द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
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वीडियो: आगामी 19 अप्रैल को अरुणाचल प्रदेश में लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव भी होने हैं. हालांकि, सीएम पेमा खांडू समेत भाजपा के दस प्रत्याशी ऐसे हैं जिनके निर्वाचन क्षेत्र में उनके ख़िलाफ़ कोई नामांकन ही नहीं हुआ है और वे मतदान से पहले ही 'जीते' हुए माने जा रहे हैं. क्या ऐसा होना लोकतंत्र में जनता के उसके प्रतिनिधि चुनने के अधिकार के लिए ख़तरा है? प्रदेश की राजनीति पर द वायर की वरिष्ठ पत्रकार संगीता बरुआ पिशारोती से
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लोकसभा चुनाव 2024 के साथ ही 19 अप्रैल से 13 मई के बीच आंध्र प्रदेश, सिक्किम, ओडिशा और अरुणाचल प्रदेश में विधानसभा चुनाव भी होंगे.
नामसाई ज़िला प्रशासन ने एक आदेश में कहा कि खामती समुदाय के युवाओं और आदिवासी युवाओं के बीच झड़प के कारण क़ानून और व्यवस्था की गंभीर समस्या उत्पन्न हुई है. स्थिति अभी भी अस्थिर बनी हुई है. अधिकारियों ने बताया कि ज़िले से होकर गुजरने वाली परशुराम कुंड तीर्थयात्रा मार्ग को भी बदल दिया गया है.
ग़ैरक़ानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत साल 2022 में सर्वाधिक 371 मामले जम्मू कश्मीर में दर्ज हुए. इसके बाद इसके तहत मणिपुर में 167, असम में 133 और उत्तर प्रदेश में 101 मामले दर्ज हुए.
इन 256 लोगों को अरुणाचल प्रदेश की भाजपा सरकार द्वारा 2018 और इस साल की शुरुआत के बीच शिक्षा विभाग में विभिन्न पदों पर नियुक्त किया गया था. सबसे अधिक 101 कर्मचारियों को सियांग ज़िले में बर्ख़ास्त किया गया है. इसके बाद चांगलांग ज़िले में 72 और अंजाव ज़िले में 26 कर्मचारियों को बर्ख़ास्त किया गया है.
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सशस्त्र बल (विशेषाधिकार) अधिनियम, 1958 (आफस्पा) ‘अशांत क्षेत्रों’ में तैनात सेना और केंद्रीय बलों को क़ानून के ख़िलाफ़ काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को मारने, गिरफ़्तारी और बिना वारंट के किसी भी परिसर की तलाशी लेने का अधिकार देता है. साथ ही केंद्र की मंज़ूरी के बिना अभियोजन और क़ानूनी मुक़दमों से सुरक्षा बलों को सुरक्षा भी प्रदान करता है.
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अरुणाचल प्रदेश के एक ज़िले के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक पर उनके अधीन काम करने वाली एक महिला कॉन्स्टेबल ने आरोप लगाया है कि वह देर रात मैसेज कर यौन संबंध बनाने की मांग करते थे.