मनोहर जोशी 1995 से 1999 तक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रहे थे और अविभाजित शिवसेना से राज्य में शीर्ष पद पर आसीन होने वाले पहले नेता थे. वह संसद सदस्य के रूप में भी चुने गए और 2002 से 2004 तक लोकसभा अध्यक्ष रहे थे. बाद में वह केंद्रीय भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्री भी बने थे.
अजीत पवार और एनसीपी के आठ विधायक पिछले साल जुलाई में महाराष्ट्र के सत्तारूढ़ गठबंधन में शामिल हुए थे. कुछ ही समय बाद पवार को उपमुख्यमंत्री बनाया गया था.
शिवसेना के उद्धव ठाकरे खेमे द्वारा जून 2022 में संविधान की 10वीं अनुसूची (दल-बदल विरोधी क़ानून) के तहत मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके समर्थक विधायकों के ख़िलाफ़ अयोग्यता याचिका दायर करने के लगभग दो साल बाद महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर का शिंदे गुट को ‘असली शिवसेना’ बताने का निर्णय बीते 10 जनवरी को आया था.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा है कि वह ठाणे ज़िले में स्थित हाजी मलंग दरगाह की मुक्ति के लिए प्रतिबद्ध हैं. बीते कुछ दशकों से हिंदू पक्ष इस दरगाह को मंदिर बताता आ रहा है. हालांकि, इस दरगाह का प्रबंधन संभालने वाले हिंदू ट्रस्टी सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के हवाले से कहते हैं कि दरगाह एक मिश्रित संरचना है, जिसे हिंदू या मुस्लिम क़ानून से शासित नहीं किया जा सकता है.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कहा कि देश में जाति के नाम पर फूट पड़ती है. यदि जाति समाज में असमानता की जड़ है, तो आरएसएस का मानना है कि जाति-आधारित जनगणना जैसे कार्यों से इसे और अधिक नहीं बढ़ाया जाना चाहिए.
यूजीसी ने पूरे महाराष्ट्र के विश्वविद्यालयों और संबद्ध कॉलेजों से छात्रों को संघ नेता और एबीवीपी के संस्थापक सदस्य दत्ताजी डिडोलकर के जन्मशती वर्ष पर होने वाले समारोहों में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने को कहा है. शिवसेना (यूबीटी) की युवा शाखा ने यूजीसी के पत्र पर आपत्ति जताते हुए इसे वापस लेने का आग्रह किया है.
साल 1983 में भारत को पहला एकदिवसीय विश्व कप क्रिकेट ख़िताब दिलाने वाले पूर्व कप्तान कपिल देव ने यह भी कहा कि यह इतना बड़ा आयोजन है और लोग ज़िम्मेदारियां संभालने में इतने व्यस्त हैं कि कभी-कभी वे भूल जाते हैं. वहीं विपक्षी नेताओं ने कहा कि महिला पहलवानों के विरोध का समर्थन करने के कारण उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया.
महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के 40 विधायकों और उद्धव ठाकरे गुट के 14 विधायकों को नोटिस जारी कर उनके ख़िलाफ़ अयोग्यता याचिकाओं पर जवाब मांगा है. जून 2022 में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में हुए विद्रोह में 40 विधायकों ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली तत्कालीन सरकार का साथ छोड़ दिया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक तरफ विपक्ष के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के आरोप लगाते भाषण देते हैं, वहीं दूसरी तरफ विपक्ष के उन्हीं 'भ्रष्टाचारी' नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल करके पद, प्रतिष्ठा और सम्मान देते हैं.
वीडियो: महाराष्ट्र के कोल्हापुर में हिंदुत्ववादी संगठनों ने औरंगज़ेब और टीपू सुल्तान से संबंधित कुछ सोशल मीडिया पोस्ट के विरोध में निकाली गई रैली हिंसक हो गई थी. पुलिस ने दोनों दिन की हिंसा के संबंध में 40 से अधिक लोगों को गिरफ़्तार किया है.
महाराष्ट्र के कोल्हापुर में हिंदुत्ववादी संगठनों ने औरंगज़ेब और टीपू सुल्तान से संबंधित कुछ सोशल मीडिया पोस्टों के विरोध में रैली निकाली थी, जो हिंसक हो गई थी. पुलिस ने मंगलवार और बुधवार को हुई हिंसा के संबंध में लगभग 42 लोगों को गिरफ़्तार किया है. इसके अलावा हिंसा और सोशल मीडिया पोस्ट के संबंध में 9 केस दर्ज किए गए हैं.
उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने अपने मुखपत्र में नए संसद भवन के उद्घाटन को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि मोदी इस परिसर को अपनी 'जागीर' समझते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि उन्होंने इसे बनवाया है. पार्टी नई संसद के उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने वाले 20 दलों में शामिल है.
शिवसेना के दो फाड़ के बाद निर्वाचन आयोग द्वारा एकनाथ शिंदे गुट को शिवसेना का नाम और पार्टी चिह्न देने के फैसले की आलोचना करते हुए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि आयोग का फैसला हमें स्वीकार नहीं है. वे शिंदे गुट को पार्टी का नाम और चिह्न दे सकते हैं, लेकिन पार्टी नहीं.
चुनाव आयोग के इस फैसले को उद्धव ठाकरे ने ‘लोकतंत्र की हत्या’ क़रार दिया. उन्होंने कहा कि शिंदे गुट ने शिवसेना का चुनाव चिह्न चुरा लिया है. हम लड़ते रहेंगे और उम्मीद नहीं खोएंगे. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने इस घटनाक्रम को ‘ख़तरनाक’ बताया है.
अमेरिकी निवेशक अनुसंधान फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपनी एक रिपोर्ट में अडानी समूह पर ‘स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी’ का आरोप लगाया है. इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद समूह के शेयरों में गिरावट देखी गई है. समूह के शेयरों में निवेश की वजह से एलआईसी और एसबीआई जैसे सरकार-नियंत्रित वित्तीय संस्थानों के बाज़ार पूंजीकरण में भी गिरावट दर्ज हुई है.