द वायर बुलेटिन: आज की ज़रूरी ख़बरों का अपडेट.
समाचार एजेंसी एएनआई ने मणिपुर के एक जनजातीय संगठन के बयान वाली खबर को इस संगठन द्वारा ‘फ़र्ज़ी’ बताए जाने के बाद वापस ले लिया. न्यूज़लॉन्ड्री के अनुसार, एजेंसी ने इंडिजिनस ट्राइबल लीडर फोरम (आईटीएलएफ) के ‘आधिकारिक बयान’ का हवाला देते हुए खबर चलाई थी कि इस फोरम ने मेईतेई लोगों के साथ संघर्ष के लिए कुकी-ज़ो समुदाय से माफ़ी मांगी थी. इस रिपोर्ट को टाइम्स ऑफ इंडिया द्वारा पुनः प्रकाशित किया गया था. इसके फौरन बाद आईटीएलएफ ने एक बयान जारी कर स्पष्ट किया कि जिस प्रेस विज्ञप्ति पर रिपोर्ट आधारित थी वह पूरी तरह से फ़र्ज़ी थी और उनका जाली लेटरहेड बनाकर गलत बयान जारी किया गया था. फोरम ने मांग की थी कि एएनआई रिपोर्ट वापस ले और माफ़ी मांगे अन्यथा, आईटीएलएफ कानूनी मुकदमा शुरू करेगा. इसके कुछ ही समय बाद ही एएनआई ने यह कहते हुए कि ‘प्रेस विज्ञप्ति का स्रोत संदिग्ध है’ खबर हटा ली.
देश के 23 राज्यों में इस साल जनवरी से ईसाइयों के ख़िलाफ़ हिंसा की कम से कम 400 घटनाएं सामने आई हैं, जिनमें सर्वाधिक उत्तर प्रदेश में दर्ज हुईं. सियासत डेली के अनुसार, दिल्ली के मानवाधिकार समूह यूनाइटेड क्रिश्चियन फोरम (यूसीएफ) ने कहा कि 2023 की पहली छमाही में उत्तर प्रदेश 155 घटनाओं के साथ शीर्ष पर रहा, इसके बाद छत्तीसगढ़ (84), झारखंड (35), हरियाणा (32), मध्य प्रदेश (21), पंजाब (12), कर्नाटक (10), बिहार (नौ), जम्मू कश्मीर (आठ) और गुजरात (सात) रहे. यूपी में जौनपुर में ईसाइयों के खिलाफ हिंसा के सर्वाधिक 13 मामले दर्ज किए गए. साथ ही, जून में इस समुदाय के ख़िलाफ़ सबसे अधिक हमले देखे गए, जहां ऐसी कुल 88 घटनाएं या प्रतिदिन औसतन तीन घटनाएं दर्ज हुईं.
अनिल अंबानी की कंपनी के साथ फ्रांस की दासो एविएशन का रफाल संयुक्त उद्यम (जॉइंट वेंचर- जेवी) ख़त्म होने की संभावना है. न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि दासो ने अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस एयरोस्ट्रक्चर लिमिटेड के साथ हुए इस जेवी से कथित तौर पर बाहर निकलने का फैसला किया है. बताया जा रहा है कि अंबानी की ‘इस संयुक्त उद्यम को बनाए रखने के लिए जरूरी निवेश कर पाने में असमर्थता’ के कारण दासो ने यह निर्णय लिया है. साल 2017 में दोनों कंपनियों ने भारत के 36 रफाल फाइटर जेट खरीदने के 7.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर के सौदे के ऑफसेट दायित्वों को संभालने के लिए संयुक्त उद्यम शुरू किया था. 51-49 प्रतिशत वाले इस जेवी में अंबानी बहुलांश के भागीदार हैं.
