पूर्वी उत्तर प्रदेश की कुशीनगर सीट पर कौन-कितने पानी में?

पूर्वी उत्तर प्रदेश की कुशीनगर लोकसभा सीट पर भाजपा से विजय दुबे, कांग्रेस से आरपीएन सिंह और सपा-बसपा गठबंधन की ओर से नथुनी प्रसाद कुशवाहा चुनाव मैदान में हैं.

आम्बेडकरनगर सीट: क्या भाजपा को भी ‘मोदी लहर’ पर भरोसा नहीं रहा?

पूर्वी उत्तर प्रदेश की आम्बेडकरनगर लोकसभा सीट पर भाजपा ने अपने वर्तमान सांसद हरिओम पांडेय का टिकट काटकर प्रदेश सरकार में मंत्री मुकुट बिहारी वर्मा को प्रत्याशी बनाया है.

… तो देश को 1977 में ही मिल जाता पहला दलित प्रधानमंत्री

चुनावी बातें: 1977 के लोकसभा चुनाव में जीत के बाद जनसंघ के सांसद चाहते थे कि बाबू जगजीवन राम के रूप में पहला दलित प्रधानमंत्री देकर देश को नया संदेश दिया जाए, लेकिन राजनीतिक जटिलताओं के चलते ऐसा हो न सका.

अब तक गठित सोलह लोकसभाओं में तीसरी ने देखे सबसे बुरे दिन

चुनावी बातें: तीसरी लोकसभा के कार्यकाल के दौरान देश ने अपने पड़ोसी देशों चीन और पाकिस्तान के आक्रमणों का मुक़ाबला किया और अपने दो प्रधानमंत्रियों को गंवाया.

अयोध्या का एक गांव जहां लोगों ने कभी वोट नहीं डाला

चुनावी बातें: उत्तर प्रदेश के अयोध्या ज़िले की फ़ैज़ाबाद लोकसभा सीट के मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में स्थित इस गांव का नाम पूरे बोध तिवारी है.

जब राजमाता सिंधिया के ‘धर्मपुत्र’ ने उनके समर्थन के बावजूद उनके बेटे से शिकस्त खाई

चुनावी बातें: 1984 में भाजपा से अटल बिहारी वाजपेयी और कांग्रेस से माधवराव सिंधिया ग्वालियर से मैदान में थे, जिससे विजयाराजे सिंधिया के सामने पार्टी व पुत्र के बीच चुनाव का धर्मसंकट आ खड़ा हुआ था. उस पर अटल बिहारी ने ख़ुद को उनका धर्मपुत्र बताकर इस दुविधा को और बढ़ा दिया था.

देश की आज़ादी से भी पुरानी हैं चुनावी हिंसा की जड़ें

चुनावी बातें: चुनाव में होने वाली हिंसा की नींव आज़ादी से पहले ही पड़ चुकी थी. झारखंड (तत्कालीन बिहार) में मार्च 1946 में हिंसक तत्वों ने संविधान सभा के प्रतिनिधि के चुनाव को भी स्वतंत्र व निष्पक्ष नहीं रहने दिया था.

जब चौधरी चरण सिंह बोले- अगर मेरे दल का प्रत्याशी किसान-मज़दूरों से धोखा करता हो, तो वोट न देना

चुनावी बातें: चौधरी चरण सिंह ने एक चुनावी सभा में मतदाताओं से कहा था कि अगर उनकी पार्टी का प्रत्याशी चारित्रिक रूप से पतित हो या शराब पीता हो, तो वे उसे हराने में संकोच न करें.

जब लालू यादव ने सपा-बसपा गठबंधन के ख़िलाफ़ किया था जनता दल के लिए चुनाव प्रचार

चुनावी बातें: सपा-बसपा के पहले गठबंधन के समय उत्तर प्रदेश विधानसभा के मध्यावधि चुनाव में जनता दल ने अपने प्रचार की ज़िम्मेदारी लालू प्रसाद यादव के कंधों पर डाली थी.

जब मकान मालिक ने किराया न देने पर पूर्व प्रधानमंत्री का सामान बाहर फिंकवा दिया था

चुनावी बातें: देश की राजनीति में एक समय ऐसा भी था जब सादगी हमारे नेताओं के बीच एक स्थापित परंपरा हुआ करती थी.

जब बिना करोड़ों के ख़र्च और वोट मांगे बग़ैर भी चुनाव जीत जाते थे नेता

चुनावी बातें: मौजूदा दौर में जब चुनाव का वास्तविक ख़र्च करोड़ों में होता है, इस बात की कल्पना भी मुमकिन नहीं कि कोई निर्धन प्रत्याशी ख़ाली हाथ चुनाव के मैदान में उतरेगा और जीत जाएगा, पर 1967 में ऐसा हुआ था.

कांग्रेस का घोषणा-पत्र: चाय पर चर्चा से भली आय पर चर्चा

कांग्रेस का घोषणा-पत्र कम से कम इस अर्थ में बहुत सार्थक है कि तात्कालिक रूप से ही सही, देश के राजनीतिक विमर्श की दशा व दिशा बदलने के संकेत मिल रहे हैं.

जब बलरामपुर की जनता ने अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी अभद्र टिप्पणी के लिए सबक सिखाया

चुनावी बातें: नेताओं की बदज़ुबानी के लिए उन्हें सबक सिखाने में मतदाताओं की उदासीनता भी ज़िम्मेदार है, लेकिन एक वो समय था जब 1962 में उत्तर प्रदेश की बलरामपुर लोकसभा सीट के मतदाताओं ने अटल बिहारी वाजपेयी जैसे वाकपटु नेता की अभद्र टिप्पणी के चलते उनकी जीती हुई बाज़ी पलटकर हार का मज़ा चखा दिया था.

प्रियंका गांधी के अयोध्या जाने से भाजपा क्यों बौखलाई हुई है

बीते दिनों अयोध्या स्थित हुनमानगढ़ी मंदिर में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के जाने पर वित्त मंत्री अरुण जेटली सहित कई नेताओं ने सवाल उठाया है.

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