देश में 834 मरीज़ों पर एक डॉक्टर उपलब्ध, जो डब्ल्यूएचओ के मानकों से बेहतर है: स्वास्थ्य मंत्री

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने लोकसभा में एक सवाल के जवाब में बताया कि देश में पंजीकृत एलोपैथिक डॉक्टरों की 80 प्रतिशत उपलब्धता मानते हुए और 5.65 लाख आयुष डॉक्टरों के साथ देश में डॉक्टर-जनसंख्या अनुपात 1:834 है, जो कि डब्ल्यूएचओ के मानक 1:1000 से बेहतर है.

सवाल सेहत का: स्वास्थ्य का अधिकार आईसीयू में

वीडियो: देश में स्वास्थ्य तक पहुंच एक बड़ा मुद्दा है, लेकिन जो चीज़ इसे सुनिश्चित करती हैं, वह स्वास्थ्य देखभाल को विनियमित करने वाले विभिन्न अधिकार और कानून हैं. ‘सवाल सेहत का’ की इस कड़ी में ऐसे ही क़ानूनों के बारे में जानकारी दी गई है, जो या तो अस्तित्व में नहीं हैं या अगर मौजूद हैं, तो उन्हें ठीक से लागू नहीं किया जाता है.

दवा के प्रति प्रतिरोध बढ़ने से सरकार ने डॉक्टरों से एंटीबायोटिक्स लिखते समय कारण बताने को कहा

डॉक्टरों के संघ को भेजे गए एक पत्र में केंद्रीय स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक ने कहा है, सभी डॉक्टरों से यह तत्काल अपील है कि वे मरीज़ को रोगाणुरोधक एंटीबायोटिक्स लिखते समय सटीक कारण या औचित्य का अनिवार्य रूप से उल्लेख करें. साथ ही फार्मासिस्टों से आग्रह किया गया है कि वे वैध दवा के पर्चे के बिना इन दवाओं का वितरण न करें.

ओडिशा सरकार ने डॉक्टरों को दवाई का पर्चा पढ़ने लायक लिखावट में लिखने का निर्देश दिया

ओडिशा सरकार ने राज्य के डॉक्टरों को ‘न्यायिक प्रणाली में साक्ष्यों के संबंध में’ मेडिको-लीगल रिपोर्ट या पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को बड़े अक्षरों में या टाइप किए गए रूप में या पढ़ने लायक लिखावट में लिखने का भी निर्देश दिया. हाल ही में उड़ीसा हाईकोर्ट ने कहा था कि डॉक्टरों के बीच टेढ़ी-मेढ़ी लिखावट का चलन फैशन बन गया है.

नई न्याय संहिता में लापरवाही से मौत के मामले में डॉक्टरों को दो साल की सज़ा का प्रावधान

आईपीसी की धारा 304ए के तहत लापरवाही से मौत की सज़ा दो साल क़ैद और जुर्माना या दोनों है. भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक इस सज़ा को बढ़ाकर पांच साल कर देता है, हालांकि अन्य अपराधियों की तुलना में डॉक्टरों को अधिकतम दो साल की क़ैद का प्रावधान किया गया है.

भारत में अधिक विशेषज्ञ डॉक्टरों की ज़रूरत है: नीति आयोग के सदस्य

नीति आयोग के सदस्य विनोद के. पॉल ने एक कार्यक्रम में कहा कि हमारे पास डॉक्टरों की कमी है. भारत में प्रति 1000 जनसंख्या पर एक डॉक्टर है, अगर हम आयुष चिकित्सकों को जोड़ दें तो 1.3 डॉक्टर हैं. उन्होंने कहा कि लोगों की पर्याप्त स्वास्थ्य देखभाल के लिए देश में एमबीबीएस और विशेषज्ञ डॉक्टरों की संख्या बढ़ाना सबसे ज़रूरी है.

ओडिशा: मरीज़ों के इलाज में मदद के लिए अस्पताल के आईसीयू में भजन बजाया जाएगा

ओडिशा के कटक स्थित एससीबी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल ने घोषणा की है कि वह अपने सभी आईसीयू के अंदर ‘आध्यात्मिक भजन’ बजाएगा. अस्पताल के स्वास्थ्य विशेषज्ञों के मुताबिक, गंभीर मरीज़ों के लिए धीमी आवाज़ वाला इंस्ट्रूमेंटल भजन काफी कारगर रहेगा.

