मैरिटल रेप पर हाईकोर्ट के खंडित आदेश के ख़िलाफ़ शीर्ष अदालत में याचिका दायर

दिल्ली हाईकोर्ट द्वारा वैवाहिक बलात्कार को अपराध घोषित करने के मामले में खंडित फ़ैसला देने के बाद एक याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट का रुख़ किया है. 11 मई को हाईकोर्ट की पीठ के एक जज ने आईपीसी की धारा 375 (बलात्कार) के तहत दिए गए अपवाद के प्रावधान को समाप्त करने का समर्थन किया, जबकि दूसरे न्यायाधीश ने कहा था कि यह अपवाद असंवैधानिक नहीं है.

मैरिटल रेप को अपराध घोषित करने के मामले में हाईकोर्ट ने खंडित निर्णय दिया

दिल्ली हाईकोर्ट की एक पीठ ने वैवाहिक बलात्कार को अपराध घोषित करने के मामले में खंडित फ़ैसला दिया, जहां एक जज ने आईपीसी की धारा 375 (बलात्कार) के तहत दिए गए अपवाद के प्रावधान को समाप्त करने का समर्थन किया, जबकि दूसरे न्यायाधीश ने कहा कि यह असंवैधानिक नहीं है. कार्यकर्ताओं ने इस निर्णय पर निराशा ज़ाहिर की है.

महादेवी वर्मा: तू न अपनी छांह को अपने लिए कारा बनाना…

जन्मदिन विशेष: महादेवी वर्मा जीवन भर व्यवस्था और समाज के स्थापित मानदंडों से लगातार संघर्ष करती रहीं और इसी संघर्ष ने उन्हें अपने समय और समाज की मुख्यधारा में सिर झुकाकर भेड़ों की तरह चुपचाप चलने वाली नियति से बचाकर एक मिसाल के रूप में स्थापित कर दिया.

बलात्कार बलात्कार ही होता है, भले ही करने वाला पुरुष पति ही क्यों न हो: हाईकोर्ट

पत्नी द्वारा लगाए गए बलात्कार के आरोप पर दायर चार्जशीट के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 375 के तहत मिले अपवाद का हवाला देते हुए कर्नाटक हाईकोर्ट पहुंचे एक शख़्स को कोर्ट ने राहत देने से इनकार करते हुए कहा कि क़ानून से मिली कोई भी छूट इतनी असीमित नहीं हो सकती कि यह अपराध करने का लाइसेंस बन जाए.

महिलाएं पितृसत्तात्मक मानसिकता के अधीन हैं, जो उन्हें देखभाल करने वाली, गृहिणी मानती है: कोर्ट

शीर्ष अदालत ने कहा कि सरकार को वास्तविक समानता हासिल करने का सही उद्देश्य कार्यस्थल पर महिलाओं के साथ होने वाले लगातार भेदभाव के पैटर्न को पहचानकर पूरा करना चाहिए.

मैरिटल रेप: उच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार को राय देने के लिए और समय देने से इनकार किया

दिल्ली हाईकोर्ट बलात्कार क़ानून के तहत पतियों को दी गई छूट को ख़त्म करने के अनुरोध वाली याचिकाएं सुन रहा है. सात फरवरी को इस संबंध में अपना रुख़ स्पष्ट करने के लिए केंद्र को दो हफ्ते का समय दिया गया था. अब और समय मांगे जाने के अनुरोध को अस्वीकार करते हुए कोर्ट ने अपना निर्णय सुरक्षित रख लिया है.

मैरिटल रेप: अधिवक्ता रेबेका जॉन ने कहा- आईपीसी की धारा 375 में मिले अपवाद में ‘सहमति’ की शर्त निहित

दिल्ली हाईकोर्ट वर्तमान में मैरिटल रेप को अपराध क़रार देने के अनुरोध की याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है. याचिकाकर्ताओं ने आईपीसी की धारा 375 की संवैधानिकता को यह कहते हुए चुनौती दी है कि यह विवाहित महिलाओं के साथ उनके पतियों द्वारा किए गए यौन उत्पीड़न के मामले में भेदभाव करती है.

केंद्र ने हाईकोर्ट द्वारा मैरिटल रेप के अपराधीकरण पर रुख़ स्पष्ट करने के लिए और समय मांगा

दिल्ली हाईकोर्ट उन याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें उन्होंने मैरिटल रेप को अपराध क़रार देने का अनुरोध किया गया है. सोमवार की सुनवाई में खंडपीठ का नेतृत्व कर रहे जस्टिस राजीव शकधर ने कहा कि केंद्र को ‘हां या नहीं’ में जवाब देना होगा, क्योंकि ऐसे मामलों में विचार-विमर्श कभी समाप्त नहीं होता है.

