लोकतंत्र और आज़ादी के असल मायने आदिवासी समाज से सीखने होंगे

विश्व आदिवासी दिवस: आदिवासियों की अपनी बोलचाल की भाषा और आम चर्चा में लोकतंत्र या आज़ादी शब्द का कोई स्थान नहीं है. किसी आदिवासी से इन शब्दों के बारे में पूछें तो वो शायद चुप रहे, लेकिन इसके असली मायने का एहसास उन्हें स्वाभाविक रूप से है.

वन भूमि से आदिवासियों को बेदखल करने पर सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को फटकारा

लगभग 11.8 लाख आदिवासियों और वनवासियों को वन भूमि से बेदखल करने के मामले की सुनवाई करते समय सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नौ राज्यों ने आदिवासियों के दावे ख़ारिज करते समय तय प्रक्रिया का पालन नहीं किया है.

देश की अखंडता ब्रह्मचर्य-सी पवित्र है, इधर-उधर सोचने भर से भंग होने का ख़तरा रहता है

मैं प्रधानमंत्री के समर्थन में पत्र लिखने वाले 62 दिग्गजों का दिल से शुक्रिया अदा करना चाहूंगा. ये अगर चाहते तो देश की छवि खराब करने वाले उन 49 लोगों की लिंचिंग भी कर सकते थे. मगर उन्होंने ऐसा नहीं किया, बजाय इसके चिट्ठी लिखकर उन्होंने देश के बाकी लट्ठधारी राष्ट्रवादियों के सामने बहुत बड़ा आदर्श पेश किया है.

कब तक भूख और गोली से मारे जाएंगे आदिवासी?

सोनभद्र में किसी ने उन आदिवासियों की भुखमरी के हालात की तह में जाने की कोशिश तक नहीं की, यह सवाल नहीं पूछा कि मौत का ख़तरा होते हुए भी वे इस अनउपजाऊ क्षेत्र में ज़मीन से क्यों चिपके हुए थे?

क्यों झारखंड के आदिवासी किसानों को अपना खेत और घर खोने का डर सता रहा है?

ग्राउंड रिपोर्ट: सूखे की मार झेल रहे हैं झारखंड के चतरा ज़िले के किसानों पर वन विभाग की सख़्ती ने उनकी चुनौतियों को और बढ़ा दिया है. बीते एक साल में चतरा के हज़ारों किसानों की ज़मीन और खेत को वन विभाग ने वनभूमि बताकर उन्हें वहां से बेदख़ल कर दिया है.

दलित युवक से प्रेम संबंध पर आदिवासी युवती से मारपीट, सात के ख़िलाफ़ मामला दर्ज

घटना मध्य प्रदेश के धार ज़िले के आदिवासी बहुल बाग थाना क्षेत्र की है, जहां 21 वर्षीय आदिवासी युवती के दलित युवक के साथ संबंध से नाराज़ परिजनों द्वारा उसे लाठियों से पीटे जाने का वीडियो सामने आया था. पुलिस ने मामले में चार लोगों को गिरफ़्तार किया है.

गुजरात: 3000 करोड़ की लागत से बने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की दर्शक दीर्घा में पानी घुसा

गुजरात के नर्मदा जिले के केवड़िया में 182 मीटर ऊंची सरदार पटेल की स्टैच्यू ऑफ यूनिटी दुनिया में अपनी तरह की सबसे ऊंची प्रतिमा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल 31 अक्टूबर को उसका उद्घाटन किया था.

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में आदिवासी क्यों प्रदर्शन कर रहे हैं?

ग्राउंड रिपोर्ट: छत्तीसगढ़ में दंतेवाड़ा ज़िले के किरंदुल क्षेत्र के तहत बैलाडीला की एक पहाड़ी को बचाने के लिए तकरीबन 20 हज़ार आदिवासी पिछले चार-पांच दिनों से प्रदर्शन कर रह हैं. सरकार ने इस पहाड़ी को लौह अयस्क के खनन के लिए अडाणी समूह को दे दिया है.

छत्तीसगढ़: बैलाडीला की पहाड़ी पर खनन का विरोध कर रहे आदिवासी, पहाड़ी अडाणी को देने का आरोप

छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा ज़िले के किरंदुल क्षेत्र के अंतर्गत बैलाडीला की एक पहाड़ी पर लौह अयस्क का भंडार है. आदिवासियों ने दावा किया कि राष्ट्रीय खनिज विकास निगम ने इस पहाड़ी को अडानी समूह को सौंप दिया है.

अबूझमाड़ में ‘एनकाउंटर’ में मारे गए 10 आदिवासी और कुछ तथ्य

7 फरवरी को अबूझमाड़ के ताड़बल्ला में हुए एक कथित एनकाउंटर को ग्रामीण एक सुनियोजित हमला बता रहे हैं. उन्होंने मारे गए 10 युवाओं के शवों के क्षत-विक्षत होने और मृतक लड़कियों के साथ संभावित यौन शोषण की बात कही है.

झारखंड: बीफ़ खाने के अधिकार पर कथित पोस्ट लिखने वाले आदिवासी प्रोफेसर गिरफ़्तार

आदिवासी प्रोफेसर जीतराई हांसदा के वकील ने कहा कि उनके ख़िलाफ़ जून, 2017 में मामला दर्ज किया गया था. वकील ने आशंका जताई कि यह गिरफ़्तारी जानबूझकर चुनावों के बाद की गई है. चुनाव से पहले गिरफ़्तारी करके भाजपा आदिवासियों को नाराज़ करके चुनावों में उनका वोट गंवाना नहीं चाहती थी.

क्यों पश्चिम बंगाल के जंगलमहल में राष्ट्रवाद से बड़ा चुनावी मुद्दा शिक्षा है

सड़क से संसद: तमाम सरकारों का मानना है कि नक्सलियों को सेना से नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन पश्चिम बंगाल के झारग्राम के जंगलमहल ने इसे गलत साबित किया है. यहां शिक्षा सभी चुनावी मुद्दों पर भारी है.

बड़े दलों ने संथा​ली लोगों पर ध्यान नहीं दिया: संथाली सिनेमा की सुपरस्टार बीरबाहा हंसदा

सड़क से संसद: पश्चिम बंगाल के झारग्राम में संथाली सिनेमा की सुपरस्टार रहीं ​बीरबाहा हंसदा से बातचीत. बीरबाहा अब राजनीति में हैं. उनका कहना है कि बड़े राजनीतिक दल संथाली लोगों के अलावा दूसरे आदिवासी समूहों और उनके मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया.

पश्चिम बंगाल: झारग्राम में आदिवासियों की आवाज़ संसद तक पहुंचाने की लड़ाई

सड़क से संसद: पश्चिम बंगाल की आदिवासी बहुल झारग्राम लोकसभा सीट पर बहुत सारे आदिवासी संगठन संसद में अपना प्रतिनिधि चाहते हैं, ताकि वे अपनी आवाज़ मज़बूती के साथ रख सकें.

‘जब तक यहां से वेदांता रिफाइनरी नहीं हटती, नियमगिरी की लड़ाई जारी रहेगी’

ओडिशा के नियमगिरी क्षेत्र के लोग त्रिलोचनपुर गांव में बनी सीआरपीएफ छावनी और नियमगिरी सुरक्षा समिति के नेता लिंगराज आज़ाद की हालिया गिरफ़्तारी को वेदांता की वापसी से जोड़कर देख रहे हैं.

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