आईएमए ने जेनेरिक दवा लिखने के अनिवार्य नियम को वापस लेने की मांग की

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने एनएमसी द्वारा प्रिस्क्रिप्शन में अनिवार्य रूप से जेनेरिक दवाएं लिखने के नियम को वापस लेने की मांग करते हुए कहा है कि देश में निर्मित 1% से भी कम जेनेरिक दवाओं की गुणवत्ता का परीक्षण किया जाता है. सरकार और डॉक्टर रोगी सुरक्षा से कोई समझौता नहीं कर सकते.

मणिपुर: डॉक्टरों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के बाद सरकारी अस्पताल बंद, स्वास्थ्य सेवाएं ठप

ऑल-मणिपुर हेल्थ सर्विसेज डॉक्टर्स एसोसिएशन ने सरकार द्वारा पदोन्नति, रिटायरमेंट की उम्र समेत उनकी चार सूत्रीय मांग न मानने को लेकर अनिश्चितकालीन बंद का आह्वान किया है. चिकित्सकों की हड़ताल के कारण राज्य भर में सैकड़ों मरीज़ों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.  

महाराष्ट्र: सरकारी कॉलेजों के सात हज़ार से ज़्यादा रेज़िडेंट डॉक्टर हड़ताल पर गए

महाराष्ट्र के सरकारी कॉलेजों के रेज़िडेंट डॉक्टरों की मांगों में छात्रावासों की गुणवत्ता में सुधार करना, 7वें वेतन आयोग के अनुसार डीए, कोविड सेवा बकाया का भुगतान और सहायक तथा एसोसिएट प्रोफेसर के रिक्त पदों को भरना शामिल है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार उनकी मांगों पर ध्यान न देकर इमरजेंसी सेवाओं को बंद करने पर विचार करने के लिए उन्हें मजबूर कर रही है.

पतंजलि के विज्ञापन को भ्रामक बताते हुए डॉक्टरों ने कहा- शुगर पीड़ित इंसुलिन बंद न करें

बाबा रामदेव द्वारा संचालित कंपनी पतंजलि ने अख़बारों में विज्ञापन देकर दावा किया है कि उसकी दवाएं टाइप-1 डायबिटीज़, थायराइड और अस्थमा जैसी कई बीमारियों का इलाज कर सकती हैं. ‘एलोपैथी द्वारा फैलाई गईं ग़लत धारणाएं’ शीर्षक से प्रकाशित विज्ञापन को तमाम डॉक्टरों ने पूरी तरह से भ्रामक बताते हुए ख़ारिज किया है.

आए दिन नेताओं के अस्पतालों के दौरों से बदलता क्या है?

आपबीती: मोरबी पुल हादसे के बाद प्रधानमंत्री मोदी के अस्पताल के दौरे से पहले कायापलट की तस्वीरें सामने आई थीं. यह सब नया नहीं है. मध्य प्रदेश के ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल में ऐसे कुछ दौरों का गवाह रहने के चलते जानता हूं कि नेताओं के ऐसे दौरों से अख़बारों की सुर्ख़ियों के अलावा और कुछ नहीं बदलता है.

कोविड महामारी के दौरान जान गंवाने वाले 73 फीसदी डॉक्टरों को मुआवज़ा नहीं मिला: रिपोर्ट

एक मीडिया रिपोर्ट में सूचना के अधिकार के तहत मिली जानकारी के हवाले से बताया गया है कि 30 मार्च 2020 से 30 सितंबर 2022 तक कोविड-19 महामारी के दौरान अपना सेवाएं देते हुए जान गंवाने वाले 428 डॉक्टरों के परिवारों को 214 करोड़ रुपये का मुआवज़ा दिया गया है, जबकि आईएमए के मुताबिक महामारी की पहली दो लहरों में जान गंवाने वाले डॉक्टरों की संख्या 1,596 थी.

हिंदी में मेडिकल शिक्षा देने के निर्णय में भाषा संबंधी कई पहलुओं को नज़रअंदाज़ किया गया है

मध्य प्रदेश सरकार के मेडिकल शिक्षा का पाठ्यक्रम हिंदी में शुरू करने के निर्णय में ऐसा करने में सक्षम शिक्षकों, इसके लिए ज़रूरी किताबों, मेडिकल जर्नल और सम्मेलनों की उपलब्धता से जुड़े सवालों पर कोई जवाब नहीं है.

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