निर्भया कोष के तहत मुंबई पुलिस द्वारा ख़रीदे गए वाहनों का इस्तेमाल महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले शिवसेना गुट के विधायकों और सांसदों को ‘वाई-प्लस एस्कॉर्ट सुरक्षा’ प्रदान करने के लिए किए जाने का मामला सामने आया है. विपक्ष ने सरकार पर हमला करते हुए पूछा कि क्या सत्तारूढ़ विधायकों की सुरक्षा महिलाओं की सुरक्षा से अधिक महत्वपूर्ण है.
वीडियो: स्वराज इंडिया के संस्थापक और कार्यकर्ता योगेंद्र यादव शुरुआत से ही कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में भाग ले रहे हैं. उनका कहना है कि भले ही वह कांग्रेस पार्टी के सदस्य नहीं हैं, लेकिन वह लोगों को एक साथ लाने के महत्व को पहचानते हैं. द वायर के याक़ूत अली ने उनसे आम आदमी पार्टी सहित समसामयिक राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा की.
अहमदाबाद के जमालपुर-खड़िया विधानसभा क्षेत्र से निवर्तमान कांग्रेस विधायक इमरान खेड़ावाला ने गुजरात विधानसभा चुनाव में अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी भाजपा के भूषण भट्ट को मात दी. इस बार कांग्रेस ने छह, आप ने तीन, एआईएमआईएम ने 12 मुस्लिम प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था. वहीं, सत्तारूढ़ भाजपा ने किसी भी मुस्लिम को टिकट नहीं दिया था.
मैसूर के शासक टीपू सुल्तान के समय में सलाम आरती की रस्म शुरू की गई थी. टीपू ने मैसूर राज्य के कल्याण के लिए इसकी शुरुआत की थी. अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ लड़ाई में उनकी मृत्यु के बाद भी राज्य भर के विभिन्न हिंदू मंदिरों में यह रस्म जारी है.
भाजपा नेता और पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने कलकत्ता हाईकोर्ट में एक रिट याचिका दायर करते हुए कहा था कि सत्ता के इशारे पर उनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज की गई हैं. अदालत ने अपने आदेश में कहा कि बिना उसकी अनुमति लिए उन पर भविष्य में कोई केस दर्ज न किया जाए.
माकपा सांसद जॉन ब्रिटास ने मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति में पारदर्शिता, तटस्थता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए भारत के संविधान में संशोधन को लेकर एक निजी विधेयक पेश किया. संविधान (संशोधन) विधेयक-2022 में भारतीय चुनाव आयोग का एक स्थायी स्वतंत्र सचिवालय स्थापित करने की भी बात कही गई है.
हिमाचल प्रदेश के नादौन से चार बार के विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू ने मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद कहा कि वह पहली कैबिनेट बैठक में पुरानी पेंशन योजना लागू करेंगे. देश में छत्तीसगढ़ और राजस्थान के बाद यह तीसरा राज्य है, जहां कांग्रेस की सरकार होगी.
नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फ़ारूक़ अब्दुल्ला ने आरोप लगाया कि युवाओं को नौकरी देना तो दूर की बात है, जम्मू कश्मीर से जुड़े मामलों पर नियंत्रण रखने वाली केंद्र सरकार ने सैकड़ों नौकरीपेशा युवाओं को बाहर का रास्ता दिखा दिया है.
भाजपा सांसद रवि किशन ने जनसंख्या वृद्धि पर नियंत्रण के प्रावधान वाला एक निजी विधेयक लोकसभा में पेश किया है. इसका उद्देश्य लोगों को दो से अधिक बच्चों को जन्म देने से हतोत्साहित करना है. इसमें कहा गया है कि दो से अधिक बच्चे पैदा करने वालों को सरकारी नौकरियों और सरकारी सुविधा और सब्सिडी के लिए अयोग्य बनाया जाना चाहिए.
भारत के लिए गुजरात के चुनाव परिणाम का विचारधारात्मक आशय काफ़ी गंभीर होगा. गुजरात के बाहर भी मुसलमान और ईसाई विरोधी घृणा और हिंसा में और तीव्रता आएगी. श्रमिकों, किसानों, छात्रों आदि के अधिकार सीमित करने के लिए क़ानूनी तरीक़े अपनाए जाएंगे. संवैधानिक संस्थाओं पर भी दबाव बढ़ेगा.
विपक्षी सदस्यों ने इस विधेयक को संविधान के ख़िलाफ़ बताते हुए कहा कि इससे देश की विविधता की संस्कृति को नुकसान पहुंचेगा. उन्होंने कहा कि इससे देश के सामाजिक ताने-बाने को क्षति पहुंचने की आशंका है. उन्होंने भाजपा सदस्य किरोड़ीमल मीणा मीणा से यह निजी विधेयक वापस लेने का अनुरोध किया.
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा को केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर के पैतृक ज़िले हमीरपुर की पांच में से एक भी विधानसभा सीट पर जीत नहीं मिली. ठाकुर के संसदीय क्षेत्र की कुल 17 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस ने 10 पर जीत हासिल की है, दो पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं.
इस बार के हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में भाजपा ने छह, आप ने पांच और कांग्रेस ने तीन महिलाओं को टिकट दिया था, लेकिन भाजपा की रीना कश्यप ही सिरमौर ज़िले की पच्छाद सीट से जीत हासिल कर सकीं. 1967 के बाद से 15 चुनावों में केवल 43 महिलाएं ही राज्य विधानसभा के लिए चुनी गई हैं.
राज्यसभा नियमों के अनुसार, बहस के दौरान राजनीतिक दलों की संख्या के अनुसार समय का आवंटन किया जाता है. जिस दल के जितने अधिक सदस्य होते हैं, उसे उतना ही अधिक समय दिया जाता है. पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा सदन में अपनी पार्टी जद (एस) के एकमात्र सदस्य हैं, इसलिए उन्हें अपनी बात रखने के लिए सबसे कम समय आवंटित होता है.
न्यायाधीशों की नियुक्ति के मौजूदा कॉलेजियम प्रणाली को समाप्त करने के लक्ष्य से सरकार द्वारा लाए गए राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) क़ानून को सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में ख़ारिज कर दिया था. केंद्र की प्रतिक्रिया ऐसे समय में आई है, जब न्यायाधीशों की नियुक्ति की को लेकर न्यायपालिका के साथ उसका गतिरोध जारी है.