यह घटना गुना ज़िले के विजयपुरा थानाक्षेत्र की है. लाड़पुरा गांव में मोबाइल फोन चोरी करने के संदेह में दो लोगों ने दलित युवक की लाठी और जलती हुई लकड़ी से बेरहमी से पिटाई की. उसे निर्वस्त्र कर पीटते हुए वीडियो बनाया. पुलिस ने बताया है कि एक आरोपी की गिरफ़्तारी हुई है और दूसरे की तलाश जारी है.
बीजू जनता दल के राज्यसभा सदस्य प्रसन्न आचार्य ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि 2019 में देश में 42,480 किसानों और दिहाड़ी मज़दूरों ने आत्महत्या की, जो पिछले साल की तुलना में छह प्रतिशत अधिक मामले थे. उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों की मांग के अनुरूप न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी देने के लिए क़ानून बनाने के बारे में कोई घोषणा नहीं की है.
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में बताया कि देश में वर्ष 2018 में सांप्रदायिक दंगों के 512 मामले, 2019 में 438 मामले और 2020 में 857 मामले दर्ज किए गए. इन मामलों में कुल 8,565 लोगों को गिरफ़्तार किया गया. सांप्रदायिक दंगों के सर्वाधिक मामले बिहार में दर्ज किए गए. इसके बाद महाराष्ट्र और हरियाणा का स्थान रहा.
जबलपुर के एक व्यक्ति ने एक याचिका में कहा था कि उन्होंने महाराष्ट्र की एक हिंदू महिला से शादी की और महिला ने स्वेच्छा से इस्लाम धर्म अपनाया पर उनके माता-पिता ने जबरन उन्हें ले जाकर क़ैद कर लिया. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने उन्हें साथ रहने की इजाज़त देते हुए कहा कि बिना किसी दबाव के साथ रहने के इच्छुक बालिगों के मामले में किसी तरह की नैतिक पुलिसिंग की अनुमति नहीं दी जा सकती.
दिल्ली हाईकोर्ट एक डॉक्टर की पत्नी की याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिनकी मौत जून 2020 में महामारी की पहली लहर के दौरान कोविड-19 से हुई थी. दिल्ली सरकार के वकील ने कहा कि वर्तमान में सरकार का निर्णय ऐसे मामलों में केवल सरकारी अस्पतालों या उन अन्य अस्पतालों में सेवारत डॉक्टरों और अन्य पैरामेडिकल कर्मचारियों के संबंध में अनुग्रह राशि प्रदान करने का प्रावधान करता है.
दस दिन पहले उत्तरी मुंबई के मलाड में भीड़ ने शाहरुख शेख़ नामक व्यक्ति को चोर होने की आशंका में कथित तौर पर इतना पीटा था कि उनकी मौत हो गई. मृतक के परिजनों ने विरोध प्रदर्शन कर घटना में शामिल लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने की मांग की. पुलिस ने मृतक के ख़िलाफ़ चोरी का भी मामला दर्ज किया है.
परेश बरुआ के नेतृत्व वाले उग्रवादी संगठन उल्फा (आई) ने कहा कि कोविड-19 की स्थिति के मद्देनज़र वह बंद या गणतंत्र दिवस समारोह के बहिष्कार का आह्वान नहीं करेगा. हालांकि बरुआ ने ऐसे समय में पांच-दिवसीय कार्यक्रम के साथ गणतंत्र दिवस समारोह मनाने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की.
रक्षा विशेषज्ञ सी. उदय भास्कर का कहना है कि पूर्वी लद्दाख में स्थिति ज्यों की त्यों बनी हुई है. पीएलए भारत के दावे वाली सीमारेखा के भीतर बुनियादी ढांचा सुदृढ़ कर रहा है. इस लिहाज़ से गलवान घाटी की घटना के बाद भारत कम अनुकूल स्थिति में है.
आरोप है कि गोरखपुर ज़िले की एक अदालत के गेट के सामने सेवानिवृत्त जवान भागवत निषाद ने अपनी लाइसेंसी पिस्तौल से दिलशाद नामक व्यक्ति के सिर में गोली मार दी, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई. फरवरी 2020 में भागवत ने दिलशाद के ख़िलाफ़ बेटी के अपहरण और बलात्कार का मामला दर्ज करवाया था.
मध्य प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष शोभा ओझा ने कहा कि महिलाओं को मिलने वाली लंबी शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना के बाद मुआवज़ा उनके ज़ख़्मों की भरपाई नहीं कर सकता. बेहतर होता कि राज्य सरकार बेतहाशा बढ़ रही घरेलू हिंसा की घटनाओं को रोकने की दिशा में ठोस और कारगर क़दम उठाती.
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने पिछले महीने पुलिस कार्रवाई में प्रयुक्त होने वाले अन्य भाषाओं के शब्दों को हिंदी के प्रचलित शब्दों से बदलने की घोषणा की थी. विभिन्न ज़िलों के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को ग़ैर हिंदी के शब्दों को आधिकारिक शब्दावली से बदलने के बारे में सात दिन के अंदर सुझाव देने को कहा है.
सुप्रीम कोर्ट पिछले साल महिलाओं को एनडीए परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी थी. कोर्ट ने अब केंद्र सरकार से पूछा है कि उसके आदेश के बावजूद वर्ष 2022 के लिए राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में महिला उम्मीदवारों की सीट 19 पर ही सीमित क्यों की गई है.
घटना सूरत ज़िले के चलथाण क्षेत्र की एक रिहायशी इमारत में हुई. पुलिस ने बताया कि मंगलवार शाम को सीवर में जाने के कुछ मिनट बाद ही ज़हरीली गैस के चलते दोनों बेहोश हो गए. स्थानीय लोग उन्हें बाहर निकालकर अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने उत्तर प्रदेश सरकार से कथित रूप से ‘ग़ैरक़ानूनी और भ्रमित करने वाले’ फतवों को लेकर यह भी कहा कि जब तक इस तरह की सामग्री हटा नहीं ली जाती है, तब तक इस तक पहुंच को प्रतिबंधित कर दिया जाए. आयोग ने क़ानून के कथित उल्लंघन करने के लिए भी संस्थान के ख़िलाफ़ आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा है.
चुनाव आयोग ने पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र राजनीतिक दलों को यह छूट दी है कि वे अधिकतम 300 व्यक्तियों के साथ या हॉल क्षमता के 50 प्रतिशत या राज्य आपदा प्रबंधन अधिकारियों द्वारा निर्धारित सीमा के तहत बंद स्थानों पर बैठकें आयोजित कर सकते हैं. आयोग ने कहा कि वह बाद में स्थिति की समीक्षा करेगा और नया निर्देश जारी करेगा.