भीमा कोरेगांव हिंसा में आरोपी सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा दिल्ली से मुंबई ले जाने के संबंध में दिल्ली हाईकोर्ट ने एनआईए को दस्तावेज़ पेश करने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह मामला हाईकोर्ट के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता. शीर्ष अदालत ने एनआईए के ख़िलाफ़ हाईकोर्ट की टिप्पणी को भी रिकॉर्ड से हटा दिया है.
इस साल जनवरी में कथित तौर पर हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों के साथ गिरफ़्तार जम्मू कश्मीर के निलंबित डीएसपी दविंदर सिंह को दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल द्वारा दर्ज एक मामले में 90 दिनों के अंदर चार्जशीट दायर करने में विफल रहने के बाद ज़मानत मिली है.
एनआईए ने असम के किसान नेता अखिल गोगोई और उनके सहयोगियों के ख़िलाफ़ दायर चार्जशीट में ये कहा है. गोगोई के संगठन ने आरोप लगाया है कि एनआईए उनके सदस्यों को माओवादी ठहराने की कोशिश कर रही है.
सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा पर 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में आयोजित एलगार परिषद की बैठक में भड़काऊ भाषण देने के आरोप हैं, जिसके बाद पुणे के भीमा कोरेगांव में हिंसा भड़की थी.
मामला उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले का है. एक न्यूज़ पोर्टल के पत्रकार रविंद्र सक्सेना को सरकारी काम में बाधा डालने, आपदा प्रबंधन और हरिजन एक्ट आदि के तहत आरोपी बनाया गया है.
70 वर्षीय दलित अधिकार कार्यकर्ता आनंद तेलतुम्बड़े ने जेल में कोविड-19 से संक्रमित होने का खतरा बताते हुए जमानत अर्जी दी थी. एनआईए ने स्वीकार किया कि उनका एक सहायक सब इंस्पेक्टर कोविड-19 से संक्रमित पाया गया है. इसके बाद भी अदालत ने उनकी अंतरिम जमानत की अर्जी खारिज कर दी.
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर जाने-माने कार्यकर्ता और लेखक आनंद तेलतुम्बड़े ने 14 अप्रैल को राष्ट्रीय जांच एजेंसी के समक्ष आत्मसमर्पण किया था जिसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था.
पीपुल्स यूनियन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स ने कहा कि लॉकडाउन के बीच मानवाधिकार कार्यकर्ताओं- आनंद तेलतुम्बड़े और गौतम नवलखा की गिरफ़्तारी भारत में मानवाधिकार उल्लंघन के मुद्दों को उठाने वाले कार्यकर्ताओं, वकीलों और पत्रकारों को चुप कराने के केंद्र सरकार के प्रयासों को मज़बूत करती है.
नागरिक अधिकार कार्यकर्ता आनंद तेलतुम्बड़े और गौतम नवलखा पर 31 दिसंबर, 2017 को पुणे में आयोजित एलगार परिषद की बैठक में भड़काऊ भाषण देने के आरोप हैं, जिसके बाद पुणे के भीमा कोरेगांव में हिंसा भड़की थी.
सीजेआई एसए बोबडे को लिखे पत्र में इतिहासकार रोमिला थापर और अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि हमें इस बात की पीड़ा है कि हमारी अदालतों ने उन लोगों को निरंतर कारावास की सज़ा दी है, जिन्होंने बे-आवाज़ और हाशिये के लोगों के अधिकारों की रक्षा करने की हिम्मत की है.
सुप्रीम कोर्ट में नागरिक अधिकारी कार्यकर्ताओं गौतम नवलखा और आनंद तेलतुम्बड़े के वकील की ओर से कहा गया है कि दोनों पुरानी बीमारियों से जूझ रहे हैं और उन्हें समर्पण करने के लिए अधिक समय की ज़रूरत है.
अफ़गानिस्तान की राजधानी काबुल में बीते 25 मार्च को एक गुरुद्वारे में घुसकर की गई गोलीबारी में 27 लोगों की जान गई थी.
महाराष्ट्र के एक सामाजिक संगठन ने भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले की जांच कर रहे आयोग के सदस्यों से एनसीपी प्रमुख शरद पवार को तलब करने की मांग की थी.
असम में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान पिछले साल दिसंबर में गिरफ्तार किए गए सामाजिक कार्यकर्ता अखिल गोगोई को तीन अन्य लंबित मामलों के कारण जेल से रिहा नहीं किया जाएगा.
भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले में सप्रीम कोर्ट की पीठ ने नागरिक अधिकार कार्यकर्ताओं गौतम नवलखा और आनंद तेल्तुम्बड़े को तीन सप्ताह के भीतर आत्मसमर्पण करने को कहा है. दोनों को अपने पासपोर्ट तत्काल जमा कराने का भी निर्देश दिया गया है.