सीएए नियमों की अधिसूचना की संयुक्त राष्ट्र और एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कड़ी आलोचना की और कहा कि सीएए का अमल समानता और धार्मिक भेदभाव न करने के भारतीय संवैधानिक मूल्यों के लिए एक झटका है.
इज़रायली विदेश मंत्रालय के दस्तावेज़ों से पता चलता है कि इज़रायली राजनयिक भारतीय हिंदुत्ववादी दक्षिणपंथियों को 'फासीवादी' समझते थे. साथ ही, वे ऐसा मानते थे कि उनकी विचारधारा मुसलमानों से नफ़रत पर आधारित है, फिर भी उन्होंने दक्षिणपंथियों के साथ सावधानीपूर्वक संबंध बनाए रखे.
'डेमोक्रेसी विनिंग एंड लूज़िंग एट द बैलट (चुनाव में लोकतंत्र की जीत और हार)' शीर्षक वाली रिपोर्ट वी-डेम इंस्टिट्यूट की डेमोक्रेसी रिपोर्ट-2024 में कहा गया है कि भारत 2023 में ऐसे शीर्ष 10 देशों में शामिल रहा जहां अपने आप में पूरी तरह से तानाशाही अथवा निरंकुश शासन व्यवस्था है.
गाजा शहर में गुरुवार को सहायता दल से खाना लेने की कोशिश कर रहे फिलिस्तिनियों की बड़ी भीड़ पर गोलियां बरसाने की बात इज़रायली अधिकारियों ने भी स्वीकारी है. वहीं, फिलीस्तानी स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसे नरसंहार ठहराते हुए कहा कि कम से कम 104 लोगों की मौत हुई और लगभग 760 लोग घायल हुए हैं.
अमेरिकी सैनिक ऐरोन बुशनेल ने वॉशिंगटन डीसी में इज़रायली दूतावास के सामने 'फ्री फ़िलिस्तीन' का नारा लगाते हुए ख़ुद को ज़िंदा जला लिया ताकि दुनिया की नज़रें गाजा की ओर मुड़ जाएं. क्या बुशनेल जैसे लोग भुला दिए जाएंगे? क्या कोई युद्ध के विरोध में प्रतिबद्धता दिखाएगा और गाजा से लेकर यूक्रेन तक मानवीय नरसंहार का विरोध करने के लिए खड़ा हाेगा?
मृतक की पहचान गुजरात के सूरत शहर निवासी हेमिल अश्विनभाई मंगुकिया के रूप में हुई है. वह दिसंबर 2023 से रूस में थे. 100 से अधिक भारतीय नागरिकों को रूसी सेना द्वारा सुरक्षा सहायकों के रूप में भर्ती किया गया है. उनमें से कुछ को रूसी सेना की तरफ़ से लड़ने के लिए मजबूर किया जा रहा है, जबकि ऐसा कहा गया था कि उन्हें युद्ध क्षेत्र में नहीं भेजा जाएगा.
पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश क़ाज़ी फैज़ ईसा की अगुवाई वाली तीन जजों की पीठ ने इसी महीने ईशनिंदा के आरोप में सात महीने से क़ैद में रखे गए अहमदिया समुदाय के एक शख़्स को ज़मानत दी थी. इसके बाद उनके आदेश की आलोचना के साथ उन्हें मौत की धमकियों का सामना भी करना पड़ा.
प्रमुख भारतीय बंदरगाहों पर लगभग 3,500 श्रमिकों का प्रतिनिधित्व करने वाले वॉटर ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की ओर से कहा गया है कि उसने इज़रायल या किसी अन्य देश से हथियारबंद कार्गो को लोड या अनलोड करने से इनकार करने का फैसला किया है, जो फिलिस्तीन के साथ युद्ध का हिस्सा हो सकते हैं.
फ्रांसीसी पत्रकार वेनेसा डॉनेक 25 साल से भारत में थीं. वह चार फ्रांसीसी प्रकाशनों की दक्षिण एशियाई संवाददाता थीं. गृह मंत्रालय के नोटिस में उन पर लगाए गए आरोपों में भारत के बारे में ‘नकारात्मक धारणा’ बनाने वाली ‘दुर्भावनापूर्ण’ रिपोर्टिंग से लेकर अव्यवस्था भड़काना, प्रतिबंधित क्षेत्रों की यात्रा के लिए अनुमति न लेना और पड़ोसी देशों पर रिपोर्टिंग करना शामिल है.
रूस में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के मुखर विरोधी 47 वर्षीय एलेक्सी नवेलनी का जेल में निधन हो गया है. पुतिन को वे देश में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का दोषी बताते थे. उनकी मौत रूसी इतिहास में एक नया अध्याय है. देश ने अपना सबसे मज़बूत विपक्षी नेता खो दिया है, जो यह दिखाने में सक्षम था कि जेल से भी क्रेमलिन के ख़िलाफ़ खड़ा होना संभव है.
अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा के आंकड़ों में यह जानकारी सामने आई है. इसके अनुसार, जन्म के देश के हिसाब से 2023 में प्राकृतिक रूप से जन्म लेने वालों में भारतीय, अमेरिका में दूसरा सबसे बड़ा समूह थे. 2023 में अमेरिका में प्राकृतिक रूप से रहने वाले व्यक्तियों की संख्या के मामले में भी भारत 6.7 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर रहा.
इज़रायली रक्षा बलों द्वारा गाज़ा के घनी आबादी वाले शहरी इलाकों में हमलों के लिए इस्तेमाल किए जा रहे ड्रोन हर्मेस 900 की आपूर्ति में एक भारतीय समूह की भूमिका मोदी सरकार की तत्काल युद्धविराम की मांग करने वाली आधिकारिक स्थिति के विपरीत प्रतीत होती है.
बीते 5 फरवरी को मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने घोषणा की थी कि भारत अपने सैन्यकर्मियों को ‘वापस बुलाने’ पर सहमत हो गया है. भारतीय विदेश मंत्रालय के आधिकारिक बयान में विवरण नहीं दिया गया और केवल इतना कहा गया कि दोनों देश ‘पारस्परिक रूप से व्यावहारिक समाधानों के एक सेट पर सहमत हुए हैं.
सुरक्षा स्थिति का हवाला देते हुए सरकार ने भारतीय नागरिकों से म्यांमार का रखाइन क्षेत्र छोड़ने को कहा
रखाइन क्षेत्र जुंटा के सामने सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ है, जहां रखाइन एथनिक माइनॉरिटी की सशस्त्र शाखा अराकान सेना ने पिछले नवंबर में युद्धविराम रद्द कर दिया था. भारतीय विदेश मंत्रालय ने वहां की स्थिति के मद्देनज़र भारतीयों से वहां न जाने को कहा है.
पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में तक़रीबन एक महीने के आंदोलन के बाद बलोच महिलाओं ने बीते 22 जनवरी को इसे समाप्त कर दिया. महिलाओं ने पाकिस्तान सरकार पर उनके ख़िलाफ़ अत्याचार करने के आरोप लगाए हैं. इनके अनुसार, वे समाधान की तलाश में इस्लामाबाद आए थे, लेकिन इस्लामाबाद ने उनके ख़िलाफ़ हिंसा का एक और अध्याय जोड़ दिया.