विवाहिता हो या नहीं, हर महिला को असहमति से बनाए जाने वाले यौन संबंध को न कहने का हक़: कोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट कई ग़ैर-सरकारी संगठनों की उस याचिका पर सुनवाई कर रहा है, जिसमें उन्होंने मैरिटल रेप को अपराध क़रार देने का अनुरोध किया है. याचिकाकर्ताओं ने आईपीसी की धारा 375 की संवैधानिकता को यह कहते हुए चुनौती दी है कि यह विवाहित महिलाओं के साथ उनके पतियों द्वारा किए गए यौन उत्पीड़न के मामले में भेदभाव करती है.

कमला भसीन: सरहद पर बनी दीवार नहीं, उस दीवार पर पड़ी दरार…

स्मृति शेष: प्रख्यात नारीवादी कमला भसीन अपनी शैली की सादगी और स्पष्टवादिता से किसी मसले के मर्म तक पहुंच पाने में कामयाब हो जाती थीं. उन्होंने सहज तरीके से शिक्षाविदों और नारीवादियों का जिस स्तर का सम्मान अर्जित किया, वह कार्यकर्ताओं के लिए आम नहीं है. उनके लिए वे एक आइकॉन थीं, स्त्रीवाद को एक नए नज़रिये से बरतने की एक कसौटी थीं.

नहीं रहीं प्रख्यात महिला अधिकार कार्यकर्ता और लेखक कमला भसीन

भारत और दक्षिण एशियाई क्षेत्र में नारीवादी आंदोलन की प्रमुख आवाज़ रहीं 75 वर्षीय कमला भसीन का शनिवार तड़के निधन हो गया. वे लैंगिक समानता, शिक्षा, ग़रीबी-उन्मूलन, मानवाधिकार और दक्षिण एशिया में शांति जैसे मुद्दों पर 1970 से लगातार सक्रिय थीं.

औरतों पर पाबंदियों के लिए तालिबान जिस ‘इस्लाम’ का हवाला देता है, क्या वो असल में ऐसा कहता है

इस्लाम के तमाम विचारक मानते हैं कि ज़माने और समाज में होने वाले बदलावों के साथ शरीयत के क़ानून में भी मुनासिब और ज़रूरी तब्दीलियां होती रहें और वो अपने आस-पास के हालात से भी प्रभावित होते रहें. हालांकि तालिबान ने इस्लाम और शरीयत के नाम पर उनकी सहूलियत के हिसाब से नए अर्थ निकाल लिए हैं.

रशीद जहां: उर्दू अदब की बाग़ी आवाज़…

जन्मदिन विशेष: 20वीं सदी में भारतीय नारीवाद के शैशवकाल में रशीद जहां न केवल स्त्रियों के विषय में विचार कर सकने वाली उभरती आवाज़ बनीं, बल्कि आने वाले समय के नारीवादी साहित्य के लिए उन्होंने ब्लूप्रिंट तैयार किया. उनका जीवन संक्षिप्त था, रचनाएं कम हैं, पर उनका प्रभाव युगांतरकारी है.

महिलाओं के लिए सर्वाधिक सम्मान, रेप आरोपी से पीड़िता से शादी करने को नहीं कहा था: सीजेआई बोबडे

बीते दिनों मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे द्वारा एक बलात्कार के आरोपी से पूछा गया था कि क्या वह पीड़िता से विवाह करना चाहता है. इसे लेकर काफी आलोचना हुई थी और महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने उनके इस्तीफ़े की भी मांग की थी. अब सीजेआई बोबडे ने कहा है कि अदालत ने ऐसा आदेश नहीं दिया था, बस पूछा था.

रेप के आरोपी से शादी के बयान पर नारीवादियों व महिला समूहों ने सीजेआई का इस्तीफ़ा मांगा

चार हज़ार से अधिक महिला अधिकार कार्यकर्ताओं, प्रगतिशील समूहों और नागरिकों ने सीजेआई एसए बोबडे से पद छोड़ने की मांग करते हुए कहा कि उनके शब्द अदालत की गरिमा पर दाग़ लगा रहे हैं और उस चुप्पी को बढ़ावा दे रहे हैं जिसे तोड़ने के लिए महिलाओं ने कई दशकों तक संघर्ष किया है.