मध्य प्रदेश में पटवारियों की नियुक्ति के लिए परीक्षा के नतीजों में बड़े पैमाने पर धांधली के आरोप लगे हैं. इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि 10 में से सात टॉपर्स ने भाजपा के एक विधायक के स्वामित्व वाले केंद्र पर परीक्षा दी है. लगभग 9.8 लाख छात्रों ने पटवारी के पद के लिए बीते 26 अप्रैल को परीक्षा दी थी. रिजल्ट 30 जून को घोषित किए गए और 10 जुलाई को शीर्ष 10 टॉपर्स की सूची जारी हुई. इनमें से सात टॉपर्स के ग्वालियर के एनआरआई कॉलेज में परीक्षा देने के बाद विवाद खड़ा हो गया है, जो भाजपा विधायक संजीव कुशवाह के स्वामित्व में है. कांग्रेस ने शिवराज सरकार से स्पष्टीकरण मांगते हुए परीक्षा की सीबीआई जांच की मांग की है, वहीं गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने परीक्षा में किसी भी अनियमितता की बात से इनकार किया है.
तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) ने कहा है कि देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) से पहले समान जाति कोड की ज़रूरत है. हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, पार्टी महासचिव दुरई मुरुगन ने एक बयान में कहा कि सभी धर्मों के लिए यूसीसी लाने से पहले जातिगत भेदभाव और अत्याचारों को खत्म करने के लिए एक समान जाति कोड की जरूरत है. ज्ञात हो कि पार्टी ने विधि आयोग को पत्र लिखकर प्रस्तावित यूसीसी पर आपत्ति दर्ज कराई है. मुरुगन ने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा का एक राष्ट्र, एक भाषा, एक संस्कृति का जुनून अब एक नागरिक संहिता में बदल रहा है.’
हरियाणा में बाढ़ प्रभावित गांव का निरीक्षण कर रहे जननायक जनता पार्टी (जजपा) विधायक को महिला द्वारा थप्पड़ मारने की घटना सामने आई है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जजपा विधायक ईश्वर सिंह उनके विधानसभा क्षेत्र गुहला-चीका के बाढ़ प्रभावित भटिया गांव का निरीक्षण करने गए थे. भारी बारिश के बाद घग्गर नदी के उफान पर होने से यह इलाका जलमग्न हो गया है. घटना के कथित वीडियो में एक महिला को सार्वजनिक रूप से विधायक को थप्पड़ मारते हुए और उन्हें गाली देते हुए देखा जा सकता है. विधायक को थप्पड़ मारने से पहले महिला वीडियो में कह रही हैं, ‘अब क्यों आए हो?’ सिंह का कहना है कि वह महिला के ख़िलाफ़ कोई क़ानूनी कार्रवाई नहीं करेंगे.
भारत ने स्वीडन में क़ुरान जलाने की घटना के विरोध में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) द्वारा लाए गए प्रस्ताव का समर्थन किया है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, जून के अंत में स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में केंद्रीय मस्जिद के बाहर एक व्यक्ति ने कुरान की एक प्रति फाड़कर जला दी थी. स्वीडिश पुलिस ने उस पर एक जातीय या राष्ट्रीय समूह के खिलाफ आंदोलन करने का आरोप लगाया था. घटना के बाद यूएनएचआरसी ने धार्मिक नफ़रत का मुक़ाबला करने के लिए पाकिस्तान द्वारा ओईसी की तरफ से पेश मसौदा प्रस्ताव अपनाया है. इसके पक्ष में मतदान करने के अलावा भारत ने क़ुरान जलाने पर अलग से कोई प्रतिक्रिया नहीं दी और न ही घटना की निंदा की है.
राजस्थान में एक मुस्लिम व्यक्ति को कथित तौर पर पीटा गया और ‘जय श्रीराम’ बोलने को मजबूर किया गया. द हिंदू के मुताबिक, घटना बीते 8 जुलाई को भीलवाड़ा ज़िले में हुई. 32 वर्षीय मुस्लिम व्यक्ति का आरोप है कि वह एक दुकान पर सामान लेने गए थे, जब कुछ लोगों ने घेरकर हमला किया और ‘जय श्रीराम’ कहने पर मजबूर किया. पुलिस ने इस संबंध में एफ़आईआर दर्ज कर तीन लोगों को गिरफ़्तार कर लिया है.