीक्षकों की बैठक में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री भी शामिल थे. यहां राज्यों के सबसे बड़े पुलिस अधिकारी चेतावनी दे रहे थे कि हिंदुत्ववादी रैडिकल संगठन देश के लिए ख़तरा बन गए हैं. हालांकि, यह ख़बर बाहर आते ही सम्मेलन की वेबसाइट से यह रिपोर्ट हटा दी गई.
एक जनवरी, 2018 को पुणे के बाहरी इलाके भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा की जांच के लिए यह आयोग गठित किया गया था, जिसे अब तक कई विस्तार मिल चुके हैं. दो सदस्यीय जांच आयोग 31 दिसंबर, 2022 तक वैध था. अब आयोग को अपनी रिपोर्ट जमा करने के लिए 31 मार्च, 2023 तक का समय दिया गया है.
बेबाक कलेक्टिव द्वारा जारी हालिया रिपोर्ट में देश में पिछले कुछ वर्षों में सांप्रदायिक ध्रुवीकरण और घृणा अपराधों में वृद्धि के कारण मुस्लिम समुदाय के सामने खड़ी हुई सामाजिक, भावनात्मक और वित्तीय मुश्किलों को शामिल किया गया है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के मसौदा प्रस्ताव में म्यांमार में तत्काल हिंसा खत्म करने और देश की प्रमुख नेता आंग सान सू ची समेत अन्य राजनीतिक क़ैदियों को रिहा करने का अनुरोध किया गया है. भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि भारत का मानना है कि म्यांमार की जटिल स्थिति के संबंध में शांत और धैर्यपूर्ण कूटनीति का दृष्टिकोण अपनाने की ज़रूरत है.
छात्रों ने आरोप लगाया कि सुरक्षा गार्डों ने पहले उन पर लाठीचार्ज किया और गोलियां चलाईं, जिससे हिंसा हुई. वहीं, विश्वविद्यालय प्रशासन ने कहा कि कुछ उपद्रवी तत्वों द्वारा विश्वविद्यालय गेट का ताला तोड़ने की कोशिश की गई और रोकने पर सुरक्षाकर्मियों से बदसलूकी और मारपीट की गई.
कभी-कभार | अशोक वाजपेयी: आम तौर पर मध्यवर्ग में प्रवेश ज्ञान के आधार पर होता आया है पर यही वर्ग इस समय ज्ञान के अवमूल्यन में हिस्सेदार है. एक ओर तो वह अपनी मातृभाषा से लगातार विश्वासघात कर रहा है, दूसरी ओर हिंदी को हिंदुत्व की, यानी भेदभाव और नफ़रत फैलाने वाली विचारधारा की राजभाषा बनाने पर तुला है.
कुकी-चिन-मिज़ो समुदाय के लोग बांग्लादेशी सेना और एक जातीय विद्रोही समूह कुकी-चिन नेशनल आर्मी के बीच सशस्त्र संघर्ष के बाद अपने घर छोड़कर मिज़ोरम आ रहे हैं. मिज़ोरम पहले से ही म्यांमार के 30,000 से अधिक शरणार्थियों को शरण दे रहा है.
असम पुलिस ने एक परामर्श जारी कर लोगों से 22 नवंबर को हुई हिंसा के बाद पड़ोसी राज्य मेघालय की यात्रा करने से बचने की सलाह दी थी. बीते 22 नवंबर को कथित तौर पर अवैध लकड़ी ले जा रहे एक ट्रक को असम के वनकर्मियों द्वारा रोकने के बाद असम-मेघालय सीमा पर मुकरोह गांव में भड़की हिंसा में एक वनकर्मी सहित छह लोगों की मौत हो गई थी.
बीते 22 नवंबर को असम-मेघालय सीमा पर मुकरोह गांव में भड़की हिंसा में एक वनकर्मी सहित छह लोगों की मौत की घटना के बाद से रविवार को लगातार छठे दिन यात्रा पाबंदी होने के साथ ही दोनों राज्यों की सीमा पर विवादित इलाके में भारी सुरक्षा बल तैनात है और निषेधाज्ञा आदेश अब भी लागू है.
असम ने लोगों के मेघालय जाने पर ‘पाबंदी’ जारी रखी. मेघालय ने सात प्रभावित ज़िलों में इंटरनेट पर रोक शनिवार को 48 घंटे के लिए बढ़ा दी. कथित तौर पर अवैध लकड़ी ले जा रहे एक ट्रक को 22 नवंबर को तड़के असम के वनकर्मियों द्वारा रोकने के बाद असम-मेघालय सीमा पर मुकरोह गांव में भड़की हिंसा में एक वनकर्मी सहित छह लोगों की मौत हो गई थी.
असम-मेघालय सीमा पर पश्चिम कार्बी आंगलोग ज़िले में कथित तौर पर अवैध लकड़ी ले जा रहे एक ट्रक को 22 नवंबर को असम के वनकर्मियों द्वारा रोकने के बाद भड़की हिंसा में एक वनकर्मी सहित छह लोगों की मौत हो गई थी. असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि राज्य पुलिस को गोलियां चलाने की कोई ज़रूरत नहीं थी.
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने 25 नवंबर को ‘महिलाओं के ख़िलाफ़ हिंसा का उन्मूलन’ संबंधी अंतरराष्ट्रीय दिवस से पहले कहा कि महिलाओं के साथ हिंसा दुनिया में सबसे बड़ा मानवाधिकार उल्लंघन है और सरकारों को इससे निपटने के लिए नेशनल एक्शन प्लान लागू करना चाहिए.